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मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद जरूरी!
तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास टॉपिक जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे!
दोस्तों आज हम सूअर के मांस से जुड़ी एक खास जानकारी आपको देने वाले हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि मुसलमान सूअर क्यों नहीं खाते? इसके पीछे क्या कारण है? इसलिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।
"इस्लाम मे सुअर का मांस खाना हराम क्यों है?"
दोस्तों मांसाहारी होने के बावजूद भी मुस्लिम सूअर का मांस नहीं खाते हैं। इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक क्या कारण है आइए जानते हैं:
दोस्तों धरती पर ईसाई धर्म के बाद इस्लाम दूसरा बड़ा मजहब है।
दुनिया की बढ़ती जनसंख्या पर रिसर्च करते हुए कई रिपोर्टस ने यह दावा किया कि किसी भी धर्म के मुकाबले इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है।
दोस्तों साल 2070 के आते-आते इस्लाम को मानने वालों की जनसंख्या सबसे ज्यादा होगी।
और इसके साथ इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म भी बन जाएगा।
दोस्तों ऐसे में मुस्लिम समाज से जुड़ी कई ऐसी चीजें हैं जिन को जानने की जिज्ञासा हर किसी के मन में है।
जैसे पजामा टकने से ऊपर क्यों पहनते हैं?
टोपी पहनने के पीछे का क्या कारण है?
सभी अरबी मुस्लिम क्यों नहीं होते?
और आखिर मोहम्मद और मक्का की पूजा क्यों नहीं होती?
और दोस्तों सबसे बड़ा सवाल कि इस्लाम में सूअर का मांस हराम क्यों है?
इस्लाम धर्म में मांस खाना जायज है। लेकिन इसको लेकर कुछ शर्ते हैं जैसे क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खा सकते।
दोस्तों असल में मुसलमानों की सबसे पवित्र किताब कुरान पाक के साहू दो आयात 173 साहु 5 आयात 3 साहु 6 आयात 139 साहू 16 और आयात 115 में साफ साफ शब्दों में आदेश दिए गए हैं कि ऐसे किसी भी जानवर का मांस नहीं खा सकते जो हलाल ना हो और जो जिमबा ना किया गया हो।
दोस्तों कुरान पाक में इस बात का जिक्र किया गया है कि मरे हुए जानवरों का मांस खाना हराम माना गया है।
अगर जानवर किसी तरह से मर गया एक्सीडेंट हुआ हो,
बीमारी से मरा हो ऐसा कोई भी जानवर जो अल्लाह का नाम लेकर जिमबा ना किया गया हो तो उसको खाने की मनाही होती है।
दोस्तों खासतौर पर सूअर के मांस को खाने की मनाही की गई है।
और सबसे बड़ी बात इस्लाम में सूअर ही एक मात्र ऐसा जानवर है जिसको सबसे ज्यादा घिनौना जानवर माना गया है।
दोस्तों सिर्फ इस्लाम ही नहीं बल्कि बाइबल में भी सूअर के मांस को खाने पर मनाही है।
वही बुक ऑफ लैब टिक्स के चैप्टर 11 के वर्ष नंबर 7 में
सूअर का मांस नहीं खाने का जिक्र है अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों?
अन्य जानवरों की तुलना में सूअर का मांस ना खाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है।
तो दोस्तों इसके पीछे का कारण है शुगर की आदतें।
दोस्तों सूअर को मौकापरस्त जानवर माना गया है।
जो कुछ भी मिले वह खा लेता है उसमें पेड़-पौधे हो या मरे हुए जानवरों का सड़ता हुआ मांस हो या फिर मल।
दोस्तों यह अलग बात है कि कई विकसित देशों मे सूअरों को पाला जाता है बिग लेवल पर बिग फार्मिंग होती है और वहां बड़ी ही सफाई रखी जाती है और फिर सूअरों में एक दूसरे का मल खाने की आशंका बनी रहती है।
और दोस्तों ऐसा इसलिए है कि प्राकृतिक रूप से गंदगी मैं ही सूअर को आनंद आता है।
यह एक ऐसा जानवर है जिसका काम ही लोगों की गंदगी खाकर उस गंदगी को साफ करना है।
दोस्तों भले ही सूअर का मांस खाने में बहुत ज्यादा लजीज होता है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से देखे तो इस से बहुत भयानक बीमारियां होने की संभावना रहती है।
और दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सूअर के मांस से तकरीबन 80 प्रकार की बीमारियां जन्म लेती है और इसका सेवन करने से व्यक्ति में कीड़े भी पैदा हो जाते हैं।
दोस्तों वैसे तो सूअर के मांस में कई प्रकार के कीड़े मिलते हैं लेकिन सबसे खतरनाक कीड़ा है टेप वरम।
यह कीड़ा सूअर की आंतो में रहता है और इसके अंडे मनुष्य के खून में जाकर और शरीर के लगभग हर हिस्से में पहुंच जाते हैं।
दोस्तों अगर टेपवर्म कीड़ा दिमाग में पहुंच जाए तो याददाश्त चली जाती है और अगर दिल में पहुंच जाए तो हार्टबीट रुकने का खतरा बन जाता है।
और अगर यही कीड़ा आंख तक पहुंच जाए तो इंसान हमेशा -हमेशा के लिए अंधा हो जाता है।
दोस्तों सूअर का मांस मनुष्य की सेहत के लिए कितना हानिकारक है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इसके मास में मिलने वाली चर्बी इतनी खतरनाक होती है कि इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
जिसके कारण दिल की बीमारियां होती हैं मोटापे में बहुत अधिक बढ़ोतरी हो जाती है।
यह खून की नसों में दाखिल होकर हाई ब्लड प्रेशर और हार्ड अटैक का कारण बनता है।
दोस्तों यही कारण है कि सूअर के मांस का सेवन करने वाले ज्यादातर अमेरिकी हाइपरटेंशन और तनाव का शिकार हो जाते हैं।
दोस्तों इस्लाम में सूअर को हराम बताने के पीछे यह भी वजह है कि सूअर का ज्यादा पानी पीना अपने बच्चों को दूध पिलाने वाली मादा सूअर एक दिन में जहां 30 लीटर पानी पी लेती है तो वहीं नर सूअर 1 दिन में 18 लीटर पानी पी लेता है।
दोस्तों जहां इस्लाम धर्म की शुरुआत हुई वहां पानी की किल्लत रही है और यही वजह है कि इस्लाम धर्म में सूअर को पालने की सख्त मनाही है।
तो दोस्तो कुवैत और सऊदी अरब को छोड़कर दुनिया के कई ऐसे मुस्लिम देश है जहां सूअर के मांस की बिक्री पर बिल्कुल भी रोक नहीं लगी है।
दोस्तों आशा करती हूं सूअर के मांस से जुड़ी तमाम जानकारी आपको पसंद आई होगी
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दोस्तों आज के लेख में बस इतना ही मिलते हैं एक और महत्वपूर्ण विषय के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।
आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।
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