क्या सूर्य सच में आग का एक गोला है? -thebetterlives

क्या सूर्य सच में आग का एक गोला है?


क्या सूर्य सच में आग का एक गोला है?

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे

और स्वस्थ होंगे।

thebetterlives.com में आपका स्वागत है।
मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।

दोस्तों वैसे तो सूरज के बारे में बहुत ही प्रकार की बातें की जाती हैं कि सूरज काफी गर्म है, सूरज के पास हम नहीं जा सकते, अगर सूरज के पास गए तो जल जाएंगे, सूरज बहुत गर्म है व इसके साथ और भी बहुत प्रकार की बातें हमें सुनने को मिलती हैं और कई बार किताबों मे पढ़ने और देखने को भी मिलती हैं। चलिए दोस्तों आज जानते हैं कि क्या सूर्य सच में आग का एक गोला है या फिर यह झूठ बात है

दोस्तों सूरज को आग का गोला समझना एक गलत धारणा है सूरज भले ही दिखने में बड़ा है और एक चमकीले सितारे की तरह दिखाई देता है। जब हम धरती से देखते हैं लेकिन दोस्तों सूरज के कार्य अलग है। आज के इस लेख में हम देखेंगे कि सूर्य क्या है और यह कैसे काम करता है और देखेंगे कि इसमें आग कहां से जलता है और किस कारण इसे आग का गोला समझा जाता है। चलिए दोस्तों इसकी गहराई में बात करते हैं।

सूर्य की संरचना 

दोस्तों सूरज भी अन्य तारों की भांति एक तारा है। इसमें दोस्तों ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम गैस पाई जाती है। 75% से ज्यादा सूरज में हाइड्रोजन गैस है और 24% सूरज में हिलियम गैस पाई जाती है। इसके अलावा दोस्तों ऑक्सीजन कार्बन नियॉन और आयरन की धातु भी वहां पर पाई जाती है। 

दोस्तों सूर्य धरती की तरह नहीं है। इसमें अलग प्रकार से न्यूक्लियर रिएक्शन होती रहती हैं। जैसा आमतौर पर धरती पर नहीं पाया जाता। जब हम आग जलाते हैं उस समय हमें किसी ईंधन की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन दोस्तों सूर्य की आग अपने आप जलती रहती है। इसके लिए कोई ईंधन की आवश्यकता नहीं पड़ती।

दोस्तों धरती पर देखने से सूर्य काफी चमकीला मालूम पड़ता है। असल में सूर्य की जो ऊर्जा है वह उसके अंदर पैदा हुए तापमान के कारण है। सूरज के अंदर 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा का तापमान पाया जाता है और जब हाइड्रोजन Atom आपस में टकराते हैं तो न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन होती है। जिसके कारण अणु एक दूसरे से दूर भागते हैं और जब ऐसा होता है तो लाइट और ऊष्मा प्रदान करता है। इस जलती हुई लाइट के कारण हमें सूर्य काफी आग की तरह जलता हुआ प्रतीत होता है।

सूर्य आग के गोले की तरह क्यों दिखाई देता है?

दोस्तों जब हम धरती से सूरज को देखते हैं तो यह काफी जलता हुआ प्रतीत होता है। यह इसके नाभिकीय न्यूक्लियर फ्यूजन के कारण होता है। सूरज की सबसे अंदर वाली परत में न्यूक्लियर रिएक्शन होती रहती है जिसके कारण इसके अंदर पीली हरी रंग की लाइट जलती रहती है और उसी के कारण सूरज हमें जलता हुआ प्रतीत होता है। सूरज के चारों तरफ की परत को कोरोना के नाम से जाना जाता है।

सूरज की संरचना

दोस्तों सूरज के वैसे तो बहुत सारे भाग हैं। लेकिन इसके कुछ मुख्य हिस्सो के बारे में बात करें तो वह है।

दोस्तों नंबर एक पर बात करें तो वह आता है core दोस्तों सूरज का न्यूक्लियर फ्यूजन में core ही होता है। यहां पर सूर्य की सारी एनर्जी उपस्थित होती है। यह सूरज का सबसे गर्म हिस्सा होता है। यहां पर तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा होता है। इसके अंदर लगी हुई आग को कई सालों तक भी नहीं पकड़ा जा सकता।

दोस्तों नंबर दो की बात करें तो वह है Reactive zone यहां पर सूरज की शक्ति थोड़ी कम होती है। यहां पर फोटों पाए जाते हैं। फोटों के रूप में एनर्जी पाई जाती है।

दोस्तों नंबर तीन बात करें तो वह है convecting zone में Reactive zone थोड़ा तापमान कम होता है और इसमें ऊर्जा जो है वह convection के माध्यम से आई जाती है।

इसके बाद हम बात करें तो वहां पर आता है Photosphere सूरज की सारी रोशनी को हमारी तरफ दिखता है। Photosphere के कारण ही हम सूरज को देख पाते हैं और उसकी ऊर्जा हमारी पृथ्वी तक पहुंच पाती है।

इसके बाद हम बात करें तो सूरज की अगली परत का नाम है chromosphere दोस्तों यह काफी पतली लेयर होती है और यहां पर थोड़ी बहुत चमकीली परत मिलती है और यहां पर सूर्य ग्रहण होता है।

अंत में बात करें दोस्तों तो वह परत का नाम है corona सूरज की सबसे बाहर की परत है और यह स्पेस में काफी मिलियन किलोमीटर तक फैली हुई है और यह सरफेस से भी काफी गर्म है। करोड़ों के बारे में आज तक वैज्ञानिकों से अधिक पता नहीं लग पाया है। इसके बारे में थोड़ी ही जानकारी उपलब्ध है।

अंत में दोस्तों हम बात करें तो यह कह सकते हैं कि सूरज एक आग का गोला नहीं है। बल्कि यह एक ऊर्जा का पावर हाउस हम कह सकते हैं। इसके अंदर बहुत ज्यादा शक्ति होती है। हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ जल रहा है। जब हम अपनी आंखों से देखते हैं तो ऐसा लगता है कि यह एक आग का गोला है। लेकिन हकीकत में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। उम्मीद है आपको जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको कोई सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में भेज सकते हैं।










एक टिप्पणी भेजें

Thanks for writing back

और नया पुराने