हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद इंर्पोटेंट!
तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!
दोस्तों आज हम आपको बताएंगे एक किन्नर रक्तदान क्यों नहीं कर सकता?
जी हां दोस्तों यही है आज का टॉपिक और इस पर आज हम विस्तार से बात करेंगे।
आइए देखते हैं किन्नर के रक्तदान ना करने के पीछे क्या कारण है:
दोस्तों किन्नर एक ऐसा वर्ग है जिसके बारे में सुनकर लगभग सभी लोग असहज हो जाते हैं।
समाज के ज्यादातर लोग किन्नर को हीन भावना से देखते हैं लेकिन दोस्तों किन्नर एक ऐसा वर्ग है जिसका जिक्र पुराणों और ग्रंथों में भी किया गया है।
दोस्तों अक्सर ऐसा देखा गया है कि किन्नरों के बारे में लोगों के मन में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्सुकता रहती है।
दोस्तों मेडिकल साइंस की बात मानें तो जब एक महिला गर्भवती होती है तो 3 महीने के बाद शिशु के अंगों का विकास होना शुरू होता हैं।
और दोस्तों इसी दौरान मां बनने वाली महिला अगर किसी बीमारी से ग्रसित हो जाए या फिर किसी दवाई का सेवन करने लग जाती है तो गर्भ में हारमोंस की समस्या की वजह से शिशु में स्त्री और पुरुष दोनों तरह के लिंग विकसित हो जाते हैं।
और इन दोनों तरह के लिंग में से कोई भी लिंग विकसित नहीं हो पाता और इसकी वजह से एक किन्नर का जन्म होता है।
और दोस्तों हमारे समाज में जब भी ऐसे बच्चे का जन्म होता है और इस बात का पता जब किन्नर समुदाय के लोगों को लग जाता है तो किन्नर समुदाय के लोग उस बच्चे को अपने साथ लेकर चले जाते हैं।
और वह उसे अपने समाज के नियमों के अनुसार पालते हैं
लेकिन दोस्तों क्या आप लोगों को यह पता है कि किन्नर समुदाय के लोग कभी भी रक्तदान नहीं कर सकते।
जी हां दोस्तों आप लोगों को यह बात सुनने में थोड़ी सी अजीब लगेगी लेकिन यह बात पूरी तरह सच है।
दोस्तों केंद्रीय सरकार ने किन्नरों के रक्तदान करने पर रोक लगा दी है।
केंद्रीय सरकार के मुताबिक कोई भी ट्रांसजेंडर समलैंगिक पुरुष और सेक्स वर्कर चाहे महिला या पुरुष रक्त दान नहीं कर सकते।
दोस्तों केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि केंद्र सरकार के अनुसार किन्नर समाज के लोग ज्यादातर सेक्सुअल एक्टिविटी करके ही अपना काम चलाते हैं।
और दोस्तों इसकी वजह से एचआईवी एड्स का खतरा बढ़ सकता है।
सरकार के अनुसार ऐसे लोगों का खून संक्रमित हो सकता है और अगर इनका खून किसी और के लिए इस्तेमाल हुआ तो हो सकता है एड्स की बीमारी फैल सकती है और कई लोगों की जिंदगी बर्बाद हो सकती है।
दोस्तों इसलिए किन्नर समाज में कोई भी रक्तदान नहीं कर सकता।।
केंद्र सरकार ने 2017 में यह कानून लागू किया था।
कुछ लोगों के लिए यह कानून गलत है और इस कानून के कारण समाज में हीन भावना पैदा होती है।
क्योंकि यह कानून लोगों के मूल अधिकारों का हनन करने वाला कानून है क्योंकि रक्तदान करना सिविल राइट यानी
नागरिक अधिकार है।
और किन्नर समाज के लोगों ने इस कानून के खिलाफ आवाज भी उठाई है लेकिन अभी तक इस कानून को बदलने के लिए कोई भी फैसला नहीं आया है।
तो दोस्तों आप लोगों को क्या लगता है क्या यह कानून सही है?
किन्नर समाज के लोगों को किसी के लिए रक्तदान नहीं करना चाहिए?
क्या उनका खून खून नहीं होता?
आपकी इस पर क्या राय है हमें लिखकर जरूर बताना।
और अगर किन्नरों को रक्तदान करने की अनुमति दी भी जाए तो कैसे दी जाए?
अपना सुझाव जरूर दें।
दोस्तो आशा करती हूं आज की जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी।
दोस्तों ऐसी ही इंटरेस्टिंग और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए आज के लेख में बस इतना ही
मिलते हैं एक और महत्वपूर्ण जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।
आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।