विज्ञापन क्या है? इसका क्या उद्देश्य है और इसका क्या महत्व है? 

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आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!

दोस्तों! आज मैं आपको बताऊंगी विज्ञापन क्या है?

आज मैं आपको बताऊंगी विज्ञापन क्या है? इसका क्या उद्देश्य है? इसका क्या महत्व है और विज्ञापन की परिभाषा।

विज्ञापन क्या है? इसका क्या उद्देश्य है और इसका क्या महत्व है? 


दोस्तों! विज्ञापन वर्तमान में एक महत्वपूर्ण साधन या उपकरण है, जिसके माध्यम से निजी और सरकारी क्षेत्रों में लोगों को उत्पादों के बारे में जानकारी दी जाती है।

लोगों को जागरुक किया जाता है और किसी विशेष उत्पाद की विशेषता या उसके उपयोग के संबंध में बताया जाता है।

निजी क्षेत्र में विज्ञापन का प्रयोग करके अपने उत्पादों की सेवा और बिक्री लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से की जाती है।

दोस्तों! सार्वजनिक क्षेत्र में इसके द्वारा लोगों को विशेष योजनाओं के संबंध में जानकारी दी जाती है और विभिन्न सेवाओं के प्रयोग और उसके महत्व के बारे में बताया जाता है।

दोस्तों! विज्ञापन शब्द अंग्रेजी भाषा के एडवरटाइजिंग का हिंदी अनुवाद है। एडवरटाइजिंग शब्द लेटिन भाषा के एडवोटेयर से लिया गया है, जिसका आशय मोड़ने से होता है।

व्यवसायिक तौर पर एडवरटाइजिंग शब्द का अर्थ ग्राहकों को विशिष्ट वस्तुओं एवं सेवाओं की ओर जानकारी देकर मोड़ने से लिया गया है।

वस्तुत: विज्ञापन से आशय उन समस्त साधनों से है जिनके द्वारा उपभोक्ताओं को वस्तुओं व उनके गुणों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। यह एक प्रकार की अपील है जिसके द्वारा ग्राहकों के दिमाग में वस्तुओं को खरीद कर अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि करने की प्रेरणा जागृत की जाती है।

विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को वस्तुओं के गुणों एवं मूल्यों की सूचना उपभोक्ताओं को देना तथा वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि करना है।

सरल और स्पष्ट शब्दों में हम कह सकते हैं,"अपने ग्राहकों को अपनी वस्तुओं व शिवम के बारे में विशिष्ट जानकारी या विशिष्ट गुणों के बारे में जानकारी देकर अपनी वस्तुओं या सेवाओं को लेने के लिए प्रोत्साहित" करना ही विज्ञापन है।

यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है सरकार या किसी अन्य संस्था द्वारा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से भी विज्ञापन किये जाते हैं।

वर्तमान विश्व में उत्पादों के प्रचार, जानकारी और उनके संबंध में विशिष्ट जानकारी आदि प्रदान करने के लिए इसका महत्व और भी बढ़ रहा है।

विज्ञापन के प्रमुख माध्यम है:- पत्रिकाएं, रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र, इंटरनेट, होर्डिंग और पोस्टर‌ और इन सभी माध्यमों के विज्ञापन दिया जाता है।

कुछ विज्ञापनों से लोगों से उनकी राय पूछी जाती है।
कुछ विज्ञापन से लोगों को उनके रोजगार के बारे में जानकारी दी जाती है।

अधिकतर विज्ञापन वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री से संबंधित होते हैं और लोगों की रूचि और परवर्ती के बारे में जानकर, उन विज्ञापनों के द्वारा अपनी वस्तुओं और उत्पादों को बेचने का प्रयास किया जाता है।

विज्ञापन क्या है? इसका क्या उद्देश्य है और इसका क्या महत्व है? 


विज्ञापन की प्रमुख परिभाषाएं:-

वुड के अनुसार,"विज्ञापन जानने, स्मरण रखने तथा कार्य करने की विधि है"।

सी.एल. बोलिंग के अनुसार,"विज्ञापन को वस्तु या सेवा की मांग उत्पन्न करने की कला कहा जाता है"।

लास्कर के शब्दों में,"विज्ञापन मुद्रण के रूप में विक्रय कला है।
मैसन एवं रथ के मत में,"विज्ञापन बिना वैयक्तिक विक्रयकर्ता के विक्रय कला हैं।"

विज्ञापन की विशेषताएं व लक्षण:-

(1) अवैयक्तिक:-

विज्ञापन अवैयक्तिक होता है। यह किसी व्यक्ति विशेष के लिए या उसके समक्ष नहीं किया जाता है। विज्ञापन में दिए जाने वाले संदेश जनता को एक बड़े वर्ग या उस समूह को ध्यान में रखकर दिए जाते हैं। 

विज्ञापन एक प्रकार से जनता के समक्ष सार्वजनिक रूप से संदेश प्रस्तुत करने का साधन है। विज्ञापन एक व्यापक संदेश पहुंचाने का व्यापक माध्यम होता है, जिसके द्वारा संदेश को बार-बार दोहराया जाता है और एक ही संदेश को कई प्रकार के रंगों, चित्रों, शब्दों, वाक्यों और लाइट से सुसज्जित करके वह संदेश जनता तक पहुंचाया जाता है।

ग्राहक को स्पष्ट और विशिष्ट जानकारी विज्ञापन के माध्यम से दी जाती है। विज्ञापन हमेशा अवैयक्तिक होता है और कभी कोई व्यक्ति आमने-सामने विज्ञापन नहीं करता।

विज्ञापन मौखिक भी हो सकता है, लिखित भी हो सकता है, दृश्य और अदृश्य भी हो सकता है।

विज्ञापन के लिए दोस्तों! विभिन्न माध्यमों का प्रयोग किया जाता है। विज्ञापन कर्ता अपनी सुविधा अनुसार कौन माध्यमों का प्रयोग करते हैं।

कुछ विज्ञापन गैर व्यवसाई भी होते हैं और इनका मुख्य उद्देश्य सामान्य सूचना देना होता है।

(2) ग्राहक बनाना:-

विज्ञापन का उद्देश्य नए ग्राहक बनाना एवं पहले से विद्यमान ग्राहकों को स्थायी बनाए रखना है।

सबसे प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि नए ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा जाए और विद्यमान ग्राहकों को बनाएं रखा जाए।

(3) भुगतान:-

विज्ञापन को संचार या व्यापक साधन माना जाता है। इसमें विज्ञापनदाता के माध्यम से कराये जाने वाले विज्ञापनों का मूल्य भुगतान किया जाता है।

(4) व्यवसायिक क्रिया-

विज्ञापन एक व्यवसायिक क्रिया है जिसे सभी को अपने व्यवसायों में किसी न किसी रूप में उपयोग करना पड़ता है।
चाहे हम किसी को बताकर करें कि यह मेरा उत्पाद है या यह हमारी सेवा है। चाहे रेडियो से प्रचार करें या विज्ञापन करें।

(5) सार्वजनिक जानकारी-

विज्ञापन, विज्ञापति वस्तुओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को देश-विदेश में रहने वाले व्यक्तियों को वस्तुओं की जानकारी देती है।

(6) क्रय हेतु प्रेरणा-

विज्ञापन के माध्यम से लोगों को विज्ञापन वाली वस्तुओं को खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है। लोगों को उनकी आवश्यकता के लिए वस्तुओं को उपलब्ध कराने के बारे में बताया जाता है।

(7) व्यापकता-

विज्ञापन एक व्यापक प्रक्रिया है। इसके लिए विज्ञापन में बहुत से माध्यमों का उपयोग किया जाता है।

(8) संदेश की पुनरावृति-

विज्ञापन में संदेश को बार-बार दोहराने की आवश्यकता भी पड़ती है। 
विज्ञापन को बार-बार दोहराने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है ताकि वह विज्ञापन आपको आकर्षित कर ले तथा आप उस उत्पादन को खरीदने के लिए प्रेरित हो जाए।

(9) स्थापित विज्ञापन कर्ता-

हर विज्ञापन का एक प्रायोजित या स्थापित विज्ञापन कर्ता होता है। सामान्य रूप से विज्ञापन खुले रूप में किये जाते हैं, जिन को पढ़कर, देखकर या सुनकर विज्ञापन कर्ता का पता लगाया जा सकता है। विज्ञापन की यह विशेषता उसे प्रकाशन से अलग करती है।

(10) विशिष्ट स्पष्टीकरण-

विज्ञापन एक ही संदेश का अलग-अलग स्पष्टीकरण विभिन्न प्रकार के शब्दों, वाक्यों, रंगो तथा चित्रों आदि के माध्यम से करता है।

विज्ञापन क्या है? इसका क्या उद्देश्य है और इसका क्या महत्व है? 


विज्ञापन के उद्देश्य:-

(1) विक्रयकर्ता की सहायता करना-

विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को वस्तुओं के लक्षणों, गुणों, प्राप्ति व स्त्रोतों आदि के संबंध में आवश्यक जानकारी दी जाती है, इससे विक्रेताओं का काम सरल हो जाता है, उन्हें अपनी वस्तु या सेवा को बचाने के लिए प्रयत्न करना पड़ता है।

(2) व्यापारिक संबंधों को सुधारना-

विज्ञापन पुराने व्यापारियों को आश्वस्त करता है तथा नए व्यापारियों को उत्पादक की वस्तु बेचने के लिए प्रेरित करता है।

(3) नई वस्तुओं का बाजार में प्रवेश करवाना-

किसी भी नई वस्तु को बाजार में लाने से पहले ग्राहकों को उसके बारे में पर्याप्त जानकारी देनी पड़ती है, और उन वस्तुओं की मांग उत्पन्न करनी पड़ती है। विज्ञापन वस्तु की पूरी जानकारी देकर उसकी मांग को उत्पन्न करता है। विज्ञापन वस्तु के नाम, पैकिंग, कीमत आदि में परिवर्तन की ग्राहकों को जानकारी दी जाती है।

(4) मध्यस्थों को वस्तु बेचने के लिए विवश करना-

विज्ञापन का एक उद्देश्य मध्यस्थ विक्रेताओं को इस बात के लिए विवश करना कि वे उस निर्माता की वस्तुओं को अपने यहां विक्रय के लिए रखे, जिनका विज्ञापन किया जा रहा है। यह तभी मुमकिन है जब ग्राहक विज्ञापनों से प्रभावित हो कर वस्तुओं को खरीदने के लिए मध्यस्थ विक्रेताओं से पूछताछ करें।

(5) ब्रांड वरीयता बनाना-

विज्ञापन इस उद्देश्य से भी करवाया जा सकता है कि ब्रांड के प्रति वरीयता बन जाए जिससे की उपभोक्ता उसी ब्रांड को खरीदे और प्रतियोगियों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर दें कि वह अपनी वस्तुओं को बेच सकें।

(6) उपभोक्ताओं को याद दिलाना-

विज्ञापन के द्वारा ग्राहकों को वस्तुओं को खरीदने के लिए याद दिलाया जा सकता है। यह याद दिलाने के लिए बार-बार विज्ञापन किया जाता है।

(7) प्रतियोगी विज्ञापनों को प्रभावहीन करना-

विज्ञापनों का एक उद्देश्य प्रतियोगी कंपनी के द्वारा किए जा रहे विज्ञापनों के प्रभावों को शुन्य करना भी हो सकता है।

(8) उपभोक्ता को शिक्षित करना-

विज्ञापन का उद्देश्य ग्राहकों को शिक्षित करना भी है। उपभोक्ता को विज्ञापन के द्वारा विज्ञापित वस्तुओं की उपलब्धता पहचान तथा उसके प्रयोग के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की जाती है।

(9) विक्रेयकर्ता की पहुंच से बाहर के लोगों से संपर्क से करना-

विज्ञापन एक सार्वजनिक प्रसारण है इनकी सूचनाएं दूर-दूर तक अधिक व्यापक क्षेत्र में प्रसारित होती है। इसलिए विज्ञापन के द्वारा उन लोगों तक पहुंचा जा सकता है जिनके पास विक्रेता नहीं पहुंच सकते हैं।

(10) संशय एवं भ्रामक विचारों से दूर करना-

विज्ञापन का एक उद्देश्य विज्ञापक वस्तुओं के बिक्री के मार्ग में उत्पन्न होने वाले गलत एवं भ्रामक विचारों को दूर करना है। यह विज्ञापित वस्तु को लोकप्रिय बनाने में अति आवश्यक है।

विज्ञापन क्या है? इसका क्या उद्देश्य है और इसका क्या महत्व है? 


विज्ञापन का महत्व:-

(1) बाजार का विस्तार-

विज्ञापन के माध्यम से वस्तुओं का बाजार विस्तृत होता जा रहा है और उनकी बिक्री में भी वृद्धि होती है। ग्राहकों को उपयोगी जानकारी देकर विज्ञापन ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। उत्पन्न मांग का पोषण करता है और नए ग्राहकों को और वस्तुओं को लोकप्रिय बनाते हैं। विज्ञापन के माध्यम से व्यवसायी न केवल प्रतिस्पर्धा सामना कर सकता है बल्कि साथ में नए ग्राहक बना सकता है।

(2) बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव बनाना-

विज्ञापन बड़े पैमाने पर वितरण की मुख्य विधि है, जल्दी तथा बड़ी मात्रा में विक्रय से बड़े पैमाने पर उत्पादन मुमकिन होता हैं और ज्यादा स्टाक भी नहीं रखना पड़ता है। बडे पैमाने पर वितरण तथा उत्पादन से प्रति इकाई वितरण व उत्पादन लागत में कमी होती है।

(3) कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि-

विज्ञापन संस्था के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है। अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कर्मचारी मन लगाकर व उत्तरदायित्व की भावनाओं से कार्य करते हैं।
संस्था की आर्थिक स्थिति मे सुधार आने से कर्मचारियों का भी कल्याण हो जाता है।

(4) वस्तुओं की जानकारी शीघ्र-

समय परिवर्तनशील है। हर समय उपभोक्ता नई वस्तु चाहता है। नई वस्तु की जानकारी विज्ञापन के द्वारा उपभोक्ता तक आसानी व जल्दी से पहुंचाई जाए सकती है। विज्ञापन के द्वारा जल्दी जानकारी इतनी असरकारी होती है कि कभी-कभी नई वस्तु दुकान में आ नहीं पाती और ग्राहक उनकी मांग शुरू कर देते हैं।

(5) रहन-सहन के स्तर में वृद्धि-

विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को वस्तुओं की जानकारी अच्छे से होती है। अच्छी वस्तुओं को उपयोग करने से उपभोक्ताओं के रहन सहन स्तर में वृद्धि होती है।

(6) मनोरंजन के साधन-

आज के युग में विज्ञापन का एक नया ढंग प्रचलित है, विज्ञापन के माध्यम से लोगों का मनोरंजन भी होता है।

(7) तुलनात्मक अध्ययन-

ग्राहक घर पर बैठकर विभिन्न वस्तुओं के दामों का तुलनात्मक अध्ययन करके अपने लिए कम दाम पर अच्छी वस्तु का चुनाव कर सकते हैं।

(8) तीव्र आर्थिक विकास-

विज्ञापन से मांग का सर्जन होता है और यह नई वस्तुओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है, जिनकी वजह से उद्योगों का विकास होता है। नए नए उद्योगों की स्थापना होती है।

इन सभी बातों का परिणाम यह होता है कि देश का आर्थिक विकास तेज होता है, उद्योगों में वृद्धि होती है, व्यापार को प्रोत्साहन मिलता है और वस्तुओं के विक्रय में वृद्धि होती है।

(9) जन शिक्षा में सहायता-

विज्ञापन जन सामान्य को विभिन्न उत्पादों के बारे में जानकारी देकर वृद्धि कर उनको कई प्रकार से शिक्षा प्रदान करता है। जिससे समाज का जीवन स्तर उच्च होता है और व्यक्ति की समझ भी विकसित होती है।

दोस्तों! विज्ञापन से बहुत सारे लाभ होते हैं।

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दोस्तों! आज के लिए इतना ही उम्मीद करती हूं आपको विज्ञापन से संबंधित सभी जानकारी मिल गई होगी।

दोस्तों आशा करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसे ही इंटरेस्टिंग और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर आए।

दोस्तों मिलते हैं एक और इंटरेस्टिंग जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।

आपके दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।

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