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thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद इंर्पोटेंट
आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!
आज मैं आपको बताऊंगी हड़प्पा सभ्यता को सिंधु घाटी की सभ्यता क्यों कहा जाता है?
आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व पहले सिंधु नदी के तट पर स्थित सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की आरंभिक, चार प्रमुख सभ्यताओं मे से एक थी।
सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योंकि हड़प्पा नामक स्थान पर ही सर्वप्रथम 1921 ईस्वी में राखलदास बनर्जी ने उत्खनन करवाया और नगर सभ्यता को प्रकाश में लाया। इसके बाद ही अन्य स्थानों पर पुरातात्विक खुदाई की गई।
"सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण नगर होने तथा हड़प्पा में ही इस सभ्यता का उत्खनन हुआ इसके चलते ही इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है"।
यह एक नगरीय सभ्यता थी। क्योंकि पुरातत्व विद्वानों द्वारा सर्वप्रथम हड़प्पा सभ्यता में हड़प्पा नगर की खोज की गई। सर्वप्रथम हड़प्पा नगर की खोज की गई इसलिए इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।
हड़प्पा सभ्यता की खोज काश ए राय बहादुर दयाराम स्वामी को जाता है, क्योंकि दयाराम स्वामी ने ही 1921 ईस्वी में ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के तट पर स्थित हड़प्पा नामक स्थल पर पुरातत्विक उत्खनन करके कई हड़प्पे मोहरे एवं अन्य हड़प्पा अवशेष प्राप्त किए। जिसके फलस्वरूप हड़प्पा की खोज हुई।
वही दूसरे वर्ष भी यानी 1922 ईस्वी में "राखल दास बनर्जी"ने मोहनजोदड़ो नगर की खोज की। मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लड़खाना जिले के सिंधु नदी के तट पर स्थित था।
इस प्रकार हड़प्पा सभ्यता का उद्भव हुआ तथा फिर यहां हुए पुरातत्विक उत्खनन में एक के बाद एक नगर प्राप्त हुए।
विकट महोदय ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो को एक विस्तृत राज्य की जुड़वा राजधानी बताया है।
इनके बीच की दूरी 670 किलोमीटर दूर है।
यह पूरी सभ्यता त्रिभुजाकार क्षेत्र में फैली हुई थी।
इस सभ्यता का क्षेत्रफल मिस्र से 30 गुना ज्यादा तथा मिस्र और मिश्रो पोटो मियां दोनों के सम्मिलित 12 गुना अधिक है।
दोस्तों आज हम जिस प्रकार की जिंदगी जी रहे हैं इससे बेहतर और समृद्ध जिंदगी तो हजारों साल पहले हड़प्पा सभ्यता के लोग जिया करते थे। जो आज से लगभग 4600 साल पहले इस मिट्टी में दफन हो गए।
मोहनजोदड़ो ,कालीबंगा,बनवाली और धोलावीरा हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल रहे।
पुरातत्व वैज्ञानिकों ने लगभग 280 हड़प्पा सभ्यता के क्षेत्रों का पता लगाया है। इन सभी सदस्यों से हड़प्पा सभ्यता से संबंधित अनेक वस्तुएं प्राप्त हुए हैं जिनसे हम में हड़प्पा सभ्यता में रहन सहन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आज के लेख में इतना ही उम्मीद करती हूं आपको आपके सवालों के जवाब मिल गए होंगे।
दोस्तों आशा करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसे ही इंटरेस्टिंग और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर आए।
दोस्तों मिलते हैं एक और इंटरेस्टिंग जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।
आपके दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।