किसी व्यक्ति के ईश्वर को मानने या न मानने से क्या होता है? -what happens if you don't believe in god

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।

thebetterlives.com में आपका स्वागत है।
मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।

दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद जरूरी!

आज हम बात करेंगे किसी व्यक्ति के ईश्वर को मानने या न मानने से क्या होता है(What happens if a person does not believe in god in hindi)?

किसी व्यक्ति के ईश्वर को मानने या न मानने से क्या होता है? -what happens if you don't believe in god


दोस्तों हमारी आज की पोस्ट उन भाई बहनों के लिए है जो भगवान को नहीं मानते और भगवान के होने में संदेह करते हैं या तर्क करते हैं। 

जिनके मन में भगवान को लेकर बहुत सारे सवाल चलते रहते हैं दोस्तों आज इस पोस्ट के माध्यम से हम अपने उन भाई बहनों के सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे इसलिए पोस्ट में अंत तक बने रहे।


दोस्तों कुछ लोग भगवान पर सवाल उठाते हैं कि भगवान जब दिखते ही नहीं तो हम भगवान को नहीं मानते।

उनका मानना है कि जो चीज धरती पर दिखती ही नहीं है जिसका कोई सुबूत ही नहीं है उसको मानने या ना मानने से क्या फायदा।


दोस्तों ऐसे लोगों से हम कहना चाहेंगे कि जब कभी आपके  शरीर में कहीं पर दर्द होता है तो क्या वह दर्द उनको दिखाई देता है?

क्या आप के सिर में कभी दर्द हुआ है?

क्या आपकी कमर में कभी दर्द हुआ है?

और अगर हुआ है तो क्या वह दर्द आपको दिखाई देता है?
या फिर आपके अलावा किसी और को दिखाई देता है?
दोस्तों इस पर आपका जवाब होगा कि हमें दर्द नहीं दिखाई देता।


तो दोस्तों अगर आप इस दर्द को देख नहीं सकते किसी को दिखा नहीं सकते तो इसका मतलब यह तो नहीं है कि आपके शरीर में आपकी कमर में या आपके सिर में दर्द हैं ही नहीं।


दोस्तों जिस प्रकार आप के दर्द को हम देख नहीं सकते। उसको महसूस कर सकते हैं। जैसे दर्द दिखाई नहीं पड़ता उसे महसूस किया जाता है। ठीक उसी प्रकार हम भगवान को देख नहीं सकते उसकी शक्ति को हम महसूस कर सकते हैं।

जैसे दर्द का अनुभव किया जाता है ठीक उसी प्रकार भक्ति करने से भगवान को भी अनुभव किया जा सकता है।

आइए दोस्तों हम इसे विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं:

मान लीजिए जब आपके पैर में कांटा चुभेगा तभी तो आपको कांटे के दर्द का अनुभव होगा।

उसी प्रकार जब आप भक्ति करेंगे तभी आपको भगवान के होने का एहसास होगा अनुभव होगा।


जब आप भक्ति करेंगे ही नहीं तो आपको भगवान के होने का एहसास कैसे हो सकता है। दोस्तों जिन्होंने परमात्मा की भक्ति करी है सच्चे हृदय से उनकी आराधना करी है जो इंसान सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं


कभी झूठ नहीं बोलते हैं, सदा गरीबों की असहाय की मदद करते हैं। ऐसे इंसानों को भगवान के होने का अनुभव होता है। उनके कदम कदम पर भगवान उनका साथ देते हैं और उनको महसूस होते हैं  


लेकिन जिस इंसान ने जिंदगी में कभी भगवान की भक्ति करी ही नहीं कभी किसी का भला किया ही नहीं कभी सत्य बोला ही नहीं ऐसे इंसान को भगवान का अनुभव कभी भी नहीं हो सकता और ऐसे इंसान ही भगवान के नाम पर तर्क करते हैं।


दोस्तों भगवान देखने या दिखाने का विषय नहीं है भगवान तो एक शक्ति हैं एक उर्जा है जिसको भक्ति के जरिए सत्य के जरिए महसूस किया जाता है।


दोस्तों आजकल के कुछ पढ़े लिखे बच्चे बोलते हैं कि हम साइंस के स्टूडेंट हैं और हम बिना सबूत के किसी बात पर विश्वास नहीं करते अगर भगवान हैं तो हमें दिखते क्यों नहीं?


दोस्तों एक छोटी सी उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं कि आपके पापा आपके हैं इस बात का क्या सबूत है इस पर आप बोलेंगे कि हमने डीएनए टेस्ट करवाया है।


डीएनए टेस्ट करवाने के बाद डॉक्टरों ने बोला कि यह आपके पापा हैं और आप ने मान लिया आपने इससे आगे कोई भी सवाल जवाब नहीं किया।


तो जब गुरु जी बोलते हैं हमारे शास्त्र बोलते हैं कि भगवान हैं तो आप संदेह क्यों करते हैं। जब आप एक डॉक्टर की बात बिना सोचे मान लेते हैं तो शास्त्र और बड़े गुरुजनों की बातों पर आप लोग संदेह क्यों करते हैं। उनकी बात पर भी तो आपको विश्वास होना चाहिए कि हमारे शास्त्र कह रहे हैं कि भगवान है मतलब भगवान है। इस पर आपको कोई तर्क नहीं करना चाहिए।


दोस्तों अगर आप में से कोई यह मानता है कि भगवान नहीं है तो मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि अगर आप मेरे बताएं रास्ते पर चलकर देखेंगे तो आप खुद यह महसूस करेंगे कि भगवान सच में हमारे साथ हैं। उसके लिए आपको अपने जीवन में कुछ बदलाव करने पड़ेंगे।

किसी व्यक्ति के ईश्वर को मानने या न मानने से क्या होता है? -what happens if you don't believe in god


दोस्तों सबसे पहले आपको सच्चाई के रास्ते पर चलना पड़ेगा अपने आप को किसी भी काम में आप करता ना माने किसी भी काम को आप ही ना बोले कि यह काम मैं कर रहा हूं जब आपके अंतर्मन से मैं की भावना खत्म हो जाएगी। आपके अंदर अहंकार खत्म हो जाएगा आपके अंदर जलन भावना खत्म हो जाएगी। उसके बाद आप ही सकते कि रास्ते पर चलकर भगवान को प्राप्त कर सकते हैं।


दोस्तों इसके लिए आपको श्रीमद् भागवत कथा से जुड़ना होगा। दोस्तों आप चाहे किसी भी कथावाचक के द्वारा कथा सुन सकते हैं। दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगी कि मैं श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज की कथा सुनती हूं और मेरे जीवन में बहुत ज्यादा परिवर्तन हुआ है।


श्रीमद् भागवत कथा को अगर आप 1 घंटे भी श्रवण करेंगे तो मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि चाहे कोई कितना भी नास्तिक हो भगवान को ना मानने वाला हो उस पर भी भगवान अपनी कृपा दृष्टि डालते हैं।


और उस इंसान के मन से उसकी आंखों पर जो अज्ञानता का पर्दा पड़ा होता है उसको भगवान अपनी कृपा से हटा देते हैं। जिससे आपको भगवान महसूस होने लग जाते हैं और आपके जीवन में अच्छे अच्छे कार्य होने लग जाते हैं।


आपके मन को शांति मिलने लग जाती है। आपका मन शांत हो जाता है आपको अच्छे कर्म करने में आनंद आने लगता है। दूसरों की मदद करने में आपको आनंद की अनुभूति होने लगती है और धीरे-धीरे आप इस संसार के बंधन से संसार की मोह माया से परिवार के बंधन से धीरे-धीरे आप मुक्त होने लगते हैं।


जब आपके साथ यह सब होने लग जाएगा तो आप समझ जाना कि भगवान की कृपा दृष्टि आप पर बरस रही है और उस वक्त आपके अंतर्मन से सारे सवाल खत्म हो जाएंगे और आपको विश्वास हो जाएगा कि धरती के कण-कण में भगवान श्री कृष्ण का वास है।

दोस्तों भगवान ने हमें मृत्युलोक में इंसान का शरीर देकर इसलिए भेजा है ताकि हम भगवान का भजन कीर्तन करके उनको प्राप्त कर सके। हमारे इंसान होने का एकमात्र लक्ष्य यह है कि हम भगवान को प्राप्त करके हमेशा हमेशा के लिए जन्म मरण के चक्रव्यू से अपने आप को बचा सके।


जैसे मीरा ने भजन कीर्तन करके गोविंद को पाया था।

नरसी सेठ ने भजन कीर्तन से अपने भक्ति से भगवान श्री कृष्ण को पाया।


सूरदास जी महाराज भगवान को रिझाने के लिए उनके पद गाया करते थे और भगवान श्री कृष्ण ने उनके भजनों पर मोहित होकर नृत्य किया करते थे।

शबरी मैया ने भगवान श्री राम की भक्ति की तभी भगवान श्रीराम ने उनको दर्शन दिया और उनका उद्धार किया।


दोस्तों भगवान को समझने के लिए आपको रोजाना भागवत कथा का अध्ययन करना चाहिए रामायण का अध्ययन करना चाहिए। महाभारत का अध्ययन करना चाहिए।


ऐसा करने से आप को ज्ञान की प्राप्ति होगी और आप भगवान को बहुत ही आसानी से महसूस कर सकेंगे और आपके मन में जो भी भगवान को लेकर सवाल चल रहे हैं श्रीमद् भागवत कथा की पढ़ने से सुनने से आपको अपने सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।


इसलिए दोस्तों आप सभी को श्रीमद् भागवत कथा को जरूर सुनना चाहिए पढ़ना चाहिए।

दोस्तों किसी भी चीज को समझने के लिए किसी चीज को पाने के लिए हमें मेहनत तो करनी पड़ेगी बिना मेहनत किए हम किसी भी चीज को हासिल नहीं कर सकते। यह तो आप सभी जानते होंगे। फिर भगवान हमें बिना मेहनत किए कैसे दिखाई दे सकते हैं।

दोस्तों उनको देखने के लिए हमारे पास ज्ञान की आंखें होना जरूरी है जो हमें भक्ति करने से प्राप्त होगी।

ठीक है अब बात करते हैं किसी व्यक्ति के ईश्वर को मानने ना मानने से क्या होता है?

दोस्तों भगवान को मानो या ना मानो लेकिन आपके दिल में मानवता मुझे बहुत जरूरी है आपके अंदर लोगों की प्रति भलाई करने की भावना होनी बहुत जरूरी है। मैं personally तो भगवान को मानती हूं लेकिन मैं जब आज कल के लोगों को देखती हूं तो उनकी भगवान के प्रति कोई खास रूचि है नहीं। 

दोस्तों मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि आप भगवान को माने या ना माने। लेकिन जब आपको कोई भूखा व्यक्ति दिखाई दे तो उसको अगर आपको खाना खाने की औकात है तो उसको खाना खिलाएं और अगर कोई व्यक्ति प्यासा मर रहा है और आपके पास पानी उपलब्ध है तो उसे पानी उपलब्ध कराएं। आपके लिए यही भगवान है।


उम्मीद है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी और अगर आपको अच्छी लगी तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

ऐसी ही रोचक जानकारी लेने के लिए होमपेज पर जाएं

आज की पोस्ट में बस इतना ही मिलते हैं एक और नई और रोचक पोस्ट के साथ है तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।

आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for writing back

और नया पुराने