क्या आजकल छोटी उम्र की लड़कियों के बॉयफ्रेंड होने लगे है। क्या ये सही है और नहीं तो हम कैसे बदलाव ला सकते हैं?

क्या आजकल छोटी उम्र की लड़कियों के बॉयफ्रेंड होने लगे है। क्या ये सही है और नहीं तो हम कैसे बदलाव ला सकते हैं?

Are young girls having boyfriends these days? Is this right and if not, how can we bring about a change?


हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।

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मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।

दोस्तों आजकल हम देखते हैं कि 12-14 साल की लड़कियां और भी छोटी निब्बी लड़कियों के बॉयफ्रेंड होने लगे हैं। आजकल का समय काफी बदलाव का समय है जिसमें लड़कियों और लड़कों को खास तौर पर बदलाव के लिए हम तैयार नहीं कर पा रहे हैं। 

चलिए दोस्तों जानते हैं किन कर्म से आजकल छोटी उम्र की लड़की है। बॉयफ्रेंड बनाने लगी हैं बाद में इसी लेख में हम आगे देखेंगे क्या यह सही है या फिर गलत है और हम इसके में कुछ बदलाव लाने के बारे में भी बात करेंगे।

दोस्तों छोटी लड़कियों के बॉयफ्रेंड बनाने के पीछे आज के समय समाज में एक और डिबेट चली हुई है। आज के समय में यह देखा जाता है की छोटी-छोटी बच्चियों भी डेट कर रही है। रिलेशनशिप में आ रही हैं। दोस्तों आजकल के जमाने में यह एक ट्रेंड बन गया है। लड़के और लड़कियां यह नहीं देख रहे हैं कि क्या यह सही है उनकी उम्र के हिसाब से क्या यह बदलाव होने चाहिए। 

दोस्तों आजकल के तकनीक से भरे हुऎ जीवन में जहां पर सोशल मीडिया बच्चों के दिमाग पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल रहा है। वहीं पर कुछ बच्चे रोमांटिक रिलेशनशिप में टेलिविजन फिल्म या सोशल मीडिया के माध्यम से आने की कोशिश कर रहे हैं। 

ब्वॉयफ्रेंड रखना एक आम बात हो गई है। यही सोशल मीडिया के प्रचार के द्वारा दिखाया जता है की हर लड़की के पास एक ब्वॉयफ्रेंड होना जरूरी है साथ ही उनको उम्र का कोई ज्ञान नहीं होता है। आज के समय में सोसायटी में यह बात किसी से छुपती नहीं है की लड़के लड़कियों के रोमांटिक रिलेशनशिप आज के दिन आम हो रहे हैं। 

लड़के और लड़कियां आपस में कपल की तरह रहते हैं और मिल रहे हैं। युवा शादी और संस्कार सब बरबाद हो चूके हैं। आजकल की लड़कियां टीवी और सिनेमा से काफी प्रभावित होकर दो दो ब्वॉयफ्रेंड रख रही है

छोटी उम्र में लड़कियों के बॉयफ्रेंड बनाने के महत्वपूर्ण कारण

दोस्तों जब छोटी उम्र में लड़कियां बॉयफ्रेंड बनाती है उनके माता-पिता और भाई-बहन आमतौर पर बाहर काम करते हैं और वह अपने परिवार से इतना समय नहीं दे पाते जितना एक साधारण फैमिली में दिया जाता है इसी कारण भी अधिक समय तक मोबाइल हाथ में होना और उसमें कुछ भी इन्फ्लुएंस की वीडियो देखना वह काफी हद तक छोटी लड़कियों को प्रभावित करता है।

लड़कियां दूसरी लड़कियों से प्रभावित होकर भी अपने बॉयफ्रेंड बनाने लगी है और यह एक सामाजिक चलन बन चुका है कि जिस लड़की का बॉयफ्रेंड नहीं उसको आपस में ग्रुप में सही नहीं समझा जाता। इस वजह से भी लड़कियां बॉयफ्रेंड के चक्कर में जल्दी आ जाती हैं।

छोटी उम्र में लड़कियों का बॉयफ्रेंड बनाने के कारण उनके अपने परिवार में ट्रस्ट इश्यूज भी हो सकते हैं। कई बार लड़कियां ऐसी बातें परिवार को बात नहीं पाती जो कि वह किसी अन्य अनजान शख्स को बताना चाहती है। वहां पर भी छोटी लड़कियों को आजकल बॉयफ्रेंड की कमी महसूस होने लगी है और जिससे वह ज्यादा जल्दी बॉयफ्रेंड बनाने की कोशिश करती है। जिसे जो स्थान उनके माता-पिता और अन्य लोग नहीं ले पाते उन हदों तक वह अपने बॉयफ्रेंड को पहुंचा देती हैं।

दोस्तों खानपान भी आजकल महंगा हो गया है और इस भाग दौड़ भरे जीवन में कई बार इतना पैसा झूठा पाना संभव नहीं हो पता और छोटी-छोटी लड़कियां टीवी और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरे क्रिएटर और इनफ्लुएंसर से प्रभावित होकर महंगे महंगे रेस्टोरेंट में खाना खाना चाहती हैं। साथ ही महंगे महंगे कपड़े और जूते खरीदना चाहती हैं जो कि उनको एक ऐसे व्यक्ति के साथ जोड़ना पड़ता है जो सक्षम हो और वह उनका बॉयफ्रेंड भी हो सकता है।

क्या छोटी उम्र में बॉयफ्रेंड बनाना सही है?

दोस्तों वैसे तो भारत में अधिकतर लड़कियों को शुरुआत में धोखा ही मिलता है उन्हें हमेशा प्रेशर में रखकर उनका शारीरिक और रोमांटिक शोषण कर लिया जाता है और बाद में वह काफी तन्हा और लूटा हुआ महसूस करती हैं। यह कई बार सोशल मीडिया पर दिखाए गए पर चार और अन्य व्यक्तियों से समझ कर छोटी उम्र में उठाए गए जब इतनी भावना की समझ और दिमाग उतना मेच्योर नहीं था। इस वजह से भी कई बार यह है कि गलत कदम होता है।

दोस्तों जो लड़कियां छोटी उम्र में बॉयफ्रेंड बना लेती हैं और उनके साथ इमोशन में गल जाती हैं अपने माता-पिता और मित्रों से वह आमतौर पर कट जाती हैं और यह बाद में उनका इमोशनल स्ट्रेस देता है जिससे उनका पढ़ाई में ध्यान भंग होता है साथ ही उनकी पर्सनल ग्रोथ भी नहीं हो पाती है कई बार तो यह है मुद्दा काफी भयानक रिजल्ट देता है।

दोस्तों छोटी लड़कियों का बॉयफ्रेंड बनाना सही है या गलत वह आप अपनी समझ से भी ले सकते हैं लेकिन एक साधारण सी बात यह है कि किसी भी रिलेशनशिप के लिए आपको भारत में सबसे छुपा कर ही रखना पड़ता है। आपका पढ़ाई का समय भी इससे भंग होता है। जब कोई लड़की किसी के साथ रिलेशनशिप में आती है तो उसकी पढ़ाई और लोगों को देखने का नजरिया काफी अलग हो जाता है।


वह अपने हेल्थ का ख्याल भी कम रखते हैं।  इससे परिवार से काटना भी एक आम बात है जो लड़कियां छोटी उम्र में बॉयफ्रेंड बनाती हैं वह अपने परिवार के साथ कभी भी वैसा जुड़वा नहीं महसूस कर पाती जो की साधारण किया। उसकी तुलना में किसी साधारण लड़की में पाया जाता है।

छोटी उम्र में लड़कियां बॉयफ्रेंड न बनाए इसके लिए क्या करें?

दोस्तों अगर आपके घर में कोई भी बहन या बेटी है जो कि अभी छोटी है और स्कूल या अभी किसी कोचिंग में पढ़ रही है तो आप कुछ बातों का पालन करके उसका ध्यान रख सकते हैं। दोस्तों सबसे पहले आप उसे लड़की को अच्छी शिक्षा दें और उन्हें एक हेल्दी रिलेशनशिप का मतलब समझाएं जिससे उनके भावनात्मक बाउंड्री बढ़ सके और छोटी लड़कियां समझ सके की रिलेशनशिप क्या होता है और वह किसके साथ होना चाहिए और उसका सही समय क्या है।

दोस्तों अगली बात है की माता-पिता को घर में ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिससे बच्चों को अपने इमोशन बताने में किसी भी प्रकार का डर या भय पैदा ना हो बच्चे अपने घर में खुलकर बात कर पाए और जिसके माता-पिता उनको अच्छे से समझ पाए जिससे परिवार को पता रहे कि उनके बच्चे की इमोशनल जरूरत क्या है और उसके भविष्य के लिए क्या अच्छा है।

एक अन्य बात का पालन आप कर सकते हैं वह यह है कि आप छोटी बच्चियों को उनकी हॉबी और उनकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करवा सकते हैं। उनके अंदर इतना आत्मविश्वास भरे की वह अपने अंदर एक अलग ऊर्जा महसूस कर सके। जिससे उसको अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ाने के लिए ताकत मिलती रहे और वह इन सब झंझटों में ना पड़े।

एक और बात यह है कि आप अपने बच्चों को समझाएं कि कैसे सोशल मीडिया ऐप पर वह लड़कों को देखकर बिना कुछ समझे हुए उनको अपने दिमाग में सोचना शुरू कर देते हैं और कैसे सोशल मीडिया ऐप पर बच्चे एक दूसरे को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। 

जबकि हकीकत में सब एक समान है उनमें कुछ भी ऐसा खास नहीं है जो कि किसी साधारण आदमी में नहीं पाया जाता हो। यह बात बच्चों को समझना जरूरी है कि सोशल मीडिया पर जो दिखता है वह आदमी भी बिल्कुल अपने जैसा है उसमें कुछ भी अपने दिमाग में उल्टा सीधा सोचने की जरूरत नहीं है।

Conclusion:

दोस्तों आजकल छोटी उम्र में लड़कियों के बॉयफ्रेंड होना बिल्कुल गलत है और यह उनके अंदर एक प्रकार से इमोशनल दिक्कत पैदा करता है। जिससे उनको एक स्वस्थ रिलेशनशिप चलाने के बाद में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बच्चियों को बनाने से रोकने के लिए आप उन्हें पढ़ाई में आगे बढ़ा सकते हैं। उनके पर्सनल डेवलपमेंट और उनकी Hobies के ऊपर ध्यान केंद्रित करने को कहे सकते हैं। आप उनको समझा सकते हैं की कैसे किसी रिलेशनशिप में जाया जाता है और उसका उचित समय क्या होता है।

यहां तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धनयवाद दोस्तों अगर आपका कोई सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। साथ ही अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया तो आप इसे अन्य लोगों तक शेयर कर सकते हैं।


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