गेहूं की रोटी कैसे फूल जाती है, जबकि मक्का, ज्वार, बाजरे की रोटी नहीं फूलती?

गेहूं की रोटी कैसे फूल जाती है, जबकि मक्का, ज्वार, बाजरे की रोटी नहीं फूलती?

How come wheat bread rises while maize, sorghum and millet bread does not rise?

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करता हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।

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मैं हूं आपका दोस्त सचिन डाबोदिया।

दोस्तों जब भी अपने अपने घर में रोटी बनते हुए देखी होगी तो आपने ध्यान दिया होगा कि जब भी हम गेहूं की रोटी बनाते हैं तो वह तुरंत से उसकी आग पर रखते ही फूल जाती है। जबकि अगर आप बाजरा, ज्वार या फिर मक्के की रोटी बनाते हैं तो वह भले ही जल जाए लेकिन कभी नहीं फूलती। 

तो दोस्तों आज के इस लेख में हम यही जानेंगे कि गेहूं की रोटी क्यों फूलती है जबकि बाजरे, ज्वार और मक्के की रोटी बिल्कुल नहीं फूलती।

दोस्तों गेहूं में एक खास प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है जिसे ग्लूटेन के नाम से जाना जाता है अगर आप लोगों ने बिस्किट को कभी ध्यान से पढ़ा हो तो वहां पर भी लिखा होता है एक बिस्किट में ग्लूटेन होता है और दूसरे बिस्किट जिसमें ग्लूटेन नहीं होता। उसके ऊपर ग्लूटेन फ्री बिस्कुट लिखा हुआ होता है। आमतौर पर ग्लूटेन फ्री बिस्कुट दोस्तों महंगे मिलते हैं और ग्लूटेन वाले बिस्किट सस्ते मिलते हैं।

अब दोस्तों जो ग्लूटेन होता है उस प्रोटीन के कारण जब हम गेहूं के आटे को गुंथते हैं तो वह फुल कर काफी मोटा हो जाता है। लेकिन अगर आप बाजरे के, ज्वार के या मकई के आटे को गुंथते हैं तो वह फूलता नहीं है। ऐसा इसलिए है दोस्तों क्योंकि आमतौर पर बाजरा, ज्वार, मक्का इन सब में ग्लूटेन नाम का प्रोटीन नहीं पाया जाता। 

अब दोस्तों बात करते हैं की रोटी फूल कैसे जाती है?

दोस्तों जो ग्लूटेन नामक प्रोटीन की हम ऊपर बात कर रहे हैं उस प्रोटीन से आटे के अंदर हवा और गैस भर जाती है। इसीलिए जब हम आटा लगते हैं तो आटा भी फूल कर काफी मोटा हो जाता है और जब हम उसे रोटी के आकार में बनाते हैं और चूल्हे के ऊपर रखते हैं तो अंदर से वह ग्लूटेन फूल जाता है और साथ ही उसके अंदर फंसी हुई गैस और वायु उसके कारण रोटी भी फूल जाती है और वह हमें फूली हुई दिखाई देती है।

दोस्तों वैसे ऐसा भी बिल्कुल नहीं है कि बाजरे, ज्वार या फिर मक्के की रोटियां बिल्कुल भी नहीं फूलती है। थोड़ा बहुत तो वह भी फूलती हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम आटा लगाते हैं उसे समय जो पानी का उपयोग हम उसको लगाते हुए करते हैं। जैसे ही उस रोटी को हम तवे पर रखते हैं तो उसके अंदर मौजूद पानी जिसे हमने आटा लगाते हुए इस्तेमाल किया है वह भांप बनकर उड़ने की कोशिश करता है। अब रोटी में कोई छेद ना होने के कारण वह फूलता है जैसे ही रोटी में छेद हो जाता है तो वह कार्बन डाइऑक्साइड गैस धीरे-धीरे करके निकलने लगती है।

दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको जानकारी पसंद आई होगी अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे अन्य लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं साथ ही आप हमारे आर्टिकल पढ़ने के लिए रोज सुबह 10:00 आ सकते हैं।

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