हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद इंर्पोटेंट
आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!
मेडिटेशन या ध्यान करने का सबसे आसान तरीका क्या है?
जी हां दोस्तों यही है हमारा आज का टॉपिक थी और आज हम आपको बताएंगे मेडिटेशन से जुड़ी हुई कुछ खास ऐसी बातें जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगी!
दोस्तों आज के समय में टेंशन, डिप्रेशन, मानसिक अशांति बच्चों से लेकर युवा और वेस्क उम्र के लोगों तक को हो रही है।
बच्चों को पढ़ाई की टेंशन युवाओं को जॉब की टेंशन और व्यस्क उमर वाले व्यक्ति को घर चलाने की टेंशन।
दोस्तों इस टेंशन से बचने के लिए हम में से कुछ लोग म्यूजिक का सहारा लेते हैं कुछ लोग ऐसे हैं जो शराब का सहारा लेते हैं जो उनके के लिए हानिकारक है
लेकिन इन सबसे बेहतर एक और तरीका है जो हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने सदियों पहले हमें दिया था।
जिसका उपयोग आज पूरा विश्व कर रहा है
और दोस्तों वह है ध्यान! जिसको आप मेडिटेशन के नाम से भी जानते हैं।
मेडिटेशन के कई फायदे हैं यह हमारी टेंशन तो दूर करता ही है इसके साथ-साथ हमें बहुत सारे चमत्कारी रिजल्ट भी देता है।
दोस्तों आज के इस लेख में हम ध्यान यानी मेडिटेशन के बारे में समझेंगे कि मेडिटेशन क्या है? इसके करने का तरीक़ा क्या है? और इसके फायदे क्या है?
आईए इस के बारे में विस्तार से जानते हैं ताकि हमें बेहतर रिजल्ट मिले इसलिए पोस्ट में लास्ट तक बने रहे।
आइए पहले जानते हैं ध्यान यानी मेडिटेशन करने का तरीका:-
दोस्तों यहां पर ध्यान करने को आप फोकस करना भी कह सकते हैं जिसमें आपको सिर्फ एक जगह पर कंसंट्रेट करना है।
यहां पर इसका मतलब आंखें बंद करके ध्यान में लीन हो जाना भी नहीं है दोस्तों ध्यान करना एक क्रिया है जिसमें बाहरी दुनिया से अलग होकर खुद को समझने की एक प्रक्रिया है।
जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है। ध्यान से अनेक प्रकार का ज्ञान और चमत्कारिक क्रियाओं का बोध होता है।
दोस्तों ध्यान से आपके अंदर आंतरिक ऊर्जा और जीवन सत्य का निर्माण बढ़ जाता है और आपके अंदर करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा आदि गुणों का विकास होता है।
दोस्तों महर्षि पतंजलि के योग सुत्र में ध्यान भी एक साधना मानी गई है ध्यान की अवस्था में ध्यान करने वाला अपने आसपास के वातावरण तथा स्वयं को भी भूल जाता है।
दोस्तों ध्यान करने से आत्मिक तथा मानसिक शक्तियों का भरपूर विकास होता है ध्यान में मन को इधर उधर जाने से रोक कर एक जगह पर ध्यान केंद्रित करना होता है
और खुद के क्रिएशन पावर को जगाना है यह खुद को जानने पहचानने और समझने की आसान प्रक्रिया है।
अब हम जानेंगे कि ध्यान यानी मेडिटेशन करने के क्या-क्या फायदे हैं:-
दोस्तों मेडिटेशन करने के बहुत सारे फायदे हैं जिनमें प्रमुख हैं:-
नंबर 1. सकारात्मक भावनाएं बढ़ती हैं।
नंबर 2. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
नंबर 3. इमोशन पर नियंत्रण रहता है।
नंबर 4. किसी भी कार्य में फोकस करने की क्षमता बढ़ती है।
नंबर 5. मन शांत रहने की वजह से रचनात्मक कार्य में वृद्धि होती है।
नंबर 6. ध्यान करने से हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने में आसानी होती हैं।
नंबर 7. किसी कार्य का उद्देश्य और महत्वता का भी सही ज्ञान हो जाता है।
दोस्तों हमारे मन की एक आदत है छोटी-छोटी अर्थहीन बातों को बड़ा करके गंभीर समस्या के रूप में बदल देता है।
ध्यान करने से अर्थहीन बातों के प्रति समझदारी बढ़ जाती है और हम उनकी चिंता करना छोड़ देते हैं।
दोस्तों और भी कई ऐसी नेगेटिव बातें हैं जो ध्यान करने से कम हो जाती हैं जैसे:-
दोस्तों वैज्ञानिकों का मानना है कि ध्यान करने से एंजायटी और डिप्रेशन 31% तक कम हो जाता है और दिमाग की कार्य क्षमता भी बढ़ जाती है।
अकेलेपन की फिलिंग दूर हो जाती है और स्ट्रेस कम हो जाता है दोस्तों यह तो हमने जान लिया कि कौन-कौन से बेनिफिट ध्यान करने से हमें मिलते हैं।
दोस्तों अब हम जानेंगे कि हमें ध्यान कैसे करना चाहिए
दोस्तों यह जानने से पहले हम यह जानेंगे कि हमारा दिमाग काम कैसे करता है यह जानने के बाद हम अच्छी तरह से ध्यान कर पाएंगे।
तो आइए जानते हैं:-
दोस्तों जब भी हम ध्यान करने बैठते हैं तो हमें अपने माइंड को शांत रखना पड़ता है यानी कि बिना किसी कल्पनाओं के बिल्कुल शिथिर हुआ मन।
नॉर्मली आपने यह फील किया होगा कि आपका मन किसी भी टाइम शान्त तो होता ही नहीं है जब भी आप फ्री बैठे होते हैं तो कुछ ना कुछ थॉट्स आपके दिमाग में चलते रहते हैं।
दोस्तों साइंटिस्ट कहते हैं कि हमारे माइंड में 1 दिन में 5000 से लेकर 7000 तक थॉट्स आते हैं यानी कि 1 मिनट में 35 से 48 तक।
दोस्तों ज्यादातर पाया गया है कि पूरे दिन में जो भी थोटस हमें आते हैं उनमें से 70% थॉट्स नेगेटिव ही आते हैं सिर्फ 30% थॉट्स हमें पॉजिटिव आते हैं और इसको भी हम दूसरे दिन भूल जाते हैं।
इसलिए ध्यान के समय आपके माइंड को दूसरे विचारों से मुक्त करना बहुत ही मुश्किल है लेकिन इंपॉसिबल नहीं है।
दोस्तों जब हमारे मन में एक साथ बहुत सारे विचार और कल्पनाएं चलती रहती हैं उस समय हमारे दिमाग हमारे मन में उथल-पुथल सी मची रहती है।
हम नहीं चाहते हैं फिर भी यह चलता रहता है और आप लगातार सोच सोच कर अपने आप को कमजोर करते जाते हैं और यही थोटस हमारे इमोशन को चेंज करता है और उसी से सारी समस्याएं शुरू होती हैं।
दोस्तों इन समस्याओं को दूर करने के लिए मेडिटेशन के समय अपने दिमाग से फालतू की कल्पनाओं को कम करना है और ऐसा तब तक करना है जब तक आप का मन् बिल्कुल शून्य ना हो जाए यानी कि बिना कल्पनाओं का बिल्कुल शांत मन।
अनावश्यक कल्पनाओं को मन से हटा कर मन को शांत रखने की कोशिश करनी है।
दोस्तों अब हम जानेंगे कि मेडिटेशन कितने प्रकार की होती है:
नंबर 1. गाइडेड मेडिटेशन।
नंबर 2. ब्रीथिंग मेडिटेशन।
नंबर 3. मंत्र मेडिटेशन।
दोस्तों आज हम सबसे पावरफुल मेडिटेशन की तकनीक के बारे में जानेंगे
हम आपको बताएंगे कि मेडिटेशन करने के लिए आपको क्या करना है:-
दोस्तों मेडिटेशन करने के लिए आपको एक ऐसा स्थान ढूंढना है कहां पर ज्यादा शोर शराबा ना हो ऐसे तो आप ध्यान सब जगह पर कर सकते हैं लेकिन अगर आप ध्यान एक ही जगह पर करने की आदत डालोगे तो इससे आपको दुगना फायदा होगा।
दोस्तों इसका मतलब यह है कि जब हम ध्यान करते हैं तो हमारे शरीर से उर्जा का संचार प्रवाह होता है और आप जिस स्थान पर रोजाना ध्यान करोगे वह स्थान भी आपकी उर्जा से पवित्र और पॉजिटिव हो जाता है और इसकी वजह से आप दूसरे दिन भी आसानी से तुरंत ही ध्यान लगा पाएंगे।
दोस्तों ध्यान करते समय आप किसी भी तरह बैठ सकते हैं आप चाहे तो कुर्सी पर बैठ सकते हैं नहीं तो आप जमीन पर आसन लगाकर बैठ सकते हैं कई लोग हमसे पूछते हैं कि जब भी हम लेट कर ध्यान करते हैं तो हमें नींद आ जाती है अगर आपको भी यह समस्या है तो आप बैठकर ही ध्यान करें।
दोस्तों ध्यान करते समय आपको रीढ़ की हड्डी को सीधा रखना है और सुखासन में बैठ पर दोनों हाथों को एक दूसरे के ऊपर रखकर बैठ जाना है और आंखें हमारे दिमाग का द्वार है इसलिए अपनी आंखों को बंद कर लेना है
और बाहरी आवाजों पर रोक लगानी है वैसे तो ध्यान में आप म्यूजिक और मंत्र का भी यूज़ कर सकते हैं लेकिन आज हम जिस प्रक्रियाओ सीखने वाले हैं उसमें किसी भी तरह का मंत्र या म्यूजिक का इस्तेमाल नहीं करना है।
और दोस्तों अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़ देना है आप महसूस करोगे कि जब आप ध्यान में बैठोगे तो बहुत सारी कल्पनाएं आपके दिमाग में आनी शुरू हो जाएंगी
दोस्तों यहां पर मेरा एक पर्सनल एक्सपीरियंस है कि जितना आप अपने थॉट्स को अपने माइंड में आने से रोकोगे उतने ही यह थॉट्स आपके माइंड में आएंगे इसलिए आपको इन थॉट्स को रोकने की कोशिश बिल्कुल भी नहीं करनी है।
दोस्तों आपको सिर्फ अपनी ब्रीथिंग पर फोकस करना है बंद आंखों से यह महसूस करें कि कैसे आपकी सांस आपके अंदर जा रही हैं और कैसे बाहर आ रही है बस दोस्तों आपको इन सांसो पर ही फोकस करना है और ध्यान करते रहना है।
इसके बीच दोस्तों अगर किसी भी पल कुछ देर के लिए आपका फोकस इन सांसों से हटता है तो तुरंत ही आपके माइंड में थॉट्स आने शुरू हो जाएंगे और उसी टाइम आपको अपनी ब्रीथिंग पर फोकस करना स्टार्ट कर देना है।
दोस्तों जब आप अपनी सांसो पर फोकस करेंगे तो यह सारे थॉट्स अपने आप चले जाएंगे और थोड़ी देर के बाद आप फील करोगे कि आपका पूरा शरीर और आपका मन बिल्कुल शून्य हो गया है।
दोस्तों ध्यान जैसे-जैसे गहरा होता जाता है व्यक्ति का मन स्थिर होना शुरू हो जाता है उस पर किसी भी प्रकार के कल्पना, भाव, या किसी भी प्रकार के विचारों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
दोस्तों मन और मस्तिष्क का शांत और मोन हो जाना ही ध्यान का प्राथमिक स्वरूप है ध्यान में हमारी पांचों इंद्रियां मन के साथ और मन बुद्धि के साथ और बुद्धि स्वयं आत्मा में लीन होने लगती है।
दोस्तों जब यह अनुभूति आपको होने लगती है तो आप को लगेगा कि कितना शांत और तनावमुक्त माइंड हो गया है
तो दोस्तों आपको इस तरह से ध्यान करना है।
दोस्तों अब मेडिटेशन के बारे में आपके मन में बहुत सारे सवाल होंगे जैसे कि:-
नंबर 1. मेडिटेशन कहां करना चाहिए?
नंबर 2. मेडिटेशन कितनी देर करना चाहिए?
नंबर 3. मेडिटेशन किस समय पर करना चाहिए यानी मॉर्निंग में या नाइट में?
नंबर 4 . कितने समय के बाद हमें रिजल्ट मिलना शुरू हो जाएगा?
तो चलिए देते हैं आपके सारे सवालों के जवाब:-
सवाल नंबर 1. हमें कितने समय तक ध्यान करना चाहिए?
दोस्तों जब आप पहली बार ध्यान करना शुरू करते हैं तो हम आपको यही सलाह देंगे कि आप को कम समय के लिए ही ध्यान करना चाहिए क्योंकि जो लोग पहली बार ध्यान करते हैं
तो वह अपने माइंड में यही सोचते हैं कि यह समय कब पूरा होगा और मैं कब ध्यान से बाहर निकलूंगा
इसलिए आदर्श समय 5 मिनट है आप चाहे तो फोन में अलार्म भी सेट कर सकते हो
दोस्तों शुरू के 2 हफ्ते आप 5 मिनट से शुरू करो उसके बाद अपनी इच्छा के अनुकूल टाइम बढ़ा सकते हो यहां पर आप 20 से 30 मिनट तक ध्यान कर सकते हो।
सवाल नंबर 2. हमें कितने दिन तक ध्यान करना चाहिए?
दोस्तों यह आप पर निर्भर करता है कि आप क्यों ध्यान करना चाहते हो दोस्तों हमारा पर्सनली तो यही मानना है कि ध्यान को हर दिन करना चाहिए क्योंकि ध्यान एक वॉशिंग मशीन की तरह काम करता है।
जैसे वॉशिंग मशीन हमारे कपड़ों के मैल को निकालने का काम करती है इसी तरह ध्यान हमारे मन को शांत और पॉजिटिव रखने का काम करता है।
दोस्तों अगर हमारा मन पॉजिटिव होगा तो हमारे सारे काम अच्छे ही होंगे और दोस्तो डैली मेडिटेशन करना इतना मुश्किल नहीं है आपको सिर्फ से 5 से 10 मिनट का टाइम अपने 24 घंटों में से निकालना है
और जब भी आपका समय अनुकूल हो आपको तभी ध्यान करना है दोस्तों जितना आप ध्यान करोगे उतना ज्यादा आपको फायदा होगा तो दोस्तो डेली ध्यान करने की आदत आज से ही डाल लीजिए।
सवाल नंबर 3. कितने समय में हमें रिजल्ट मिलना स्टार्ट हो जाएगा?
दोस्तों इस सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप रोजाना ध्यान कर रहे हैं या नहीं?
अगर आप ध्यान रोजाना नहीं कर रहे है तो इसका रिजल्ट आपको कम या लम्बे टाइम के बाद मिलेगा।
दोस्तों यह मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस है कि आपको पहले हफ्ते में ही पता चल जाएगा कि आपके अंदर बदलाव आ रहे हैंजब आप ध्यान करोगे तो आपका माइंड पीसफुल होने लगेगा।
दोस्तों अगर आपको जल्दी गुस्सा आता होगा तो उसमें भी सुधार होना शुरू हो जाएगादोस्तों आपको जल्दी से जल्दी मेडिटेशन करना स्टार्ट करना है।
दोस्तों आशा करती हूं आज की जानकारी आपको बेहद पसंद आई होगी ऐसी ही इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए
आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं एक और महत्वपूर्ण जानकारी के साथ तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें! धन्यवाद।
आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।
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