हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद इंर्पोटेंट
आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!
दोस्तों आज हम आपको कुछ ऐतिहासिक और रोचक बातें बताएंगे।
आज हम जानेंगे प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध में क्या अंतर है?
जी हां दोस्तों यही है हमारा आज का टॉपिक!
चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:
दोस्तों जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तो पूरी दुनिया को काफी लॉस हुआ था और इसमें काफी मासूम लोग भी थे।
1914 से 1918 तक बहुत ही भयंकर युद्ध हुआ।
दोस्तों प्रथम विश्व युद्ध जब खत्म हुआ तो अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने कहा कि हमें इस युद्ध में कोई रोकने वाला ही नहीं था उसने कहा कि हम जब लड़ रहे थे तो कोई ऐसा इंसान था ही नहीं जो हमें रुकता।
तो एक ऐसा संगठन चाहिए जो दुनिया को रोक सके
छोटे-छोटे विवादों से शुरू हो गया प्रथम विश्व युद्ध जिसे रोकना जरूरी था।
तो इन्होंने सारे देशों को मिलाकर एक संगठन बनाया लीग ऑफ नेशंस।
इस संगठन में हर देश के सदस्य थे जिस देश को इसकी सदस्यता ग्रहण करनी थी उनको यह करना पड़ता था जैसे:-
मान लीजिए भारत को इसकी सदस्यता ग्रहण करती है
तो भारत को अपने संसद भवन में एक प्रस्ताव जारी करना पड़ेगा कि हम भारत के सदस्य इस संगठन में जाना चाहते हैं तो वह सदस्य इसमें जा सकते हैं इनका हिस्सा बन सकते हैं।
लीग ऑफ नेशंस :
तो लीग ऑफ नेशंस को कहा गया कि तुम पूरी दुनिया में व्यापार का ध्यान रखना क्योंकि व्यापार को लेकर ही युद्ध हो जाता है। दूसरी चीज पूरी दुनिया के स्वास्थ्य का ख्याल रखना। आपसी संबंधों का ध्यान रखना। यह सारी बातो का ध्यान रखने की जिम्मेदारी किसकी थी? लीग ऑफ नेशंस की।
दोस्तों लीग ऑफ नेशंस को कहा गया कि आगे से ध्यान रखना कि द्वितीय विश्वयुद्ध ना हो सके।
लेकिन दोस्तों लीग ऑफ नेशंस इस द्वितीय विश्व युद्ध को होने से नहीं रोक सका।
और दोस्तों 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध चालू हो गया जो कि 1945 तक चला था।
तो क्या लीग ऑफ नेशंस कामयाब हो पाया?
जिसका सबसे बड़ा कारण था कि लीग ऑफ नेशंस का स्ट्रक्चर तो बहुत अच्छा बनाया गया था लेकिन लीग ऑफ नेशंस के पास खुद की सेना नहीं थी।
उसके पास डॉक्टर बहुत थे हर देश से अच्छे अच्छे डॉक्टरों को बुलाकर अपने पास रख लेता था साइंटिस्ट को बुलाता था आइए हमारे पास लेकिन सेना बिल्कुल भी नहीं थी।
इसके बाद बनाया गया यू एन ओ मतलब संयुक्त राष्ट्र।
इसको भी लीग ऑफ नेशंस में ही चेंजिंग किया गया था और इसको अपनी सेना दे गई थी।
अब जो देश यू एन ओ का सदस्य है उसको क्या करना पड़ेगा? यू एन ओ में सेना देनी पड़ेगी।
इसका मुख्यालय कहां है? न्यूयॉर्क में और यह इसका एडवांस रूप है लीग ऑफ नेशंस का।
दोस्तों लीग ऑफ नेशंस का मुख्यालय था जिनेवा।
इसका सहारा ऑफिस कहा था जिनेवा और इसको एडवांस करके बना दिया गया यू एन ओ इसका मुख्यालय कहां चला गया न्यूयॉर्क और इसका ऑफिस कहां रह गया जिनेवा में।
दोनों चीजों का मुख्यालय देखेंगे तो कहां मिलेगा जिनेवा।
जिनेवा पहले किसका मुख्यालय था? लीग ऑफ नेशंस का।
लीग ऑफ नेशंस का मुख्यालय कहां था? जिनेवा में।
लीग ऑफ नेशंस के संस्थापक कौन थे? वुडरो विल्सन।
यू एन ओ के संस्थापक कौन थे यूनाइटेड नेशन।
वुड्रो विल्सन संस्थापक थे लीग ऑफ नेशंस के।
रुजवेल्ट संस्थापक थे यूनाइटेड नेशन ऑर्गेनाइजेशन के।
उस समय वुड्रो विल्सन राष्ट्रपति थे।
वुड्रो विल्सन बहुत अच्छे आदमी थे।
उन्होंने समाज के लिए बहुत भलाई के काम किये है।
बाकी तो ऐसे ऐसे प्रधानमंत्री ऐसे ऐसे नेता हुए हैं कि पूरी दुनिया को चौपट ही कर दिया।
तो दोस्तों यह थी कुछ जानकारियां जो आपकी नॉलेज के लिए बहुत ही जरूरी थी आशा करती हूं आप को जरूर पसंद आई होंगी।
ऐसी ही नई और बेहतरीन जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए। आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ अब तक के लिए अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें।
अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।
आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।