हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है।
मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
दोस्तों मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद जरूरी!
तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास टॉपिक जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे!
दोस्तों आज हम आपको बताएंगे भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के माता पिता कौन है? यही हमारे आज के आर्टिकल का विषय है तो दोस्तों क्या आप जानना चाहेंगे कि ब्रह्मा विष्णु और महेश के माता पिता कौन थे?
दोस्तों हिंदू धर्म का इतिहास बहुत प्राचीन है।
आज हम आपको बताएंगे कि हिंदू धर्म का क्रमश इतिहास क्या है?
दोस्तों हम सभी के माता-पिता होते हैं प्रत्येक इंसान के कोई ना कोई माता-पिता जरूर होते हैं तो फिर भगवान के भी माता-पिता जरूर होंगे।
दोस्तों हिंदू धर्म में हम हमेशा से ही त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सर्वोपरि और निराकार परमात्मा मानते आए हैं जिनके ऊपर कोई नहीं है।
लेकिन वेदों की बात करें तो उसके अनुसार जिसने जन्म लिया या प्रकट हुआ हो वह ईश्वर नहीं हो सकता है। दोस्तों हमारे कहने का तात्पर्य यह बिल्कुल भी नहीं है कि भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश सर्वोपरि नहीं है।
दोस्तों हम तो इस बात को जानना और समझना चाहते हैं कि इनसे भी सर्वोपरि कोई है। जिन्होंने ब्रह्मा विष्णु और महेश को जन्म दिया या यूं कहें कि अवतरित किया है।
अगर शिवपुराण की बात करें तो ब्रह्मा को अविकारी परमात्मा माना गया है।
दोस्तों शिव पुराण के मुताबिक जब इस संसार की उत्पत्ति ही नहीं हुई थी तो उस समय तक सब ब्रह्मा ही थे कोई अलग नहीं था। ना ब्रह्मा थे ना विष्णु थे और ना महेश थे तब थे "तत्सत" यानी अविनाशी परमात्मा।
दोस्तों कहते हैं कि काल के बाद से सब ब्रह्मा की एक से अनेक होने की इच्छा हुई।
पार ब्रह्मा सदाशिव है उस शिव ने शक्ति की दृष्टि की जो उनके अंग से अलग होने वाली नहीं थी। शिव की उस शक्ति को विकार रहित बताया गया है।
दोस्तों भगवान शिव की उस शक्ति को अंबिका यानी देवी मां कहा गया है कहा जाता है कि देवी अंबिका ने ही लक्ष्मी, सावित्री और पार्वती के रूप में जन्म लेकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश से विवाह किया और उस काल रूपी सदाशिव की अर्धांगिनी है दुर्गा।
दोस्तों कहते हैं मोक्ष के स्थान काशी में शक्ति और शिव अर्थात सदा शिव और दुर्गा पति-पत्नी के रूप में निवास करते हैं।
दोस्तों कहते हैं कि एक बार शिव और शिवा की किसी दूसरे पुरुष की उत्पत्ति करने की इच्छा हुई जिससे परमेश्वर रूपी शिव ने अपने बाएं अंग पर अमृत मल कर एक पुरुष को प्रकट किया और उनका नाम विष्णु रखा।
दोस्तों शिव पुराण के अनुसार भगवान विष्णु को प्रकट करने के बाद उन्होंने अपने दाहिने अंग से ब्रह्मा जी को उत्पन्न किया और विष्णु के नाभि कमल में डाल दिया।
दोस्तों इस प्रकार उस कमल के पुत्र के रूप में ब्रह्मा जी का जन्म हुआ इस प्रकार ब्रह्मा से सदाशिव सदाशिव से दुर्गा और दुर्गा और सदाशिव से ब्रह्मा विष्णु और महेश।
दोस्तों इस से हमें यही पता चलता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश के पिता काल रुपी सदाशिव है।
तो दोस्तो यह थी हमारी आज की जानकारी जिसमें हमने बताया कि ब्रह्मा विष्णु और महेश के पिता कौन थे। आशा करती हूं आपको समझ में आ गया होगा कि यह ब्रह्मा विष्णु और महेश के पिता कौन थे।
दोस्तों ऐसी ही रोचक जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए। दोस्तो आज लेख में बस इतना ही मिलते हैं एक और इंटरेस्टिंग जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।
आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।