हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
मै आपके लिए लेकर आती हूं बहुत ही खास और इंटरेस्टिंग जानकारी जो आपकी नॉलेज के लिए है बेहद इंर्पोटेंट
आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!
दोस्तों आज की हमारी जानकारी बहुत ही रोचक और इंटरेस्टिंग होने वाली है क्योंकि आज हम आपको बताएंगे
क्या हमारे कर्मों का फल हमें इसी जीवन में मिलता है या बाद में?
आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:-
दोस्तों इसके बारे में कुछ लोग बोलते हैं कि यहां जो हम कर्म करते हैं उसका फल हमें यही मिल जाता है
और कुछ लोग बोलते हैं कि अगले जीवन में हमें अपने कर्मों का फल मिलता है।
तो आइए जानते हैं:-
देखिए दोस्तों एक तो यह बात अपने दिल और दिमाग में बिठा ले कि अपने किए हुए कर्मों का फल हमें जरूर बोलना होता है और हम भोगते हैं।
अब सवाल आता है कि यहां भोगते हैं या आगे भोगते हैं?
तो दोस्तों कुछ यहां भोग लेते हैं और जो बैलेंस बचता है उसको आगे भोगते हैं।
हमारी स्टोर करने की क्षमता इतनी है कि हम काफी ज्यादा स्टोर कर लेते हैं जिसको इस जन्म में भोगना थोड़ा मुश्किल हो जाता है इसलिए बाकी बचे हुए कर्मों का फल हम अगले जन्म में भोगते हैं।
दोस्तों एक जन्म में हम इतने सारे कर्म इकट्ठा कर लेते हैं जिनको भोगने के लिए हमें अनेकों जन्म लेने पड़ते हैं।
क्योंकि हमारी उत्पादकता बहुत ज्यादा है।
अभी भी हम जो भोग रहे हैं वह अतीत का भोग रहे हैं और साथ-साथ वर्तमान का भी।
तो दोस्तों अतीत और वर्तमान हमारे साथ साथ चल रहे है।
कभी-कभी हमें यह समझ नहीं आता कि हमारे साथ यह क्या हो रहा है क्योंकि हमारे साथ साथ हमारे पूर्व जन्म के कर्म भी चलते हैं और हमारे वर्तमान के कर्म भी चल रहे हैं।
दोस्तों हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि हमें वर्तमान में किए हुए कर्म का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
हम जो भी कर्म करते हैं अच्छे बुरे उनका फल हमें जरूर मिलता है।
दोस्तों मैंने अपनी लाइफ में इसे महसूस किया है और मैं विश्वास के साथ यह कह सकती हूं कि हम जैसे भी कर्म करते हैं उनका फल हमें ज्यादा से ज्यादा इसी जन्म में मिल जाता है।
दोस्तों कोई इंसान बहुत बुरे कर्म कर रहा है और उसके साथ सब कुछ अच्छा हो रहा है तो यह बिल्कुल भी ना सोचे कि अब आगे मेरे साथ कुछ बुरा होने वाला नहीं है।
क्योंकि कुछ लोग बुरे कर्म करने के बाद भी धन-धान्य से परिपूर्ण होते हैं उनको लाइफ में किसी प्रकार का कोई दुख नहीं होता है लेकिन उनके नजदीक जाकर देखें तो उनको अंदर से बहुत ज्यादा पीड़ित होते है।
कुछ लोग बाहर से बहुत ही गरीब और दरिद्र दिखते हैं उनको देखकर ऐसा ना सोचे कि यह बहुत बुरा कर्म करते हैं इसलिए इनकी ऐसी हालत हुई है।
जो कुकर्मी, पापी, अधर्मी, निर्दई व्यक्ति होते हैं उनके नजदीक जाकर उनके अंदर झांक कर देखोगे तो उनके पास धन संपत्ति ठाट बाट रुतबा हो सकता है लेकिन उनको शांति नहीं मिलेगी। उनको बहुत भारी टेंशन में आप देखोगे।
24 घंटे उनका ही मन में भय और संताप होगा।
परिवारों में लड़ाई झगड़ा होगा भारी टेंशन होगी कहीं सुकून के पल उनको नहीं मिलते हैं इसका मतलब यह है कि बुरे कर्म का फल हमेशा बुरा ही होता है इंसान बुरे कर्म करके कभी खुश नहीं रह सकता यह उसके बुरे कर्मों का फल है।
वही अगर आप किसी धर्मी व्यक्ति को देखोगे जो इंसान अच्छे कर्म करते हैं धर्म पुण्य का कार्य करते हैं दूसरों पर दया भाव रखते हैंदूसरों की मदद करते हैं सब से प्रेम से व्यवहार करते हैं अपनी वाणी में मधुरता रखते हैं पशु पक्षियों पर दया भाव रखते हैं।
ऐसा व्यक्ति आपको गरीब जरूर दिखेगा उसके पास परेशानियां जरूर दिखेंगी उसके पास मुश्किलें जरूर दिखेंगी लेकिन वह कभी दुखी नहीं होता है वह अंदर से मुस्कुराता हुआ मिलेगा
वह सदैव संतुष्ट और शांत रहता है।
उसको किसी प्रकार की टेंशन चिंता किसी को लेकर द्वेष लड़ाई झगड़ा इन सारे दुखों से वह दूर रहकर खुशहाल जीवन को व्यतीत करता है।
उसके पास धन दौलत गाड़ी बंगले जमीन जायदाद रुतबा यह सब चाहे ना हो लेकिन वह इंसान अंदर से परिपूर्ण होता है और उसके चेहरे पर हमेशा खुशी बनी रहती है ऐसे इंसान अपना जीवन बहुत ही सुकून से व्यतीत करते हैं और यह उनके अच्छे कर्मों का फल है।
एक व्यक्ति के पास सब कुछ है फिर भी वह दुखी है।
एक व्यक्ति के पास कुछ भी नहीं है फिर भी वह प्रसन्न है।
इसका मतलब यह है कि हमें अपने कर्मों का फल जरूर मिलता है और वह हमें भोगना ही पड़ता है चाहे वह कर्मों का फल हमारे सामने किसी भी रूप में आए इसलिए कुछ हम यहां भोगते हैं और कुछ हम आगे पीछे भोगते हैं।
दोस्तों आशा करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद पसंद आई होगी ऐसी ही इंटरेस्टिंग जानकारी के साथ हम फिर मिलते हैं
तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई का विशेष ध्यान रखें धन्यवाद।
आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।।
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