अपनी गलतियों को कैसे पहचाने और उनमें सुधार कैसे करें?

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दोस्तों हमारा आज का टॉपिक बहुत ही खास है आज हम आपको बताएंगे अपनी गलतियों को कैसे पहचाने और उनमें सुधार कैसे करें?

अपनी गलतियों को कैसे पहचाने और उनमें सुधार कैसे करें?


जी हां दोस्तों यही है हमारा आज का टॉपिक और इस पर आज हम बात करेंगे इसलिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।

दोस्तों हर इंसान अपनी जिंदगी में कोई ना कोई गलती तो करता ही है। तो कुछ गलतियां हमें कोई ना कोई सीख सिखाती हैं और कोई बहुत गहरा दुख या सदमा हमारे दिल पर छोड़ जाती हैं। 

ऐसे में अपनी गलतियों को कैसे सुधारा जाए यह सवाल हर एक के मन में आता है। इसी प्रश्न का उत्तर भगवान श्री कृष्ण ने अपने गीता ग्रंथ में दिया है।

इसमे बताया है कि किस तरह मनुष्य अपनी की गई भूलों को सुधार सकता है। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि भूल अनजाने में होती है और वही भूल अगर दोबारा की जाए तो वह मूर्खता होती है और बार-बार वही भूल करना अपराध की श्रेणी में आता है।

अपराध इसलिए क्योंकि हमारी आने वाली नई पीढ़ी उस अपराध यानी भूल को नीति मानकर अपनाने लगती है।

इसी प्रकार और अगली आने वाली पीढ़ी उस भूल को नियम बना लेती है। हमारी भूल की वजह से हमारे कुल को बर्बाद कर देना अपराध नहीं तो और क्या है?

जब हम चलते हैं तो हमारे पदचिन्ह पीछे छोड़ते आते हैं और लोग उसी छोड़े हुए पद चिन्हों को सही मानकर उस गलत रास्ते को अपना लेते हैं या चल पड़ते हैं।

तो इसी स्थिति में ऐसा क्या किया जाए कि हमारी की गई भूलो का असर हमारे आने वाली नई पीढ़ियों पर ना पड़े। माना जाता है कि कुछ भूले सुधारी नहीं जा सकती।

लेकिन उनके पद चिन्हों को धुंधला अवश्य किया जा सकता है ताकि आने वाली पीढ़ी उनका पालन ना कर सके। एकमात्र यही उपाय है अपनी की गई भूलों को सुधारा जा सके और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह भूलें अपराध साबित ना हो।

गीता के ज्ञान में भगवान श्री कृष्ण ने एक बहुत ही आसान और सटीक तरीका बताया है। अपनी गलतियों को सुधारने का और अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप भगवान श्री कृष्ण की दी हुई सीख या ज्ञान को किस प्रकार समझते या ग्रहण करते हैं।

भगवान के इस ज्ञान में यह बिल्कुल मतलब नहीं है आप अपनी गलतियों को दुनिया से छुपा ना ही कर दे या उन गलतियों को सबसे छुपाने की कोशिश करने लगे। 

बल्कि भगवान का संदेश है कि आप अपनी गलतियों को दूसरों के सामने प्रकट करने की कोशिश ना करें। मन ही मन यह संकल्प कर लें कि आप आगे से उस गलती को दोबारा अपनी जिंदगी में नहीं दोहराएंगे। 

ताकि वक्त के साथ बने हुए आपके पदचिन्ह यानी भूले धुंधली हो जाए और उस भूल को कोई दोबारा ना दोहरा सके।

तो दोस्तों यह था भगवान श्री कृष्ण का बताया हुआ एक आसान और सटीक मार्ग जिससे अपनाकर आप अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं और दूसरों के लिए समस्या पैदा करने से बच सकते हैं। 
मुझे तो भगवान श्री कृष्ण का सुझाया हुआ यह सटीक तरीका बहुत ही अच्छा लगा।
 
आशा करती हूं कि आप भी इस तरीके को अपनाएंगे और आने वाली जिंदगी में ज्यादा से ज्यादा गलतियां करने से बचेंगे। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो हमारी साइट पर जरूर आएं। 

ऐसे ही रोमांचक लेखों को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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