For how long should Shirshasana be done and what are the benefits of Shirshasana in Hindi?
यह योगासन सर्वप्रथम महर्षि पतंजलि के द्वारा लिखित योग शास्त्र में भी वर्णित है और आजकल लोग इसे व्यायाम और ध्यान के लिए भी काफी पसंद करते हैं। शीर्षासन को करने के लिए शरीर मे अच्छी क्षमता और अच्छी फुर्ती होनी चाहिए।
भुजंगासन के द्वारा आपके शरीर के पीठ की muscles मजबूत होती हैं। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल चले जाएं और हाथों को सामने रखें। इसके बाद सर को ऊपर की तरफ उठायें और सांस लें(refer to the above image)
बालासन से आपके दिमाग में शांति और सुख का अनुभव होता है। इस आसन को करने के लिए पैरो को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को सर के ऊपर रखें। इसके बाद सांस को धीरे से भारिए और पूरी तरह से छोड़िए(refer to the above image).
वृक्षासन के द्वारा आपके पैरो की muscles की मजबूती होती है। इस आसन को करने के लिए एक पैर को दूसरे पैर पर रखें और सांस को भरिए(refer to the image given).
दोस्तो शीर्षासन को सुबह के समय करने से सबसे ज्यादा फायदा मिलता है क्योंकि इससे शरीर और दिमाग दोनों को शक्ति मिलती है। दोस्तो इस आसन को करने से पहले शुद्ध हवा में सांस लेना चाहिए।
दोस्तो शीर्षासन करने से शरीर को बहुत से फायदे होते हैं जैसे कि मासपेशियो को मजबूत बनाने से लेकर दिमाग की शक्ति को बढ़ाने तक। शीर्षासन करने के लिए नीचे दिए गए तरीको को ध्यान से पढ़ें:
शीर्षासन को करने के लिए कुछ चीज जरूरी होते हैं(Things required to do Sirsasan):
• योगा करने वाली चटाई
• एक लम्बा गमछा
• आरामदायक कपडे
• एक शांत और अच्छी जगह
चरण 1: पद्मासन में बैठ कर लंबी सासे लें।
स्टेप 2: गमचे को सिर पर धारण करें। गमछे को ओढने के लिए इसे एक खंडवे के रूप में बना कर अपने सर के चारो तरफ बांध लें।
चरण 3: या फिर गमछे को धरती मे बिछाए और सिर को गमछे के ऊपर रखें। इसके लिए गमछे के बीच में सर रखे और दोनों हाथों को गमचे के side मे रखें(refer to the image above)
स्टेप 4: सर के side मे दोनों हाथों को जोड़ कर गमचे के ऊपर रख दें।
स्टेप 5: अब आप अपने पैरो को ऊपर उठा कर शीर्षासन के लिए तैयार हो जाएं। फिर दोनो पैरो को ऊपर उठा कर अपने शरीर का वजन अपने सर पर डाल दें।
स्टेप 6: अब अपने दोनो पैरो को एक दूसरे के ऊपर से मिला दें और धीरे से उन्हें एक साथ ऊपर उठा लें।
शीर्षासन करने के कुछ फायदे(Some benefits of doing Shirshasana in Hindi):
• दिमाग को शक्ति मिलती है: Sirsasna karne ka pehla faida hai ki शीर्षासन करने से शरीर के सभी अंगों में खून का प्रवाह बढ़ता है। इससे दिमाग को भी शक्ति मिलती है और आपकी concentration power बढ़ती है। इससे आपका दिमाग भी तेज होता है और आपकी memory में भी सुधार आता है।
• शरीर की ताकत बढ़ती है: दोस्तो शीर्षासन करने से शरीर की क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर के मसल्स और हड्डियों का विकास होता है और शरीर की क्षमता बढ़ती है।
• बाल और त्वचा स्वस्थ रहती है: दोस्तो शीर्षासन करने से बालों की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा इससे त्वचा भी जवान होती है और झुर्रियां नहीं होती है।
• पाचन तंत्र सुधर जाता है: Sirsasna karne se digestion system sudhar jaata hai. Isse pet ki gas, constipation aur dusre stomach se judi samasya nahi hoti hai.
• मानसिक तनाव से राहत मिलती है: शीर्षासन करने से मानसिक तनाव से राहत मिलती है। इससे स्ट्रेस लेवल कम होता है और आपका मूड भी अच्छा रहता है। इसे डिप्रेशन की समस्या भी नहीं होती है।
शीर्षासन(Sirsasna) करने से पहले ध्यान देना चाहिए कि आपका शरीर इस योगासन के लिए तैयार हो। इससे पहले आपको अपने शरीर को अच्छी तरह से stretching करनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने मसल्स को मजबूत करने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज भी करना चाहिए।
शीर्षासन करने के लिए कुछ सावधानियाँ भी हैं जो आपको ध्यान देना चाहिए(There are also some precautions for doing Shirshasana that you should pay attention to):
• शीर्षासन को करने से पहले किसी भी प्रकार के भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
• शीर्षासन को करने से पहले हमेशा शुद्ध हवा में सांस लेना चाहिए।
• Sheershaasan ke dauraan aapko apne muscles ko active rakhna chahiye aur sharir ko control mein rakhna chahiye.
• शीर्षासन को करने के बाद हमेशा धीरे धीरे अपना शरीर नॉर्मल position में लाना चाहिए।
• •Shirshasana ke dauraan aapko apne neck aur back muscles ko jyada stress na dena chahiye.
• शीर्षासन को करने से पहले आपको अपने हाथ और सर को अच्छी तरह से स्ट्रेच करना चाहिए।
• शीर्षासन को करने से पहले आपको अपने मसल्स को मजबूत करने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए।
• शीर्षासन को करने के लिए आपको एक सही जगह पर खड़ा होना चाहिए जहां कि आपके सर का संतुलन अच्छा से बनाए रखें।
• Sirsasan ke dauraan aapko apne sharir ko puri tarah se sambhal kar rakhna chahiye.
शीर्षासन के नुक्सान(Disadvantages of Shirshasana in hindi):
• शीर्षासन को गलत किया जाए तो इससे नुक्सान भी हो सकता है। इसे करने से पहले सही तरह से सीखना जरूरी है।
शीर्षासन करने से पहले आपको अपने शरीर की flexibility को समझना जरूरी है। अगर आपका शरीर flexible नहीं है तो शीर्षासन को करने से पहले आपको stretching exercises करना चाहिए।
• Sirsansan ke dauraan apne sharir ki awaaz ko monitor karna zaruri hai. Agar aapko koi takleef ho rahi hai ya dard mahsoos ho raha hai to sheershaasan ko chhod dena chahiye.
कुछ टिप्स शीर्षासन को सही तरह से करने के लिए(Some tips to do Shirshasana properly in hindi):
• शीर्षासन को शुरू करने से पहले अपने शरीर को ठीक से वार्म-अप करना जरूरी है।
• Sheershaasan ke dauraan apne pairon ko balance mein rakhne ke liye apne pairo ko ek dusre ke upar se jodna zaruri hai.
• शीर्षासन को करते समय सांस को ध्यान से मॉनिटर करना जरूरी है।
• शीर्षासन के दौरान अपने शरीर को संभाल कर रखना जरूरी है। इसके लिए आपको अपने कंधों को मजबूत करना होगा।
शीर्षासन के अलावा और भी कुछ आसान हैं जो आप अपने रोज़ाना के रूटीन में शामिल कर सकते हैं जैसे कि(Apart from Shirshasana, there are some easy ones that you can include in your daily routine such as):
• भुजंगासन:
Bhujangasana |
भुजंगासन के द्वारा आपके शरीर के पीठ की muscles मजबूत होती हैं। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल चले जाएं और हाथों को सामने रखें। इसके बाद सर को ऊपर की तरफ उठायें और सांस लें(refer to the above image)
• बालासन:
Balasana |
बालासन से आपके दिमाग में शांति और सुख का अनुभव होता है। इस आसन को करने के लिए पैरो को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को सर के ऊपर रखें। इसके बाद सांस को धीरे से भारिए और पूरी तरह से छोड़िए(refer to the above image).
• वृक्षासन:
Varakshasana |
वृक्षासन के द्वारा आपके पैरो की muscles की मजबूती होती है। इस आसन को करने के लिए एक पैर को दूसरे पैर पर रखें और सांस को भरिए(refer to the image given).
• पश्चिमोत्तानासन:
Paschimottanasana se aapke sharir ki flexibility badhti hai. Is aasana ko karne ke liye pairo ko oopar uthayein aur haatho ko pairon ke pas rakhein. Iske baad saans ko bhariye aur sharir ko oopar ki taraf le jaayein(refer image given above).
Pashimotasana |
Paschimottanasana se aapke sharir ki flexibility badhti hai. Is aasana ko karne ke liye pairo ko oopar uthayein aur haatho ko pairon ke pas rakhein. Iske baad saans ko bhariye aur sharir ko oopar ki taraf le jaayein(refer image given above).
शीर्षासन के दौरा कुछ लोगों को चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इसलिए शीर्षासन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। शीर्षासन को करने से पहले आपको अच्छे से तैयार होना चाहिए और धीरे धीरे इस योगासन को करना चाहिए। अगर आपको शीर्षासन करने में मुश्किल हो रही है तो आपको इसे किसी योग प्रशिक्षक के देखरेख में ही करना चाहिए।
Conclusion Shirshasana:
शीर्षासन एक प्राकृतिक योगासन है जिसे करने से शरीर और दिमाग दोनो को शक्ति मिलती है। Iske alawa "Shirshasana" se digestion system sudhar jaata hai, mansik tanaav se rahat milti hai aur baal aur twacha bhi saaf rehti hai. शीर्षासन करने से पहले आपको अच्छे से तैयार होना चाहिए और धीरे धीरे इस योगासन को करना चाहिए।
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