क्या मधुमेह एक आनुवंशिक रोग है? - thebetterlives

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और स्वस्थ होंगे।

thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।

मैं आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद इंर्पोटेंट।

आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!

दोस्तो! आज हम बात करेंगे डायबिटीज के बारे में।
क्या डायबिटीज आनुवांशिक है?

क्या मधुमेह एक आनुवंशिक रोग है? - thebetterlives


दोस्तों अगर मेरे माता-पिता या दादा-दादी में से किसी को भी डायबिटीज है या मेरी फैमिली में से किसी को भी डायबिटीज है तो क्या मुझे भी डायबिटीज हो सकती है?

दोस्तों आज मैं इस लेख के माध्यम से इन सभी सवालों के जवाब विस्तार पूर्वक बताने की कोशिश करूंगी।

दोस्तों अगर आप डायबिटीज के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको "द बायोलॉजी आफ बिलीफ" पुस्तक के बारे में जानना जरूरी है।
इस पुस्तक के लेखक ब्रूस लिपटन है।

दोस्तों! डॉक्टर ब्रूस लिपटन के अनुसार, हम सब के शरीर के अंदर हर प्रकार के बीमारियों के अणु पहले से ही मौजूद रहते हैं।

उसी प्रकार डायबिटीज के भी हम सभी के अंदर पहले से ही अणु मौजूद होते हैं। लेकिन फिर भी सभी लोगों को डायबिटीज नहीं होती। 
सिर्फ कुछ ही लोगों को डायबिटीज होती है, तो ऐसा क्यों होता है:-

डायबिटीज इसलिए होती है क्योंकि हमारे शरीर में 'जीन रेगुलेशन' नाम की एक प्रक्रिया होती है।

जब हमारे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो उसे शुगर या डायबिटीज कहते हैं।

जीन रेगुलेशन क्या है?

जीन रेगुलेशन का मतलब होता है कि टर्निंग जीन ऑफ और टर्निंग जीन ऑन। इसे हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप भी कह सकते हैं।

सरल भाषा में:- जब किसी इंसान के शरीर के अंदर डायबिटीज जैसी बीमारी को पैदा करने वाली जींस, एक्सप्रेस हो जाए या सक्रिय हो जाए तो उसे डायबिटीज हो जाती है।

इंसान को डायबिटीज वातावरण के कारण हो सकती है। 
मेरे कहने का अभिप्राय है कि आप किस प्रकार का वातावरण अपनी सेल्स को देते हैं। उस पर निर्भर होता है कि वह एक बीमारी के जीन्स को हमारा शरीर सक्रिय करता है या निष्क्रिय।

अगर आपका शरीर बिल्कुल सही ढंग से कार्य करता है तो आप बीमारियों से बच सकते हैं और अगर आपका इम्यूनिटी सिस्टम अच्छा है तो बीमारियां आपके ऊपर असर नहीं डाल सकती।

अगर आपने अपने शरीर के सेल्स को एक अच्छा वातावरण दे दिया तो वो बीमारियों को पैदा नहीं करेगी।

दोस्तों! 3 महत्वपूर्ण चीजें हैं जो हमारे सेल्स में इन्वायरमेंट का काम करती है।

(1) हमारा भोजन:-

हमें बीमारी होगी या नहीं होगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसा भोजन अपने शरीर में डालते हैं। अगर आप बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आपको पोषण युक्त भोजन करने की आदत डाल लेनी है। 

अगर आप एक अच्छे भोजन को शरीर में डालते हैं तो हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है। अगर आप पोषण युक्त भोजन करते हैं तो आपको डायबिटीज होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। 

डायबिटीज हमें होगी या नहीं यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

(2) रहन-सहन और भावनाएं:-

अगर हम एक खुशहाल वातावरण में अपना दिन व्यतीत करते हैं तो हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। जिससे रोगों से लड़ने के लिए हमें ताकत मिलती है।

अगर हम पूरा दिन दुखी रहते हैं, तो हमें डायबिटीज होने का खतरा बन सकता है। दुखी रहने से हमारे अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता काफी कम हो जाती है। हमें ज्यादा से ज्यादा खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। 

हमारी सेल्स को अच्छे वातावरण की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। अगर आप का रहन-सहन अच्छा नहीं है तो आपको डायबिटीज या और भी कोई बीमारी हो सकती है।

(3) तनाव, आघात, डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां:-

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अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य खराब है तो आपको कोई भी बीमारी आसानी से हो सकती है।

दोस्तों बीमारियों का प्रमुख कारण इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य कैसा है। जितना हो सके उतना हमें सकारात्मक विचारों और सकारात्मक सोच के साथ ही जीवन व्यतीत करना चाहिए।

दोस्तों ओर आसानी से समझने के लिए मैं आपको एक उदाहरण देती हूं:

दोस्तों जो आईडेंटिकल टोंस व सेम डीएनए शेयर करते हैं। उनका जो डीएनए है वह सेम ही होता है। लेकिन फिर भी आप देखेंगे कि जो एक बच्चा है वह किसी बीमारी का शिकार हो जाता है। लेकिन उसी समय वह बीमारी दूसरे बच्चे को नहीं होती है।

दोस्तों सेम डीएनए शेयर करने के बाद भी जो बीमारियां हैं। वह सेम नहीं होती अलग-अलग होती है।

क्योंकि बीमारियां आपके जीन्स से ज्यादा आपके सेल्फ के इन्वायरमेंट पर ज्यादा डिपेंड होती है।  मतलब आपको डायबिटीज जैसी बीमारी होगी या नहीं यह सबसे ज्यादा एनवायरमेंटल फैक्टर्स पर डिपेंड करता है।

तो दोस्तों इस प्रकार की बीमारी आपके जींस से नहीं बल्कि
आपके किचन से आती हैं। यानी कि आपके फूड से आपके लाइफ स्टाइल से आती है।

दोस्तों यदि किसी बच्चे का और उसके माता-पिता का खाना सेम है। एक जैसा है तो जाहिर सी बात है कि उनकी बीमारियां सेम होंगी।

तो दोस्तो आशा करती हूं आपको मेरी बातें समझ में आ गई होगी और कई लोगों का कंफ्यूजन दूर हो गया होगा कि
आपकी बीमारियां आपके जिनस से ज्यादा आपके फूड और आपके लाइफस्टाइल पर ज्यादा डिपेंड होती हैं।

तो दोस्तों आपको बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है कि अगर आपके पैरेंट्स को या आपकी फैमिली  में किसी को डायबिटीज है और आप एक अच्छी लाइफ स्टाइल को फॉलो करते हो अच्छा और हेल्दी खाना खाते हो।

यानी कि एक अच्छा और हेल्दी एन्वायरमेंट आपकी सेल्स को देते हो तो आपको डायबिटीज जैसी बीमारी बिल्कुल भी नहीं होगी।
 
दोस्तों हमारे दिमाग से हमारा पूरा शरीर चलता है। अगर आप बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा और इसे बेहतर बनाना होगा।

दोस्तों बीमारियों का प्रमुख कारण इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य कैसा है। जितना हो सके उतना हमें सकारात्मक विचारों और सकारात्मक सोच के साथ ही जीवन व्यतीत करना चाहिए।

क्योंकि दोस्तों बीमारियां आपके जीन्स से ज्यादा आपके आसपास के वातावरण पर निर्भर करते हैं।

डायबिटीज दो टाइप की होती है।

(1) डायबिटीज वह है जो हमें अनुवांशिक तौर पर होती है। यानी जब किसी के परिवार में माता-पिता या दादा-दादी में से किसी को डायबिटीज की बीमारी रही हो तो ऐसे व्यक्ति में इस बीमारी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है तो इसे टाइप-1 डायबिटीज कहते हैं।

(2) हमारे गलत खान-पान के कारण भी हमें शुगर हो सकती है और इस प्रकार की परिस्थिति को टाइप-2 डायबिटीज कहते हैं।

जब हमें अनुवांशिक डायबिटीज होती है तो हमारे शरीर की कुछ कोशिकाएं हमारे अग्नाशय की कोशिकाओं पर हमला करके इंसुलिन के उत्पादन को बाधित कर देती हैं जिसके कारण हमारे रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।

अगर आपको अनुवांशिक डायबिटीज नहीं है तो आपके शरीर में बहुत अधिक फैट, हाई बीपी, समय पर ना सोना, बहुत अधिक नशा करना और निष्क्रिय जीवन शैली आपकी शुगर के लिए उत्तरदाई है।

आज खराब और अनहेल्दी आदतों के कारण है डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर आपको डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं तो अगर आप शुरुआत में ही इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो काफी हद तक डायबिटीज से बचाव हो सकता है।

तो दोस्तो आशा करती हूं आपको मेरी बातें समझ में आ गई होगी और कई लोगों का कंफ्यूजन दूर हो गया होगा कि
आपकी बीमारियां आपके जिनस से ज्यादा आपके फूड और आपके लाइफस्टाइल पर ज्यादा डिपेंड होती हैं।

तो दोस्तों आपको बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है कि अगर आपके पैरेंट्स को या आपकी फैमिली  में किसी को डायबिटीज है और आप एक अच्छी लाइफ स्टाइल को फॉलो करते हो अच्छा और हेल्दी खाना खाते हो।

यानी कि एक अच्छा और हेल्दी एन्वायरमेंट आपकी सेल्स को देते हो तो आपको डायबिटीज जैसी बीमारी बिल्कुल भी नहीं होगी।
 
दोस्तों हमारे दिमाग से हमारा पूरा शरीर चलता है। अगर आप बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा और इसे बेहतर बनाना होगा।

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दोस्तो आशा करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी

ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए दोस्तो आज के लेख में बस इतना ही मिलते हैं एक और नई जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखिए आप चारों तरफ से बनाए रखें धन्यवाद।

आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।।

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