फूड पॉइजनिंग क्या होता है और फूड पॉइजनिंग के कारण क्या है? फूड पॉइजनिंग होने पर क्या खाए?

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।

thebetterlives.com में आपका स्वागत है।
मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।

दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद जरूरी!

तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास टॉपिक जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे! 

दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से एक बहुत ही कोमन समस्या फूड पॉइजन के बारे में जानकारी देंगे।

फूड पॉइजनिंग क्या होता है और फूड पॉइजनिंग के कारण क्या है? फूड पॉइजनिंग होने पर क्या खाए?


फूड पॉइजन क्या होता है और इसके कारण क्या है? इसके साथ ही हम आपको इसके उपचार और इसकी सावधानियों के बारे में भी जानकारी देंगे इसलिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।

दोस्तों आजकल लोग घर के खाने से ज्यादा के खाने को पसंद करते है बाहर के खाने का स्वाद उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करता है।

यही वजह है कि चाहे ऑफिस हो या कॉलेज कैंटीन या होटल हर जगह पर लोगों की भीड़ दिखाई देती है।

क्योंकि कुछ लोग अपने घर से बाहर आते हैं काम करने के लिए इसलिए उनको बाहर का खाना खाना पड़ता है।

दोस्तों बाहर का खाना आपको स्वादिष्ट तो लगता है साथ ही आपको खाना बनाने से छुट्टी भी मिल जाती हैं लेकिन कई बार आपको यह खाना मुश्किल में भी डाल देता है।

दोस्तों बाहर मिलने वाले खाने में हर जगह साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। ना ही सब्जियों को ठीक से साफ किया जाता है। ना ही खाने वाले तेल का खास ध्यान रखा जाता है और जो भी तेल का वह  इस्तेमाल करते हैं। वह तेल भी अच्छी क्वालिटी का नहीं होता है।

दोस्तों इस वजह से यह खाना हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता।
बारिश हो या गर्मी इस मौसम में बाहर का खाना बहुत जल्दी खराब और संक्रमित हो जाता है और जब आप इसे खाते हैं तो आप फ़ूड पोइज़निंग के विषाक्त संक्रमण का शिकार हो जाते हैं।


दोस्तों फ़ूड पोइज़निंग क्या है और इसके क्या सिम्टम्स है यह तो हम सब अच्छी तरह जानते ही होंगे। यह है दूषित खाना, बासी खाना, संक्रमित खाना खाने से होता है।

आपको ऐसा दूषित खाना खाने के तुरंत बाद यह लक्षण दिखाई दें (जो हम आगे बताने वाले हैं) तो आपको समझ जाना चाहिए कि आप फ़ूड पोइज़निंग के शिकार हो गए हैं और आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।


दोस्तों फूड प्वाइजनिंग का कारण है खराब खाना खा लेना, बासी खाना खा लेना, ऐसा खाना जिसमें महक हो गई हो, जिसमें बैक्टीरिया हो गए हो। ऐसा खाना खाने से हमें फ़ूड पोइज़निंग हो जाता है।

फूड पॉइजनिंग क्या होता है और फूड पॉइजनिंग के कारण क्या है? फूड पॉइजनिंग होने पर क्या खाए?


दोस्तों यह तो था फ़ूड पोइज़निंग होने का कारण चलिए अब हम जानते हैं फ़ूड पोइज़निंग के लक्षण क्या है? कैसे हम पहचाने कि हमें फ़ूड पोइज़निंग हुआ है?

दोस्तों फूड पॉइजनिंग दो तरह से होता है:

एक साधारण फ़ूड पोइज़निंग होता है जिसमें हमें जी मिचलाना, भूख ना लगना, सर में दर्द होना, मुंह से बादी का पानी आना ऐसी समस्याएं आती हैं।

दोस्तों ये फ़ूड पोइज़निंग ऐसे साधारण होते हैं जिनमें दवा लेने से हम एक-दो दिन में ठीक हो जाते हैं।

और कुछ ऐसे भी फ़ूड पोइज़निंग होते हैं जिसमें यह लक्षण दिखाई देते हैं जैसे:-  उल्टी आना, पेट में दर्द, दस्त लगना, जी मिचलाना, कुछ भी खाने का मन ना करना, हमेशा सुस्ती छाई रहना, हमेशा सोने का मन करना ऐसी समस्याएं देखने को मिलती है।

दोस्तों यह फ़ूड पोइज़निंग  वायरस और विशाक बैक्टीरिया की वजह से बढ़ जाता है।

दोस्तों हमारे पेट में पहले से ही गुड बैक्टीरिया रहते हैं और एसेस भी बनते रहते हैं इस कारण फ़ूड पोइज़निंग का परिणाम और ज्यादा बढ़ जाता है।

दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि दूषित खाना खाने से बैक्टीरिया कैसे बढ़ते हैं और कैसे बैक्टीरिया बढ़ने से हमें उल्टी दस्त जी मिचलाना जैसी समस्याएं हो जाती है।

दोस्तो आइए हम भी जानते हैं कि बैक्टीरिया कैसे हमारे अंदर जाते हैं:

दोस्तों जब आप दूषित खाना खाते हैं तो उसमें से बैक्टीरिया
और विषाक्त पदार्थ हमारे पेट में जाते हैं। जिस कारण पेट में काफी दर्द होने लगता और फिर उल्टी और दस्त जैसी तकलीफें होना शुरू हो जाती हैं।

और कभी-कभी तो खाना खाने के 72 घंटे बाद भी आपको फ़ूड पोइज़निंग का असर दिखता है।

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बैक्टीरिया कैसे बढ़ते हैं (एक से अनेक की संख्या में) आइए जानते हैं:-

दोस्तों हमने पहले से ही बताया है कि हमारे पेट में कुछ बैक्टीरिया तो पहले से ही होते हैं और तब दूषित खाने से आए हुए बैक्टीरिया उनमें मिक्स होते हैं तो उस वक्त वह हमारे इम्यून सिस्टम को डिटॉक्स नहीं कर पाते हैं।

जो बैक्टीरिया हमारे इम्यून सिस्टम को डिटॉक्स नहीं कर पाते हैं तो यह बैक्टीरिया घातक टॉक्सिक छोड़ने लगते हैं और इस तरह से पेट में बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं।

दोस्तों आइए आप जानते हैं फ़ूड पोइज़निंग का घरेलू उपचार क्या है:-

नंबर .1 ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।

दोस्तों फ़ूड पोइज़निंग के उपचार में ज्यादा से ज्यादा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि मरीज के शरीर में पानी की कमी ना हो। इसलिए इसके लक्षण नजर आने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।

नंबर 2.  लिक्विड ज्यादा ले।

दोस्तों हमें लिक्विड ज्यादा लेना चाहिए जैसे:- पतली खिचड़ी, सूप, नारियल पानी, पतली दाल, ग्लूकोज, नींबू पानी, चावल का पानी यह सब हमें ज्यादा से ज्यादा लेना चाहिए।

नंबर 3. अदरक और शहद।

दोस्तों अदरक  ना केवल आपके व्यंजन को स्वादिष्ट बनाती हैं बल्कि लगभग सभी पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक शानदार घरेलू उपाय है।

दोस्तों एक चम्मच शहद में कुछ बूंदे अदरक के रस की मिलाकर लेने से पेट में दर्द सूजन एसिडिटी से आराम मिलता है।

नंबर 4.  भुना हुआ जीरा।

दोस्तों फ़ूड पोइज़निंग में भुने हुए जीरे का भी बहुत इस्तेमाल किया जाता है। जीरे के इस्तेमाल से पेट में दर्द या पेट की समस्याओं को ठीक करने में बहुत मदद मिलती है।

भुने हुए जीरे को लस्सी या दही में मिलाकर थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर खाने से पेट की समस्याओं में आराम मिलता है।

नंबर 5. तुलसी पत्ते का रस और शहद।

दोस्तों एक चम्मच शहद में 5,6 तुलसी के पत्ते के रस की बूंदे डालकर लेने से कुछ घंटे के अंदर ही आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

नंबर 6. केला और दही।

दोस्तों केला पोटेशियम का एक समृद्ध स्रोत है केला फ़ूड पोइज़निंग से जल्दी ही रिकवरी और उसके प्रभाव को कम करने का एक बहुत ही प्रभावशाली उपाय है।

इसलिए केला को दही में मैस करके खाएं इससे दस्त में बहुत जल्दी आराम मिल जाता है।

नंबर 7. सेब का इस्तेमाल।

दोस्तों सेब फूड पॉइजनिंग के प्रभाव के खिलाफ बहुत अच्छा काम करता है। यह हार्ड बरन और एसिड रिफ्लेक्शन को कम करता है।
इसे बैक्टीरिया के विकास को बाधित करने वाले एंजाइमों के रूप में जाना जाता है जो दस्त और पेट दर्द का कारण होता है।

नंबर 8. नींबू का रस और चीनी।

दोस्तों नींबू के रस की एसिडिटी फूड पॉइजनिंग के बैक्टीरिया को समाप्त करता है इसलिए इसे फ़ूड पोइज़निंग में लाभकारी मानते हैं।

इसके लिए आप एक नींबू का रस निचोड़ कर उसमें एक चुटकी चीनी मिलाकर दवा की तरह इस्तेमाल करें या फिर नींबू को आप अपनी चाय में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके लिए आपको नींबू वाली चाय बनानी होगी।

नंबर 9. सेब का सिरका।

दोस्तों विशेष रूप से सेव का सिरका जिसे हम एप्पल विनेगर के नाम से भी जानते हैं यह हमारे पेट में बैक्टीरिया पनपने से रोकता है इसके इस्तेमाल से फूड पॉइजनिंग के असर को तेजी से कम किया जा सकता है।

नंबर 10. पुदीने की चाय।

दोस्तों पुदीना चाय सिर्फ एक ही बीमारी में काम नहीं करती है बल्कि यह फूड पॉइजनिंग में पेट की ऐठन की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होती है।

अपनी चाय में कुछ बूंदे पुदीने के रस की डाल कर देखें आपके पेट की समस्या कुछ ही घंटों में बिल्कुल ठीक हो जाती है।

नंबर 11. लहसुन का इस्तेमाल।

दोस्तों लहसुन में एंटीफंगल गुण होते हैं। इसके खाने से पेट में अगर दर्द हो तो वह तुरंत ठीक हो जाता है। यह दस्त जैसी समस्याओं को भी दूर करता है।

सुबह खाली पेट लहसुन की कलियां गुनगुने पानी के साथ खा ले। यह हाई बीपी में भी बहुत ही फायदेमंद होता है। आप चाहे तो इसका रस निकालकर भी पी सकते हैं।

एक चम्मच लहसुन का रस निकालकर उसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर आप पी सकते हैं इससे आपको पेट से जुड़ी सभी समस्याओं में आराम मिलेगा।

तो दोस्तों आज हमने इस लेख के माध्यम से आपको फूड पॉइजनिंग से होने के कारण बचाव और उसमें बरती जाने वाली सावधानियां इसके साथ ही उसके उपचार के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है।

ऐसी ही रोचक जानकारी लेने के लिए होमपेज पर जाएं

नोट: ऊपर दिए गए सिर्फ सुझाव है बाकी अगर आपको ज्यादा तकलीफ है तो आप डॉक्टर की सलाह लें।

उम्मीद करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी दोस्तों ऐसे ही इंटरेस्टिंग और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए।

दोस्तों  आज के लेख में बस इतना ही मिलते हैं ऐसी ही एक और रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ तब तक  अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई का विशेष ध्यान रखें धन्यवाद।

आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया

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