क्या करें जब युवावस्था में ही मन बैरागी सा होने लगे? - the better lives

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।

thebetterlives.com में आपका स्वागत है।
मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।

दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद जरूरी!

तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास टॉपिक जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे! 

दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से अपने उन भाई बहनों को उन बच्चों को कुछ ऐसी खास बातें बताना चाहते है। जिन्होंने अभी-अभी युवावस्था में कदम रखा है यानी जिसकी आयु 12 से 18 के बीच में है।

क्या करें जब युवावस्था में ही मन बैरागी सा होने लगे?


आज हम अपने उन भाई बहनों को उन बच्चों को बताएंगे कि आपको अपनी युवावस्था में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आप किसी भी गलत आदत का शिकार होने से बच सकें।

तो आइए जानते हैं युवावस्था में आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

दोस्तों युवा अवस्था उम्र का वह पड़ाव है जिसमें व्यक्ति को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। एक बार लोग गलत रास्ते पर चले जाते हैं तो उनको जीवन भर पछताना पड़ता है।

दोस्तों युवावस्था में बहकने की काफी संभावना होती है। क्योंकि यह वह उम्र है जिसमें आप किशोरावस्था से युवावस्था में जाते हैं। 13 से 18 या 19 साल तक की जो उम्र होती है उसमें बहक जाने की काफी संभावना होती है।

दोस्तों इस मे आपके हारमोंस डेवलपर होते हैं आपकी फीलिंग चेंज हो जाती है, आपकी थिंकिंग चेंज हो जाती हैं, आपके अपने ओपिनियन बनते हैं। 

तो ऐसे टाइम में अगर आप कुछ गलत करते हो या ऐसी गलत चीजों में रूचि रखते हो तो वह आपकी आदत बन जाती है और आगे चलकर यह आपको बहुत बुरा परिणाम देता है।

दोस्तों कई बार लोग हमसे पूछते हैं जो युवावस्था में होते हैं और बताते हैं कि वह कई तरह की ग़लत आदतों से परेशान हैं।

अब दोस्तों युवावस्था में कई प्रकार की आदतें गंदी आदतें लग जाती है।

जैसे:- स्मोकिंग, फिल्में देखना, गंदी फिल्में देखना, शराब पीने की आदत या फिर और कई तरह की गंदी आदतें लग जाती है।

और दोस्तों इसका दुष्प्रभाव यह पड़ता है कि वह बच्चा हो या बच्ची  ना तो वह अपनी पढ़ाई पर कंसंट्रेट कर पाता है।

ना ही वह अपने खेल पर या फिर उसका कोई और लक्ष्य है उस पर कंसंट्रेट कर पाते हैं।

और ना ही अपने उस लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं जो उन्होंने अपने जीवन में बना रखा है। वह जिस उपलब्धी को पाना चाहते हैं उसमें भी वह बच्चे असफल हो जाते हैं।

उनका दिल और दिमाग हमेशा विचलित रहता है।
उसका माइंड हमेशा उसी चीज के बारे में सोचता रहता है उसी गलत चीज को बार बार करने का उनका मन करता है।

सबसे पहली बात दोस्तों आप अपने ऐसे दोस्तों से दूरी बनाकर रखें। जो आपको ऐसी गलत चीजें करने को बोलते हैं, शराब पीने को बोलते हैं, स्मोकिंग करने को बोलते हैं या फिर कुछ ऐसी वैसी फिल्में आपको दिखाते हैं। दरअसल वह आपके दोस्त नहीं आप के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

क्योंकि एक बार जब आपको यह आदत लग जाती है तो उनको छोड़ना बहुत ही मुश्किल हो जाता है और उनको छोड़ने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए अच्छा यही है कि आप ऐसी आदतों में पड़े ही नहीं।

दोस्तों यह चीजें उनकी लाइफ में तब शुरू होती हैं जब उनको इनके बारे में पता भी होता है कि आगे चलकर इन सब आदतों का रिजल्ट क्या आने वाला है। उनको पता होता है कि यह उनका नुकसान कर रही है फिर भी वह उनको बार-बार करते हैं।

दोस्तों वह जानते हैं कि सिगरेट की डिब्बी के ऊपर लिखा है कि यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। इससे आपको मुंह का कैंसर भी हो सकता है लेकिन फिर भी पिए जा रहे हैं।

तो ऐसी चीजें जिनके सेवन से हमें लत लग जाती है। जो हमें एडिक्टेड बना देती हैं और हमारा जो अपने जीवन का लक्ष्य है उसमें रुकावट पैदा करती हैं। ऐसी आदतों में हमें पढ़ना ही नहीं चाहिए और अगर हम पड़ गए हैं तो बहुत जल्दी हमें इन से छुटकारा पा लेना चाहिए।

दोस्तों उन आदतों की वजह से कई लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं।
कई लोग हॉस्पिटलाइज भी हो जाते हैं और दोस्तों कई लोग तो इतनी परेशान हो जाते हैं कि आत्महत्या भी कर लेते हैं।

तो इस समस्या का समाधान क्या है?

तो इन आदतों का समाधान क्या है चाहे वह मूवी हैं गंदी फिल्में हो, स्मोकिंग हो, शराब हो, चाहे और ऐसी गंदी आदतें इन सब का समाधान क्या है? इन सब से कैसे निजात पाएं?

आइए जानते हैं:-

दोस्तों हमें देखना चाहिए कि जो भी लोग इन आदतों में पड़े हैं उनकी जिंदगी कितनी खराब हो चुकी है उनसे हमें कुछ सीख लेनी चाहिए।

उनको कई लोगों ने सलाह दी होगी समझाया होगा सलूशन बताएं होंगे कि जब भी तुम्हारा मन भटके तो तुम ठंडा पानी पी लो।

उसके बारे में सोचो मत।

जब भी तुम्हारे मन में ऐसे ख्याल आए तो तुम ताली बजाने लग जाओ इससे तुम्हारा माइंड चेंज हो जाएगा। घर से बाहर घूमने निकल जाओ इस तरह के कई विचार लोग देते रहते हैं।

क्या करें जब युवावस्था में ही मन बैरागी सा होने लगे?


लेकिन आपको यह समझना पड़ेगा कि इसका और क्या इलाज हो सकता है।

सबसे पहले तो आपका लक्ष्य क्लियर होना चाहिए। जनरली सारे लोग इस  संसार से संबंधित लक्ष्य बनाते हैं। लेकिन इस में अध्यात्मिकता भी डालनी पड़ेगी। क्योंकि जीवन जीना और जीवन को एक अच्छे रूप से जीना और अपने लक्ष्य के साथ जीना यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।

तो दोस्तों आपको क्या करना चाहिए आपको अपने जीवन को इस प्रकार शेड्यूल करना चाहिए कि अगर हम लोग इतनी खतरनाक आदतों से जूझ रहे हैं तो हमें अपने आपको हमेशा बिजी रखना चाहिए।

हमारे पास हर समय कुछ न कुछ काम होना चाहिए ताकि हम फ्री ना रहे क्योंकि ऐसे व्यक्ति को खाली नहीं बैठना चाहिए।

और जब आपके  पास टाइम ही नहीं होगा आप खाली नहीं रहोगे मतलब आप फ्री नहीं रहोगे तो इस तरह के गलत ख्याल आपके दिमाग में बिल्कुल भी नहीं आएंगे।

दोस्तों ऐसे व्यक्ति ऐसे बच्चे जिनके अंदर इस तरह की आदतें हैं।  उनको अकेला बिल्कुल भी नहीं रहना चाहिए। कोई न कोई उनका मित्र या परिवार का कोई मेंबर जो उनकी इस कमजोरी को जानता है उनको हमेशा उनके साथ या आसपास रहना चाहिए।

आप अपनी इस गलत आदत को छुपाए नहीं किसी प्रकार की शर्म ना करें और आप अपनी इस आदत को छोड़ने में अपने मित्र की अपने परिवार के मेंबर की मदद ले सकते हैं। इस बात को आप पब्लिश कर दीजिए ताकि सब आपका साथ दे सके।

आप ज्यादा अकेले ना बैठे खुद को बिजी रखें एक काम को खत्म करने के बाद तुरंत दूसरे काम में लग जाए। अपनी वाणी से अपने कर्म से और अपने शरीर से कभी खाली ना बैठे। कुछ ना कुछ करते रहे ऐसा करने से आपको फालतू चीजों के बारे में सोचने का बिल्कुल भी टाइम नहीं मिलेगा।

अगर आपके घर में काम नहीं है तो आप अपने पापा का अपनी मम्मी के घर के काम में हाथ बटवा सकते हैं और आपको भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान मेरी इन आदतों को छोड़ने में मदद करो।

और आपने जो अपनी जिंदगी में हासिल करने का निश्चय किया है जो अपना लक्ष्य बनाया है। किसी जॉब को लेकर किसी बिजनेस को लेकर या फिर पढ़ाई से रिलेटेड तो उस पर आप फोकस करें। ज्यादा से ज्यादा टाइम अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगाएं पढ़ाई में लगाएं।

हमें भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए क्योंकि भगवान सभी इंद्रियों के स्वामी हैं कि भगवान मुझे कुछ गंदी आदतों ने जकड़ लिया है। आप मेरी मदद करें आप मुझे शक्ति दें ताकि मेरी इंद्रियां उन भोगों की तरफ ना जाएं।

मेरी आंख, मेरे कान, मेरा मुंह, मेरा मन मुझे बार-बार परेशान ना करें।

इसके अलावा कुछ ऐसा काम करें जो मन को स्थिर करने में आपकी मदद करते हैं। रोजाना सुबह उठकर 15 से 20 मिनट तक मेडिटेशन करें।

15 से 20 मिनट योगा करें।

खाने पीने में पोस्टिक आहार ले।

ज्यादा घर से बाहर अपने दोस्तों के साथ है इधर उधर ना निकले।
जितना हो सके घर में रहे और पढ़ाई पर अपना ध्यान लगाएं।

थोड़ी बहुत देर श्रीमद् भागवत कथा सुने इससे मन को कंट्रोल करने की बहुत सारी जानकारी मिलती है।

इसलिए रोजाना 10-5 मिनट भागवत कथा जरूर सुने।

दोस्तों खूब एक्सरसाइज करें। दौड़ लगाएं इससे आप थक जाओगे और थकने के बाद आपको नींद अच्छी आएगी। 

नींद अच्छी आएगी तो आप टाइम से उठ पाएंगे और आप सारा दिन हैप्पी फील करेंगे। धीरे-धीरे करके आप अपनी सारी गलत आदतों से छुटकारा पा लेंगे।

आइए दोस्तों एक बार फिर दोहराते हैं कि युवावस्था में आपको किन किन आदतों से दूर रहना चाहिए।

नंबर 1. नशे की आदत से दूरी बनाए रखें नशा चाहे शराब का हो या और दूसरी चीजों का।

दोस्तों युवावस्था जीवन का एक ऐसा पड़ाव है जिसमें लोग गलत आदतों के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं। युवाओं को कई बार बहुत आसानी से गलत आदतों की लत लग जाती है।

जिन से छुटकारा पाने में उनका काफी सारा समय बर्बाद हो जाता है।
और समय बर्बाद होने के साथ-साथ पैसे की भी बर्बादी होती है।
दोस्तों नशा करना भी बहुत बुरी आदत है जो युवाओं को पूरी तरह बर्बाद कर सकती है।

दोस्तों नशे की आदत ज्यादातर कम उम्र में ही लगती है। ऐसे में युवाओं को इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए। नशा हमारे जीवन को नकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। जिसके बहुत बुरे और अलग-अलग परिणाम निकल कर सामने आते हैं।

नंबर 2.  गलत संगत से बचे।

दोस्तों अपने लक्ष्य के बारे में व्यक्ति को युवावस्था में ही सोचना शुरु कर देना चाहिए। युवावस्था में की गई गलती इंसान को सारी जिंदगी कचोटती रहती हैं।

इसलिए युवावस्था में व्यक्ति को सजग और सावधान रहना चाहिए।
इस दौरान संगत का भी बहुत असर पड़ता है इस लिए अच्छी संगत में रहे।

ऐसे में ऐसे दोस्त बनाएं जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहें। दोस्तों अच्छी संगत जहां लोगों को आगे बढ़ने में मदद करती है प्रेरित करती है। वही गलत संगत मे पड़कर कई लोग अपने ही हाथों अपना भविष्य खराब कर लेते हैं।

नंबर 3. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

दोस्तों इस अवस्था में आपको अपने स्वास्थ्य पर भी खास ध्यान देना चाहिए। एक स्वस्थ शरीर मस्तिष्क को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।

साथ ही साथ शारीरिक रूप से फिट रहने वाले व्यक्ति अधिक संवेदनशील भी होते हैं। इससे उनके भविष्य निर्माण में काफी मदद मिलती है। दोस्तों इस उम्र में विद्या प्राप्त करने के साथ-साथ खेलकूद में भी रुचि रखनी चाहिए।

किसी भी खेल में रुचि लेने से व्यक्ति अनुशासन के साथ-साथ समूह में काम करने की भावना से भी परिचित होता है।

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दोस्तों उम्मीद करती हूं आज की पोस्ट आपको पसंद आई होगी और आपको युवावस्था में आगे बढ़ने के लिए कुछ जानकारी मिली होंगी।
 
कुछ सावधानियों के बारे में पता चला होगा उम्मीद करती हूं आप इन बातों को फॉलो करेंगे और अपने मन को नियंत्रित करके  एक अच्छी लाइफ जीना शुरु करेंगे।

दोस्तों आज के लेख में बस इतना ही मिलते हैं एक और नई और रोचक जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।

आपके दोस्त अंशिका डाबोदिया।।

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