अर्थशास्त्र (economics) किसे कहते हैं? इस के जनक कौन हैं (who is father of economics in hindi)? 

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तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास topic जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे!  

आज मैं आपको बताने वाली हूं कि अर्थशास्त्र (economics) किसे कहते हैं? इस के जनक कौन हैं (who is father of economics)?

अर्थशास्त्र (economics) किसे कहते हैं? इस के जनक कौन हैं (who is father of economics in hindi)? 


अर्थशास्त्र के बारे में मैं आज आपको पूरी जानकारी दे दूंगी।

अर्थशास्त्र क्या है?

अर्थशास्त्र को इंग्लिश में इकोनॉमिक्स (economics) बोलते हैं। अर्थशास्त्र शब्द के दो शब्दों से मिलकर बना है। यह ग्रीक के 2 शब्दो 'Oiks' (घरेलू) + 'Nemenien' (प्रबंधन) से मिलकर बना है और इस ग्रीक शब्द को हिंदी में 'गृहस्थी प्रबंधन' कहा जाता है।

गृहस्थी प्रबंध से मेरा तात्पर्य है इस बात से है कि हमारी रोजमर्रा की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वस्तुओं, सेवाओं, इच्छाओं इन सभी को पूरा करने के लिए हम जो धन का प्रबंध करते हैं उसे ही गृहस्थी प्रबंधन कहा जाता है।

अगर हम अर्थशास्त्र का संधि विच्छेद करें तो अर्थ + शास्त्र
अर्थ = धन
शास्त्र = वैज्ञानिक अध्ययन
अतः इसका अर्थ हुआ धन का वैज्ञानिक अध्ययन।

अर्थशास्त्र की परिभाषा (economics definition in hindi) :-

अर्थशास्त्रियों ने अर्थशास्त्र को इस प्रकार परिभाषित किया है-

"सामाजिक विज्ञान की वह शाखा, जिसमें वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन के विनियम वितरण एवं उपभोग का अध्ययन किया जाता है।"

साधारण भाषा में मैं आपको बताऊं तो ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि अर्थशास्त्र का मतलब धन का लेनदेन करना है। लेकिन ऐसा नहीं है अर्थशास्त्र का मतलब एक ऐसा तालमेल बिठाना है। जिससे जीवन और बेहतरीन तरीके से चल पाए।

अर्थशास्त्र एक सामाजिक (social) विषय है। यह हमें समाज में बेहतरीन तरीके से रहना सिखाता है। अर्थशास्त्र में बहुत सारे विषय होते हैं जो हमें सीमित आवश्यकताओं, इच्छाओं और सीमित साधनों के साथ जीवन यापन करने का तरीका सिखाती है।

अर्थशास्त्र हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत काम आता है। अर्थशास्त्र का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति और समाज में धन को लेकर तालमेल बनाना है।

अर्थशास्त्र के पिता कौन है?

सन 1776 में 'एडम स्मिथ' ने अपनी पुस्तक "An enquiry into the nature and causes of wealth of Nations" में अर्थशास्त्र को 'धन का विज्ञान' कहा था। इस पुस्तक में उन्होंने विस्तार से अर्थशास्त्र के सभी पहलुओं के बारे में बताया है।

'एडम स्मिथ' (Adam Smith) को सर्वप्रथम अर्थशास्त्र को परिभाषित करने के कारण इन्हें अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है। 

लोग पहले से ही अर्थशास्त्र के बारे में जानते थे, लेकिन एडम स्मिथ ने अपनी पुस्तक में विस्तार से अर्थशास्त्र के बारे में वर्णन किया है। अधिक विस्तार से बताने के कारण इन्हें अर्थशास्त्र का पिता कहा जाता है।

अर्थशास्त्र के प्रकार:-

अर्थशास्त्र को दो भागों में बांटा गया है।

1. व्यष्टि अर्थशास्त्र
2. समष्टि अर्थशास्त्र

व्यष्टि अर्थशास्त्र:-

इसके अंतर्गत वैयक्तिक इकाइयों जैसे- व्यक्ति, परिवार, फर्म, उद्योगों एवं अनेक वस्तुओं और सेवाओं की कीमत आदि का अध्ययन व विश्लेषण किया जाता है।

साधारण भाषा में मैं आपको बताऊं तो व्यष्टि अर्थशास्त्र में व्यक्ति के निजी कार्यों से संबंधित लेन देन से होता है।

यह एक छोटी इकाई है। इसमें हम छोटी-छोटी चीजों का अध्ययन करते हैं और उन्हें अच्छे तरीके से व्यवस्थित करने का तरीका पाते हैं।

उदाहरण के लिए:-

(1) उपभोक्ता का सिद्धांत
(2) उत्पादक व्यवहार सिद्धांत
(3) कीमत निर्धारण
(4) कल्याण अर्थशास्त्र

समष्टि अर्थशास्त्र:-

समष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत अर्थव्यवस्था का संपूर्ण रूप अध्ययन किया जाता है। यह एक बड़ी इकाई है। समष्टि अर्थशास्त्र में बहुत बड़े क्षेत्रीय देश की अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया जाता है।

उदाहरण के लिए:-

कुल राष्ट्रीय आय, कुल उपभोग, कुल मांग, कुल बचत, कुल विनियोग और रोजगार आदि।
इसमें बड़े स्तर पर बारीकी से व विस्तार से वर्णन किया जाता है।

उदाहरण के लिए-

1.राष्ट्रीय आय और रोजगार
2. राजकोषीय तथा मौद्रिक नीतियां
3. अपस्फीति तथा स्फीति
4. सरकारी बजट
5. विनियम दर और भुगतान शेष

उम्मीद करती हूं आपको अर्थशास्त्र के बारे में आवश्यकता अनुसार जानकारी मिल गई होगी।

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आज की पोस्ट में बस इतना ही मिलते हैं एक और नई और रोचक पोस्ट के साथ है तब तक  अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।

आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।
                          
                          





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