बैंक कर्मचारियों के इतने अधिक चिड़चिड़े होने का क्या कारण है?

बैंक कर्मचारियों के इतने अधिक चिड़चिड़े होने का क्या कारण है?

What is the reason behind bank employees being so irritable?

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करता हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।

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मैं हूं आपका दोस्त सचिन डाबोदिया।

दोस्तों अपने ज्यादातर बैंकों में आपने जाकर देखा होगा कि वहां पर बैंक कर्मचारी एक दूसरे को गालियां देते रहते हैं और वहां पर आने वाली जनता को भी अच्छे से जवाब नहीं देते हैं। हमेशा बैंक के कर्मचारी काफी सुस्त और एकदम थके हुए दिखाई देते हैं। चलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि बैंक के कर्मचारी इतने अधिक चिड़चिड़े क्यों होते हैं।

दोस्तों जब भी आप खास तौर पर स्टेट बैंक में जाते हो तो आपको वहां पर हमेशा यही बोला जाता है कि लंच के बाद आईए। दोस्तों आप यह सुन सुन कर पक जाते हैं और आपको गुस्सा भी आता है लेकिन आप इसलिए कुछ नहीं कह पाए क्योंकि वह सरकारी कर्मचारी है और उनके ऊपर सरकार का हाथ है।

आईए दोस्तों आज हम बात करेंगे कि बैंक के कर्मचारी इतने अधिक चिड़चिड़े क्यों होते हैं। क्या कारण है कि बैंक के कर्मचारी आपका काम करके इतने खुश नहीं होते हैं। इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित है:

दोस्तों सबसे पहला कारण है कि बैंकों में इतनी भीड़ होती है कि सामने वाला अपने आप रोज कम कर करके एकदम बोर हो जाता है। ऊपर से बैंकों में भीड़ नहीं टूटनी है उनका यह रोज का काम हो जाता है। जिससे कि बहुत ज्यादा लोग बैंकों में चक्कर काटते रहते हैं और उनके ऊपर मानसिक दबाव बढ़ता रहता है।

दोस्तों बैंकों में पड़ा पेंडिंग काम भी कर्मचारियों को सुस्त बनता है। क्योंकि बैंक उन्हें पूरी तरह चूस लेता है। ऊपर से जब आम आदमी बैंक में चक्कर लगाना शुरु करता है तो बैंकों में आमतौर पर बहुत भीड़ हो जाती है और उनके ऊपर पुराने काम का भी भरा होता है। जिससे कि कर्मचारी का मानसिक शोषण होता है। अब उसे दौरान अगर आप जाएंगे तो सीधी बात है कर्मचारी आपसे सीधे मुंह बात नहीं करेंगे और वह चिड़चिड़ा मिलेंगे।

दोस्तों तीसरा कारण यह है कि बैंकों में अधिक छुट्टियां नहीं होती। पहले बैंकों की छुट्टियां शनिवार-रविवार दोनों दोनों की होती थी। लेकिन अभी सरकार के नियम के अनुसार शनिवार की छुट्टी भी नहीं होती अब कर्मचारियों को अपने घर की भी चिंता है। उसके घर में क्या तनाव का माहौल चला हुआ है। साथ में बैंक में आए इतनी अधिक लोग उसकी चिंता को और बढ़ते हैं। जिससे वह बिल्कुल भी सोच नहीं पता यह भी कर्मचारियों को चिड़चिड़ा बनता है।

दोस्तों बैंक कर्मचारियों की सैलरी उनके काम के हिसाब से काफी कम होती है। जिस हिसाब से बैंक उनसे काम लेता है उसे हिसाब से उनकी सैलरी काफी कम होती है। बैंकों में पूरे दिन साधारण आदमी चक्कर काटते रहते हैं और बैंक वालों के ऊपर काम का दबाव बढ़ता रहता है। उस हिसाब से देखे तो उनकी सैलरी काफी कम होती है और वह इससे काफी नाखुश होते हैं।

दोस्तों अगला कारण होता है काम के ऊपर काम मिलना। जब दोस्तों बैंक के कर्मचारी सुबह आते हैं तो आते ही उन्हें बैंक के द्वारा पुराना काम शॉप दिया जाता है और ऊपर से बैंक में लोग आना शुरू हो जाते हैं। अब कर्मचारी असमंजस में पड़ जाता है कि वह पहले वाला काम करें या फिर अभी वाले लोगों को संभाले। लेकिन उसको लोगों को संभालना भी जरूरी है और पुराना काम भी करना जरूरी है इस वजह से वह बैंक के ग्राहकों से चिड़चिड़ा स्वभाव में बात करता है।

Conclusion:

अंत में दोस्तों इतना ही कहना चाहूंगा कि बैंक के कर्मचारियों का चिड़चिड़ा होना उनके काम के प्रभाव के कारण और उनके ऊपर ज्यादा काम का दबाव होना और रोज वही रूटिंग का काम जिसमें कभी कोई बदलाव नहीं होता और साथ में उनको मिलने वाली सैलरी जो कि इतनी कम होती है कि उसे आम बैंक के कर्मचारी काफी नाखुश होते हैं। साथ ही बैंक में लगी हुई लोगों की भीड़ यह सभी चीज बैंक के कर्मचारियों को चिड़चिड़ा बनती हैं।

साथ ही दोस्तों इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं जिम कर्मचारियों के परिवार में चल रहे झगड़े या फिर बैंक में कर्मचारियों में आपस में हो रहा तनाव भी इसका कारण हो सकता है।

दोस्तों इसी के साथ इस आर्टिकल को यहीं समाप्त करते हैं। मैं मिलता हूं आपसे अगले आर्टिकल में अगर आपको जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे अन्य दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। अगर आपका कोई सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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