हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद इंर्पोटेंट
आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!
दोस्तों आज मैं आपको बताने वाली हूं कि सिर की नसों में दर्द क्यों होता है?
सिर दर्द:- सिर या चेहरे के किसी भी क्षेत्र में दर्द को कहते हैं।
इन दिनों छोटे से लेकर बड़ों तक सिर दर्द एक बड़ी समस्या बन गई है। थोड़ा सा तनाव बढ़तें ही लोग सर पकड़ कर बैठे जाते हैं क्योंकि उन्हें सिरदर्द की बीमारी जकड़ने लगती है।
दिमाग को शरीर का ऊर्जा घर कहा जाता है। यह चारों ओर से जब बंद होता है तब यहां की नसों पर दबाव पड़ता है और अंदर ही अंदर तनाव बन जाता है जो दर्द के रूप में बाहर आता है।
कुछ मामलों में यह दर्द कभी कबार होता है और कुछ लोग निरंतर होने वाले दर्द से परेशान रहते हैं।
दोस्तों! अब आपको बताते हैं कि सिर दर्द प्रमुख कारण क्या है:-
सिर दर्द के तीन प्रमुख कारण होते हैं।
(1) शारीरिक कारण
(2) रासायनिक कारण
(3) रोग प्रतिरोधक शक्ति के कारण
इसके अलावा भी कई अन्य कारण होते हैं। आपको तेज गंध वाली किसी वस्तु से भी सिरदर्द हो सकता है।
बासी भोजन खाने के कारण भी आपको सर दर्द हो सकता है।
तेज रोशनी से सर दर्द हो सकता है।
कई लोगों को तेज आवाज से भी सर दर्द हो जाता है।
अगर आपको भी सिर दर्द होता है तो आप कारणों को तलाशें और उन्हें दूर करें और सिर दर्द से राहत पा सकते हैं।
किन कारणों से दिमाग पर दबाव पड़ता है जिसके परिणाम स्वरूप सर दर्द सामने आता है:-
शारीरिक कारण:-
कोई संक्रमण, हाई बीपी, दिमाकी बुखार, ब्रेन ट्यूमर, नस फटना,आंखों का कमजोर होना या किसी भी इलाज के लिए दवाई ले रहे हैं उसका दुष्प्रभाव सिर दर्द का कारण बन सकता है।
किसी वस्तु से एलर्जी हो और कई बार खराब दिनचर्या में अपनाई गई आदतों से भी सिर दर्द की समस्या होती है।
रासायनिक कारण:-
दिमाग में मौजूद सिरोटोनिन केमिकल शरीर की सही कार्यप्रणाली के जरूरी होता है और इसमें किसी प्रकार से गड़बड़ होने के कारण कार्यप्रणाली अव्यवस्थित हो जाती है। ऐसे में रक्त प्रवाह वाली नसों में धीरे-धीरे शुकराना आने लगती है जिससे दिमाग में दबाव पड़ता है और सिर दर्द महसूस होने लगता है।
ऑटोइम्यून डिजीज:-
शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र जब अंदरूनी अंगों पर ही हमला करके रोगी बनाने लगे तो दिमाग को क्षति होने की आशंका बढ़ जाती है।
इसके अलावा दिमाग के रक्त प्रवाह करने वाली नसों में सूजन या क्षति होने पर दबाव या तनाव बढ़ जाता है।
मुख्य रूप से सिरदर्द तीन प्रकार के होते हैं:-
(1) हल्का सिर दर्द
(2) मध्य सिर दर्द
(3) गंभीर सिर दर्द
हल्का सिर दर्द:-
यह जब महसूस होता है जब आराम कर रहे होते हैं। रोगी! हल्के सिर दर्द को आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं। हल्का सिर दर्द चाय या कॉफी पीने से ठीक हो जाता है। लेकिन अगर यह ठीक ना हो तो यह सिरदर्द बढ़ा भी बन सकता है। हल्की सिर दर्द का मुख्य कारण यह होता है कि काम का अधिक दबाव, हाईब्लड प्रेशर आदि है।
मध्य सिर दर्द:-
यह अनिद्रा तथा ज्यादा थकने की वजह से होता है। माइग्रेन दिमाग के किसी एक भाग में लगातार दर्द होने को कहते हैं। यह एक तरफ होता है इस कारण इसे आधासीसी का दर्द भी कहा जाता है।
यह मुख्यतः हारमोंस में बदलाव, भूखे रहने, व्रत रखने आदि से होता है। जंक और फास्ट फूड खाने से यह दर्द बढ़ सकता है, इसलिए आपको खानपान की आदतों में भी सुधार करना जरूरी है।
गंभीर सिर दर्द:-
यह हमेशा रोगी को बहुत परेशान करता है और वह उसे सहन नहीं कर पाता है। ऐसा सिर दर्द होने पर उसे मेडिकल देखभाल की जरूरत होती है।
सिरदर्द के प्रकार:-
सिर दर्द 100 प्रकार के होते हैं।
अगर आपको सर दर्द की बीमारी है तो आप कोई भी दवाई डॉक्टर की सलाह से पहले ना लें। ऐसा करना आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। कोई भी शारीरिक समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएं और इसे नजरअंदाज ना करें।
आज के लेख में इतना ही उम्मीद करती हूं आपको सिर दर्द से संबंधित उचित जानकारी मिल गई होगी।
दोस्तों आशा करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसे ही इंटरेस्टिंग और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर आए।
दोस्तों मिलते हैं एक और इंटरेस्टिंग जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।
आपके दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।