विवेक अग्निहोत्री की नई फिल्म अब रिलीज हो चुकी है "द कश्मीर फाइल्स "
ये फिल्म 1990 के दौर के बहुत बड़े मुद्दे पर बनी है। जब आतंकवादियों के द्वारा कश्मीर पंडितों की हत्या की गई थी और उन्हें कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था ।
इसकी वजह से कश्मीरी पंडितों को अपने ही कश्मीर में एक शरणार्थी की तरह रहना पड़ रहा था। उनका वह स्टेटस आज भी बना हुआ है।
द कश्मीर फाइल्स का एक मुख्य पात्र कृष्णा पंडित नाम का एक लड़का है। उसके दादा पुष्कर नाथ को 1990 में कश्मीर छोड़ना पड़ा था। आज भी उनका सपना है कि वह वापस अपने घर जाएं। कृष्णा ई.अल.यू नाम के टॉप कॉलेज में पढ़ता है और वह कॉलेज में इलेक्शन होने पर खड़ा होता है।
कृष्णा कही सुनी बातों पर विश्वास करने की बजाय खुद कश्मीर जा कर देखता है कि वहां चल क्या रहा है। इस दौरान उसे अपनी लाइफ का सबसे बड़ा राज पता चलता है उसकी जिंदगी और कश्मीर को लेकर उसका नजरिया बिल्कुल बदल के रख देता है।
फिल्म में अनुपम खेर ने पुष्कर नाथ नाम के पंडित का किरदार निभाया है जो उस बर्बर आर्डर का शिकार हुआ था।
यह कैरेक्टर उनके काफी नजदीक लगता है वह एक खुद कश्मीरी पंडित है और इमोशनल सींस में वह कश्मीरी भाषा में बात करते हैं। जो उनके कैरेक्टर को ऑन थे टिक बनाने में अच्छा रोल निभाता है।
उनके पोते है कृष्णा कुमार। जो फिल्म के कुछ सीन में कॉलेज स्टूडेंट बने है हालांकि वह इतने बेहतर ढंग से कॉलेज स्टूडेंट नहीं लगते।
फिल्म के क्लाइमेक्स में उनकी एक लंबी चौड़ी स्पीच आती है। जिसमें वह ठीक लगते हैं। पल्लवी जोशी ने राधिका मेनन ई.अन.यू प्रोफेसर का रोल किया है। ई.अन .यूं जेएनयू से मिलता जुलता नाम है।
एक सीन में राधिका मेनन का किरदार कृष्णा को सलाह देता हुआ कहता है कि हर कहानी में एक विलन होता है।
इस कहानी में विलेन राधिका मेनन को बनाया गया है।
यहीं पर डायरेक्टर का पॉइंट ऑफ व्यू और आईडियोलॉजी देखी जाती है कि वह विचारधारा के आधार पर किसी को विलेन बनाता है तो यह काम किसी भी विषय में किया जा सकता है।
यह तो हो गए फिल्म के 3 प्राइमरी किरदार। इनके अलावा फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती , प्रकाश बलवाड़ी, पुनीधीत सर और अतुल श्रीवास्तव भी है।
उन्होंने पुष्कर नाथ के चार दोस्तों का रोल किया है। इन सब का असली काम यह है कि वह बताएं कृष्णा को की उसके माता-पिता के साथ एक्चुअल में क्या हुआ था मतलब उनकी डेथ कैसे हुई थी।
द कश्मीर फाइल्स की बहुत अच्छी बात यह है कि यह फिल्म अपने नेटीव को लेकर काफी पैशनेट है।
इस फिल्म में आपको कोई एक्सपेरिमेंट देखने को नहीं मिलेगा। ट्रीटमेंट के तौर पर इस फिल्म को बहुत यूनिक नहीं कह सकते। इस फिल्म में सिनेमा टूल्स का इस्तेमाल किया है ताकि यह लोगों के दिमाग पर अच्छा असर छोड़ें।
मसलन फिल्म में एक सीन जिसमें 25 लोगों को गोली मारी जाती है। यह 25 की 25 गोली हमें चलाती हुई दिखाई जाती है।
इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों के माननीय विचारों को बहुत अच्छे से उठेला है। इस फिल्म में या तो सब कुछ ब्लैक है या वाइट।
इस फिल्म में सभी मुसलमानों को विलेन के तरीके से दिखाया गया है। यह विचारात्मक कितना सही है यह टटोलने की कोशिश दर्शक को करनी पड़ेगी।
आशा करती हूं कि आपको इस फिल्म में बताए गए मुद्दे पर अपनी टिप्पणी करने का मौका मिलेगा और आप इस फिल्म को काफी पसंद करेंगे और कश्मीरी पंडितों के ऊपर हुए जुल्म सितम को अपने नजरिए से देखेंगे।
🎦 ᴛʜᴇ ᴋᴀꜱʜᴍɪʀ ꜰɪʟᴇꜱ (2022)
✳️Genres:- Action || Drama
❇️Language:- Hindi
⭕️480p
⭕️720p
⭕️1080p
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धन्यवाद।
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Movie review