जो इंसान भगवान को नहीं मानते है भगवान फिर भी उनकी रक्षा क्यों करते हैं?

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मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।

दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद जरूरी!

तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास टॉपिक जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे! 

दोस्तों आज का टॉपिक बहुत ही खास है!

दोस्तों आज हम आपको बताएंगे जो इंसान भगवान को नहीं मानते है भगवान फिर भी उनकी रक्षा करते हैं क्यो?

जो इंसान भगवान को नहीं मानते है भगवान फिर भी उनकी रक्षा क्यों करते हैं?


जी हां दोस्तों यही है आज का टॉपिक!

तो आइए जानते हैं:-

दोस्तों किसी ने पूछा है: जो लोग भगवान को नहीं मानते क्या वह लोग खुश नहीं रहते हैं?

देखिए दोस्तों होता क्या है कि जो लोग भगवान को नहीं मानते हैं भगवान तो उनकी भी देखरेख करते हैं। दोस्तों जो लोग नास्तिक होते हैं भगवान तो उनको भी खिलाते हैं।

दोस्तों जैसे माता पिता के सारे बच्चे तो एक जैसे नहीं होते ना एक बच्चा बदतमीज भी होता है वह नहीं मानता मां बाप की। लेकिन माता-पिता फिर भी उसको खिलाते हैं कि चल तू मत मान लेकिन तु खा ले पढ़ लिख ले कुछ बन जा हमारी बात मत मान। लेकिन जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश तो कर।

तो हर माता-पिता अपने बदतमीज बच्चों को भी खिलाते पिलाते हैं उनको पढ़ाते दिखाते हैं और उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते हैं और उनकी मदद भी करते हैं।

दोस्तों इसी तरह जो भगवान को नहीं मानते वह  नास्तिक हैं।

दोस्तों ऐसे लोगों को भगवान पालते तो हैं उनको भगवान धन भी देंगे, नौकरी भी देंगे, उनकी शादी भी कराएंगे। लेकिन किसी को हमेशा के लिए खुशी चाहिए तो अपने पिताजी के साथ बनाकर रखनी है या बिगाड़ कर रखनी है? दोस्तों हम को बना कर रखनी है तभी तो हम हमेशा खुश रह पाएंगे।

क्योंकि हम अपने पिताजी को जितना खुश रखेंगे हमें उससे उतना ही ज्यादा बेनिफिट  मिलेगा उतना ही ज्यादा लाभ मिलेगा।

और यह जो नास्तिक लोग हैं उनको भी वह पिता ही दे रहा है वह भगवान ही दे रहा है चाहे यह नास्तिक लोग उस पिता को उस भगवान हो माने या ना माने लेकिन इनको पाल तो वही रहा है ना।

दोस्तों फिर किसी ने पूछा क्या भगवान हमारे पिता है?

क्या वह हमें खाना भगवान देते हैं?

जी हां दोस्तों भगवान हमारे पिता भी हैं माता भी है बंधु भी हैं और हमारे सखा भी हैं।

जी हां दोस्तों भगवान हमें खाना भी देते हैं और हमारे लिए ऐसे बहुत सारे काम करते हैं जिनका हमें पता भी नहीं चलता जैसे:- हम जो पेट में खाना खाते हैं तो उसको कौन पचाता है? क्या आप लोग पचाते हो?

दोस्तों हमारे पेट में खाना भगवान ही पचाते हैं हमारे पिताजी ही पचाते हैं या फिर आप पचाते हो कि अब मैंने खाना खाया अभी मैं गैस्ट्रिक जूस निकालता हूं और इसी तरह में सारी क्रियाएं करता हूं जो हमारे पेट में ऑटोमेटिक हो जाती है क्या आप ऐसा कर सकते हैं? 

नहीं कर सकते क्योंकि आपको तो पता भी नहीं चलता कि यह सारे काम कब  हो जाते हैं और यह सारे काम करते हैं भगवान जिनको बहुत से लोग मानते ही नहीं है।

क्या हमारे जो नाखून निकल रहे हैं यह हमारे कंट्रोल में है?

या फिर हमारे बाल कंट्रोल में हैं? 

जो इंसान भगवान को नहीं मानते है भगवान फिर भी उनकी रक्षा क्यों करते हैं?


कभी हम अपने सिर को मुंडवा देते हैं उसके बाद जो बाल निकलते हैं क्या वह आपके कंट्रोल में है?

कि अब की बार मैं गोल्डन बाल निकालूँगा क्या यह सब आपकी मर्जी से होता है? यह सब ऑटोमेटिक हो रहा है ना उसको करता कौन है हमारे भगवान!

तो नास्तिक लोगों यह हमारे शरीर का सारा सिस्टम कौन चला रहा है हमारे भगवान ही चला रहे हैं आपके बस में कुछ भी नहीं है जो भी कुछ हो रहा है हमारी बॉडी के अंदर। 

खाना ,पचाना, खाना निकालना,  यह सब कौन कॉर्पोरेट कर रहा है! हम तो नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमें तो होश ही नहीं है

हम जो यह सांस ले रहे हैं ना यह भी हम अपनी मर्जी से नहीं ले रहे हैं। क्योंकि थोड़ी सी देर अपनी मर्जी से आप सांस को रोक के देखो 5 से 7 मिनट भी अगर आपने अपनी सांस रोक ली तो आपका काम खत्म हो जाना है।

क्योंकि हमारी सांसे अपनी मर्जी से नहीं भगवान की मर्जी से चल रही हैं हमारे अंदर ऑक्सीजन जाती है कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है यह सब हम थोड़ी करते हैं ऑटोमेटिक होता है और ऑटोमेटिक जो चीजें होती हैं प्रकृति में वह सब भगवान करता है कोई इंसान नहीं करता।

और वह हमारी सांसों को जब तक चाहे चला सकता है उस पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं है।

अब नास्तिक लोगों को यह समझना चाहिए कि यह सब कौन कर रहा है हम नहीं कर रहे हैं तो यह सब भगवान कर रहा है और वह अपने माता-पिता को मानता है लेकिन परमपिता परमात्मा को नहीं मानता हैं ऐसे इंसान गलत सोच वाले होते हैं वह कभी भी लाइफ में सही नहीं सोच सकते।

दोस्तों जो सही लोग होते हैं जो अच्छी सोच वाले लोग होते हैं उनका दिल बहुत ही सॉफ्ट होता है।

और जो गलत सोच वाले लोग होते हैं उनका दिल बहुत ही कठोर होता है।

दोस्तों यह फर्क होता है नास्तिक और आस्तिक में।

दोस्तों गलत सोच वाले इंसान कभी भी खुश नहीं रह सकते क्योंकि वह स्वार्थी होते हैं, मतलबी होते हैं, भगवान को नहीं मानने वाले होते हैं घमंडी टाइप के होते हैं। इसलिए वह कभी भी अंदर से खुश नहीं रहते हैं।

और दोस्तो सही सोच वाले इंसान होते हैं बहुत सॉफ्ट दिलवाले होते हैं वह भगवान को मानते हैं हर काम को करने से पहले भगवान का नाम लेते हैं हर चीज में वह भगवान को ही देखते हैं।

और उन्हीं के आशीर्वाद से वह सारे काम करते हैं इसलिए वह अपनी लाइफ में हमेशा खुश रहते हैं अंदर से उनकी खुशी कभी कम नहीं होती हैं और वह खुशी उनके चेहरे पर साफ झलकती रहती है ऐसे लोग कभी किसी का बुरा नहीं चाहते उनके काम हमेशा भगवान की कृपा से बनते ही है।

दोस्तों ऐसे लोगों पर भगवान की विशेष कृपा होती है।

इसलिए हमें भगवान में आस्था रखनी चाहिए भगवान हर जगह पर हैं यह बात हमें हमेशा याद रखनी चाहिए कभी भी भगवान के किसी भी काम पर हमें उंगली नहीं उठानी चाहिए क्योंकि हमारे लिए जो भी भगवान करते हैं वह अच्छा ही करते हैं।

दोस्तो आशा करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी।

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आज के लेख में बस इतना ही मिलते हैं एक और नई जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखिए अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।

आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।

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