Barter System क्या है और इसकी क्या कमियां है?
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि वाटर सिस्टम होता क्या है और इसकी क्या कमियां है। आईए दोस्तों देख लेते हैं सबसे पहले Barter System क्या होता है।
Barter System:
दोस्तों Barter System का चलन मेसोपोटामिया सभ्यता से हो रहा है। दोस्तों Barter System का मतलब होता है जब भी हम कोई वस्तु के बदले दूसरी वस्तु लेते हैं और जब वस्तुओं का आदान-प्रदान आपस में होता रहता है और इसी प्रकार से व्यापार भी लगातार चलता रहता है।
उदाहरण के लिए, हमने ऊपर बात की है कि जब एक व्यक्ति टमाटर की खेती करता है और दूसरा व्यक्ति चावल की खेती करता है तो चावल वाला व्यक्ति सारे चावल खुद उपयोग नहीं कर सकता और टमाटर वाला व्यक्ति सारे टमाटर खुद नहीं खा सकता या उनका उपयोग नहीं कर सकता। अगर वे दोनों अपना सामान आपस में बदल ले तो उन दोनों का भला हो सकता है। टमाटर वाले व्यक्ति को चावल मिल जाएंगे और चावल वाले व्यक्ति को टमाटर मिल जाएंगे उससे वह दोनों अच्छे से खाना खा पाएंगे।
दोस्तों Barter System ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया इसका मुख्य कारण यही है कि अगर किसी व्यक्ति के पास टमाटर की खेती है और अगर किसी व्यक्ति के पास चावल की खेती है और टमाटर जल्दी से खराब हो जाते हैं सभी व्यक्तियों को टमाटर नहीं चाहिए या फिर टमाटर की थोड़ी मात्रा का उपयोग वह कर पाएंगे और चावल सभी को पूरे वर्ष के लिए चाहिए चावल जल्दी से खराब नहीं होते हैं इस वजह से Barter System अच्छे से चल पानी में दिक्कत हुई।
Barter System अधिक समय तक नहीं चल पाया उसके कुछ कारण है जो की निम्नलिखित है:
1. दोस्तों पहला कारण तो यह है कि जब किन्हीं दो व्यक्तियों को सामान चीज चाहिए तभी उन दोनों के बीच में यह सिस्टम अच्छे से चल पाएगा अगर किसी व्यक्ति को टमाटर नहीं चाहिए और दूसरे व्यक्ति को चावल नहीं चाहिए तो यह काम नहीं कर पाएगा।
उदाहरण के लिए देखें तो अगर एक इलाके में सिर्फ चावल की खेती होती है और एक इलाके में सिर्फ टमाटर की खेती होती है और उन लोगों को दाल की जरूरत पड़े या फिर सब्जियों की जरूरत पड़े उसे दशा में उन्हें आपस में कोई भी फायदा नहीं हो सकता।
2. दोस्तों दूसरा कारण है कि जब आप अपनी चीज को बेचने की कोशिश करते हैं उसे समय आपको सही दाम मिल पाना। क्योंकि जब आप टमाटर की खेती करते हैं तो टमाटर अधिक मात्रा में पैदा होता है और उसे टमाटर को एक साथ बेचने में हमें काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा और उसके दाम काफी सस्ते लगाने पड़ेंगे तभी हम अपने टमाटर बेच पाएंगे और अगर हम ज्यादा सस्ते भेजते हैं तो भी हमें नुकसान होता है और अगर हम प्रतीक्षा करते हैं तो हमारे टमाटर सड़ने का चांस बढ़ जाता है यह भी मुख्य कारण है कि Barter System अधिक समय तक नहीं चल पाया।
3. दोस्तों अगला कारण है कि अगर कोई व्यक्ति जूते बनता है और उसे चावल खरीदने हैं तो उसे अपने आसपास में जाकर ढूंढना होगा कि कौन व्यक्ति चावल बेच रहा है और साथ में ही उसे जूते की जरूरत है और वह जूते भी खरीद लेगा। अगर कोई व्यक्ति जूते खरीदने का इच्छुक नहीं होगा तो वह निश्चित ही अपने चावल जूते बनाने वाले व्यक्ति को नहीं बेचेगा। इससे लोगों का आपस में लेनदेन हो पाना काफी मुश्किल हो रहा था वस्तु विनिमय प्रणाली से इसी वजह से वस्तु विनिमय प्रणाली का पतन हो गया।
4. दोस्तों Barter System का एक अन्य कमी यह रही की इससे जो व्यक्ति नसवान वस्तुएं बनाते थे जैसे कि टमाटर आलू या फिर अन्य सड़ने वाली चीज जो कि जल्दी खराब होने वाली थी उन लोगों ने धीरे-धीरे यह जल्दी सड़ने वाली चीज उगाना बंद कर दिया और उस मार्केट में एक संतुलन सा खराब हो गया जिससे कि सर्वाइवल करना मुश्किल हो गया।
5. दोस्तों Barter System श्रम विभाजन करने में असफल रहा क्योंकि जब कोई व्यक्ति कुछ भी अलग करने की कोशिश करता तो उसकी चीज बिकना बंद हो जाती या फिर उसे ढूंढने के लिए काफी धन और समय बर्बाद करना पड़ता जिसे वह व्यक्ति भी अपनी पारंपरिक चीजों को बनाने या उगने लगता जिससे कि उन चीजों की मार्केट में उपलब्धता अधिक होती गई और नई चीज मार्केट में आना बंद हो गई जिससे कि बाद में प्राकृतिक इंबैलेंस आ गया।
Conclusion:
दोस्तों वस्तुओं का आपस में आदान-प्रदान व्यापार की तरह करना ही Barter System कहलाता है और इसकी बहुत सारी कमियां है जैसे की सही दाम पर चीज ढूंढ कर बेचना, दोनों व्यक्तियों को आवश्यकता होना, जो सड़ने वाली चीज है उनका जल्दी खराब होना या फिर उनके पैसे कम हो जाना, श्रम विभाजन अच्छे से ना कर पाना इसकी कुछ प्रमुख कर्मियों में से हैं। इसके बाद ही पैसों का कॉन्सेप्ट आया और लोगों ने पैसों से सामान खरीदना शुरू कर दिया और जो कि आज तक भी चलता आ रहा है और अच्छे से कम कर रहा है।