हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है।
मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।
दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद जरूरी!
तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास topic जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे!
दोस्तों आज हम आपको पानी पीने से लेकर पानी के और भी बहुत सारे फायदे और पानी पीने के तरीके के बारे में बताएंगे जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
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पानी पीने का सही तरीका क्या है (right way to drink water) व कब और कितनी मात्रा में पीना चाहिए (pani peene ka sahi tarika) ? |
तो आज की पोस्ट आपके लिए बहुत ही काम की है इसलिए अंत तक बने रहे।
दोस्तों इस धरती पर हर जानवर और पक्षी को पता है कि पानी कहां से पीना है और कब पीना है? कितना पीना है?
फिर आज हम ही क्यों कंफ्यूज हैं इस पानी के सवाल को लेकर?
कभी कोई कहता है 1 दिन में 4 नहीं 8 गिलास पानी पिओ।
कभी कोई कहता है कि शाम को नहीं सुबह पियो।
कभी कोई कहता है कि यह फिल्टर यूज करो वह फिल्टर यूज़ करो कोई कहता है RO का पानी अच्छा रहता है।
कोई रहता है कि प्लास्टिक की बोतल का पानी अच्छा रहता है।
कोई कहता है कि मटके का मिट्टी के बर्तन का पानी अच्छा रहता है।
कोई कहता है रूम टेंपरेचर का पानी पियो।
कोई कहता है ठंडा पानी पियो।
दोस्तों हम यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर हमें पानी कैसा पीना चाहिए?
कितना पीना चाहिए (kitna pani peena chahiye)?
कब पीना चाहिए(paani kb peena chahiye)?
और कौन से बर्तन का पीना चाहिए(paani kis bartan me peena chahiye)?
दोस्तों आज हम आपके सारे सवालों के जवाब लेकर आए हैं तो आज आप पानी के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं। हमारी इस पोस्ट के माध्यम से इसलिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।
तो आइए आपको पूरे विस्तार से समझाते हैं यह पानी का फंडा क्या है!
दोस्तों सबसे पहले जानेंगे वह पांच गलतियां जो अक्सर पानी पीते समय हम करते हैं।
और इसके साथ ही सीखेंगे पानी को नेचुरल फिल्टर करने का सबसे अच्छा और पावरफुल तरीका, प्रकृतिक तरीका।
नंबर 1. पानी को कैसे पिए (how should we drink milk in hindi)?
दोस्तों आपको सुबह उठकर पूरी बोतल को एक साथ गट गट करके नहीं पीना है।
आपको लेट कर पानी नहीं पीना है।
आपको ऊपर मुंह करके पानी नहीं पीना है और आप को लेट कर भी पानी नहीं पीना चाहिए।
दोस्तों सबसे अच्छा और बेहतर तरीका पानी पीने का यह है कि आप एक घूंट पानी ले और उसको अपने मुंह में चारों तरफ घूमाए और फिर उसको पी जाए इस तरह आपको पूरा पानी खत्म करना है एक एक घूंट करके।
आइए अब हम समझने की कोशिश करते हैं कि "हमें एक-एक घूंट करके और चारों तरफ घुमा कर पानी क्यों पीना चाहिए?"
दोस्तों यह वह तरीका है जो हमारे मास्टर ने हमें सिखाया है कि एक घूंट पानी अपने मुंह में ले और उसको चारों तरफ घुमा कर फिर अंदर लेकर जाएं।
ऐसा करने से हमारे मुंह में स्लाइवा पैदा होता है और वह पानी के साथ मिक्स होकर हर घुट के साथ हमारे अंदर जाता है।
जैसे स्लाइवा(saliva) खाने को डाइजेस्ट(digest) करने के लिए जरूरी है। वैसे ही saliva लिक्विड को डाइजेस्ट करने के लिए भी बहुत जरूरी है।
आयुर्वेद नेचुरल पैथी यानी हमारे देश की दो सबसे पुरानी नेचुरल साइंसेज इस बात को बहुत इंपोर्टेंट देती है तो आज से don't drink your water eat your water आपको पानी पीना नहीं बल्कि उसे चबाना आना है।
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पानी पीने का सही तरीका क्या है (right way to drink water) व कब और कितनी मात्रा में पीना चाहिए (pani peene ka sahi tarika) ? |
नंबर 2. पानी का टेंपरेचर क्या होना चाहिए (what should be the temperature of water to drink in hindi)?
दोस्तों आपको बिल्कुल ठंडा पानी नहीं पीना है यानी कि फ्रिज का पानी नहीं पीना चाहिए।
आपको ज्यादा गर्म पानी भी नहीं पीना चाहिए।
आपको बर्फ डाल के भी पानी नहीं पीना चाहिए।
चलिए अब हम बताते हैं आपको "कैसा पानी पीना चाहिए यानी की पानी का टेंपरेचर कैसा होना चाहिए (right temperature of water to drink in hindi)?"
दोस्तों आपको हमेशा रूम टेंपरेचर का पानी ही पीना चाहिए। अगर आप सर्दियों में पानी पी रहे हैं उस वक्त आप हल्का सा गर्म पानी पी सकते हैं। लेकिन नॉर्मल दिनों में आपको रूम टेंपरेचर का पानी पीना चाहिए।
क्योंकि दोस्तों यह जरूरी है कि आप पानी रूम टेंपरेचर पर ही ले।
क्योंकि ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंडा पानी दोनों ही हमारी बॉडी के लिए मिनी सॉक्स की तरह होते हैं।
बॉडी को दुगनी मेहनत करनी पड़ती है पहले उस पानी को रूम टेंपरेचर पर लाने में और फिर उसको पूरे शरीर में भेजने में।
अब अगर गर्मियां ज्यादा है और आपका ठंडा पानी पीने का मन कर रहा है तो सबसे बेस्ट तरीका है मिट्टी का बर्तन यानी कि मिट्टी का मटका।
दोस्तों पानी को मिट्टी के मटके में स्टोर करके रखे वह मटका पानी को उतना ही ठंडा करेगा जितना कि आपकी बॉडी को जरूरत है और जब सर्दिया हो तो आप पानी को थोड़ा सा गुनगुना करके ले सकते हैं।
लेकिन दोस्तों कभी भी ज्यादा ठंडा या ज्यादा गरम पानी ना पिए इस बात का आप को ध्यान रखना है।
नंबर 3. खाने के साथ कितना पानी पिए (how much water we should drink with food in hindi)?
दोस्तों आपको खाने के साथ-साथ पानी नहीं पीना चाहिए।
आपको खाना खाने के तुरंत बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए।
आपको खाना खाने से 1 घंटे पहले पानी पीना चाहिए।
आपको खाना खाने के बीच में भी ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।
दोस्तों सबसे बेस्ट तरीका है खाना खाने के 1 घंटे बाद पानी पीना चाहिए यह गलती हमको जरूर समझनी चाहिए क्योंकि खाना खाते वक्त हमारे पेट में एक अग्नि प्रज्जवलित होती है जिसको आयुर्वेद में जठर अग्नि कहा गया है।
यह वह अग्नि है जो हमारे खाने को डाइजेस्ट करती है उसे पचाती है।
और जब आप खाने के साथ या खाने के तुरंत बाद या खाने से पहले पानी पी लेते हैं तो यह जठराग्नि बुझ जाती है।
इससे आपका खाना पचता नहीं और वह अंदर पड़ा पड़ा सड़ने लगता है और फिर गैस एसिडिटी और उल्टी जैसी प्रॉब्लम होने लगती है।
तो याद रखें दोस्तों "पानी खाना खाने से एक घंटा पहले या फिर खाना खाने के 1 घंटा बाद ही पीएं।"
और अगर खाने के बीच में आपको पानी लेना ही है तो आप खाने के बीच में आप दो से तीन घूंट पानी पी सकते हैं इससे ज्यादा पानी आप को नहीं लेना चाहिए।
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पानी पीने का सही तरीका क्या है (right way to drink water) व कब और कितनी मात्रा में पीना चाहिए (pani peene ka sahi tarika) ? |
नंबर 4. पानी किसमे पिए (in which utensil we should drink water in hindi)?
दोस्तों आपको प्लास्टिक की बोतल में पानी नहीं पीना चाहिए।
आपको दुकान से लाई हुई मिनरल वोटर बोतल में भी पानी नहीं पीना चाहिए।
आपको मिट्टी की बोतल और कांच की बोतल मैं पानी पीना चाहिए।
आपको किसी भी तरह की प्लास्टिक या रबड़ की बोतल में पानी कभी भी नहीं पीना चाहिए।
दोस्तों जो बाजार में प्लास्टिक की बोतल में पानी मिलता है यह डेड वॉटर होता है इसमें कोई जान नहीं है।
सोचिए यह कितने हफ्तों पहले फैक्ट्री से पैक हो कर बाहर निकलता है कितने हफ्तों तक गोडाउन और दुकानों में पड़ा रहता है और कितने महीनों बाद आपके हाथों में पहुंचता है।
दोस्तों यह पानी जो हम प्लास्टिक की बोतल में खरीद खरीद कर पीते हैं यह फ्रेश वोटर नहीं होता।
और एक बात प्लास्टिक में पाए गए माइक्रोफाइबर हमारे पानी में घूल जाते हैं और जब हम इस बोतल से पानी को पीते हैं तो समझ लीजिए पानी के साथ साथ ढेर सारे माइक्रोप्लास्टिक भी अंदर ले रहे हैं।
तो दोस्तों आज से ही प्लास्टिक में पानी पीना छोड़ दीजिए।
और इसकी जगह आप कांच की स्टील की या मिट्टी की बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दोस्तों अपने पॉइंट पर बढ़ने से पहले हम आपको पानी को फिल्टर करने का पानी को डैड वोटर से लिविंग वॉटर बनाने का एक बहुत अच्छा तरीका बताना चाहते हैं। जिसका नाम है सन चार्जेज वाटर (Sun charged water) सूरज की किरणों से गर्म किया गया पानी।
बेसिकली दोस्तों यह एक ऐसा मेथड(method) है जिसमें आप पानी को 5 से 7 घंटे तक सूरज की रोशनी में रखते हैं। इस समय वह पानी सन की प्रॉपर्टी और हीलिंग पावर को अबजॉरब कर लेता है। तो पानी को सन चार्ज(sun charge) करने के लिए आप एक मिट्टी के बर्तन में जिसका मुंह उपर से खुला हुआ हो
ऐसा आपको मिट्टी का बर्तन लेना है यह बर्तन मिट्टी के बर्तन बेचने वाली दुकान पर आसानी से मिल सकते हैं वहां पर जाकर आपको ऐसा बर्तन खरीदना है जिसका मुंह उपर से खुला हुआ हो।
अगर आपको मिट्टी का ऐसा बर्तन ना मिले तो आप कांच की बोतल में भी पानी को सन चार्ज कर सकते हैं।
उसमें आप अपना पीने वाला पानी भर के उसको कॉटन के कपड़े से ढक दें ताकि उसमें कोई भी इधर उधर से उड़कर कचरा ना पड़े और आपको यह पानी का बर्तन ऐसी जगह पर रखना है।
जहां पर सूरज की सीधी लाइट उस पर पड़े आप सूरज की रोशनी में उसे 5 से 7 घंटे के लिए रख दीजिए। आप चाहे तो उसमें 7 से 8 तुलसी के पत्ते डाल सकते हैं।
मान लीजिए आप ने सुबह 9 बजे रखा तो शाम को 4:00 से 5:00 बजे आप उस पानी को वहां से उठा सकते हैं।
उसके बाद आप उस पानी को किसी मटके में या कांच की बोतल में भरकर दिन भर उस पानी को पीते रहिए।
दोस्तों सन चार्ज वाटर आपकी बॉडी में मेडिसिन का काम करता है क्योंकि इस पानी में सनलाइट स्टोर होती है।
आप चाहे तो इस पानी में तुलसी की नौ दस पत्तियां भी डाल सकते हैं तुलसी के पत्ते पानी में से इंप्योरिटी को खींच कर उसको नेचुरली प्यूरिफाई करती है।
ध्यान रहे बाद में इस पानी से तुलसी की पत्तियों को निकाल दें।
आइए दोस्तों अब बढ़ते हैं अपने आखिरी और सबसे इंर्पोटेंट प्वाइंट की ओर।
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पानी पीने का सही तरीका क्या है (right way to drink water) व कब और कितनी मात्रा में पीना चाहिए (pani peene ka sahi tarika) ? |
नंबर 5. रोज कितना पानी पिए (how much water we should drink daily in hindi)?
आपको क्या लगता है?
3. लीटर?
8. गिलास?
6. गिलास?
या 4 गिलास?
दोस्तों इसका सही जवाब है इनमें से कोई भी नहीं क्यों?
क्योंकि कोई बाहर वाला नहीं बता सकता कि हमें कितने ग्लास या कितना पानी पीना चाहिए।
दोस्तों आपको रोजाना कितना पानी पीना चाहिए यह आपकी लाइफ स्टाइल पर डिपेंड करता है।
आप रोजाना कितना खाते हैं?
क्या खाते हैं?
कितना वर्क करते हैं?
कैसा वर्क करते हैं? पूरा दिन इसी AC में बैठते हैं या बाहर खेतों में काम करते हैं।
दोस्तों सब की वाटर की नीड(need) अलग-अलग होती है।
एक सिंपल सा टेस्ट है यह जानने के लिए कि आप पूरा यानी पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहे हैं या नहीं।
सिंपली अपने यूरिन का कलर चेक करो।
अगर आपका यूरिन डार्क येलो आता है तो आपकी बॉडी में पानी की कमी है।
और अगर यूरिन लाइट येलो और वाइट आता है तो आपकी बॉडी को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है।
और वैसे अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से आपको तीन से 4 लीटर पानी घूंट घूंट कर के पीते रहना चाहिए।
क्योंकि अगर आप खेतों में काम करते हैं तो पसीने के जरिए आप का पानी ज निकल जाता है इसलिए आपको ज्यादा प्यास लगती है और अगर आप AC में बैठते हैं तो आपको उतनी प्यास नहीं लगती।
क्योंकि हमारे शरीर में पानी जाना बहुत जरूरी है। यह हमारे अंगों की सफाई करता है और हमारे सारे अंगों को ढंग से काम करने की शक्ति प्रदान करता है। खून को सर्कुलेट करता है।
चलिए अब आपको एक और जरूरी चीजें बताते हैं।
आप सोचते होंगे कि पानी सिर्फ एक कलर का होता है। लेकिन दोस्तों प्रकृति ने हमें पानी सिर्फ एक कलर का नहीं दिया है।
हमें पानी और भी कई कलर में दिया है जैसे कि तरबूज का पानी, संतरे का पानी, मोसमी का पानी, गन्ने का पानी, नारियल पानी, और भी इसके अलावा बहुत सारे पानी वाले फ्रूट्स प्रकृति ने हमें दिए हैं।
दोस्तों जब आप अपनी डाइट मैं यह सब पानी वाले फ्रूट्स शामिल करेंगे और ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेंगे तो आप देखेंगे कि आप पहले से कम पानी के गिलास पी कर भी पहले से ज्यादा यूरिन पास कर रहे हैं।
और दोस्तों जूस vegetables वेजिटेबल और फ्रूटस में सबसे ज्यादा प्योर वॉटर होता है।
जो सीधा मां प्रकृति के फिल्ट्रेशन सिस्टम से गुजर कर आता है और न्यूट्रिशन से भरा हुआ होता है।
और इन सब के सेवन से हमारे शरीर में पानी की पूर्ति बहुत ही आसानी से हो जाती हैं।
तो दोस्तों आज के आर्टिकल में आपने पानी से रिलेटेड बहुत सारी चीजों को सीखा होगा।
आशा करती हूं आपको आज की यह पोस्ट बहुत ही हेल्पफुल लगी होगी।
दोस्तों अगर आपको कुछ भी समझ में नहीं आया हो तो
सिर्फ इन 5 पॉइंट्स को याद रखें यही निष्कर्ष (conclusion) है।
नंबर 1. पानी को घूंट घूंट कर के पीये (drink water sip by sip)।
नंबर 2. फ्रिज में रखा हुआ पानी ना पिए पानी रूम टेंपरेचर का ही पिए (don't drink refrigerator water)।
नंबर 3. प्लास्टिक की बोतल में या प्लास्टिक के बर्तन में पानी ना पिएं (don't drink water from plastic bottles or other plastics)।
नंबर 4. खाने के तुरंत पहले या खाने के तुरंत बाद पानी ना पिए (don't drink water immediately before or after eating food)।
नंबर 5. पानी की क्वांटिटी से ज्यादा पानी की क्वालिटी पर ध्यान दें (check water quality rather than quantity)।
उम्मीद करती हूं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी ऐसी ही रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए।
आज की पोस्ट में बस इतना ही मिलते हैं एक और नई और रोचक पोस्ट के साथ है तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।
आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।