क्या चांद धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है?

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे और स्वस्थ होंगे।

thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया मै आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग।

तो चलिए देखते हैं क्या है आज के लिए खास:

दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं। एक बहुत ही खास टॉपिक जिस पर आज हम बात करने वाले हैं।

क्या चांद धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है?
जी हां दोस्तों यही है हमारा आज का टॉपिक।

चांद का नाम लेते ही दोस्तों अनेकों कल्पनाएं हमारे दिमाग में घूमने लगती है।

क्या चांद धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है?


कि शायद 1 दिन चांद पर बस्तियां हो सकेगी,
या मनुष्य वहां अपनी दुनिया बसा सकेगा।

लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि चांद पर मनुष्य का जीवन पृथ्वी की अपेक्षा बहुत ही चुनौती भरा होगा।

और इसकी वजह है चांद का तापमान और चांद पर दिन और रात का बहुत बड़ा होना।

और इसके अलावा उस पर मौजूद पानी और हवा।

दोस्तों आज हम एक एक करके इन सभी विषयों पर चर्चा करेंगे।

तो चलिए दोस्तों सबसे पहले हम जान देते हैं कि चांद का तापमान क्या है?

चांद पर दिन का तापमान करीब 145 डिग्री सेल्सियस है।
और रात का न्यूनतम  तापमान -150 डिग्री सेल्सियस के आस पास होता है।

क्या चांद धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है?


और इतने तापमान में मनुष्य का बिना किसी उपकरण में जीवित रहनाजीवित रहना नामुमकिन है।

चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर करीब 27.3 दिन में लगाता है।
और 27 दिन में ही वह अपनी दूरी पर घूमता भी है।

जिस प्रकार पृथ्वी 24 घंटे में अपनी दूरी पर एक बार घूम जाती है। उस तरह घूमने में चंद्रमा को 27 दिन का समय लगता है।

इसलिए चंद्रमा का एक ही हिस्सा पृथ्वी की ओर रहता है।
पृथ्वी से आज तक के चंद्रमा का दूसरा हिस्सा नहीं देखा जा सका है।

दोस्तों अब बात करते हैं कि क्या चंद्रमा पहले पानी मौजूद है?

तो इसका जवाब है हां।
चंद्रमा के यह दोनों थुरो पर पानी बर्फ के रूप में मौजूद है।

और वहां का तापमान -150 डिग्री सेल्सियस के आसपास है

अब बात करते हैं चंद्रमा पर ऑक्सीजन की।
तो दोस्तों क्या चंद्रमा पर ऑक्सीजन मौजूद है?

तो इसका उत्तर है नहीं।
क्योंकि चंद्रमा पर पृथ्वी की तरह वायुमंडल नहीं है।

क्या चांद धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है?


इसलिए चंद्रमा पर ऑक्सीजन नहीं है।
जबकि चंद्रमा की धूल में ऑक्सीजन के कारण पाए जाते हैं।
दोस्तों अब हम चलते हैं अपने मुख्य विषय की ओर यानी खास टॉपिक की ओर।

दोस्तों आज तक हम सुनते आए हैं कि चंद्रमा पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाता है।

लेकिन यह भी एक भरम जैसा ही है।
इस विषय पर दोस्तों हम अगले लेख में चर्चा करेंगे।

दोस्तों अभी हम चर्चा करेंगे कि क्या चंद्रमा धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है? तो इसका उत्तर है हां।

और चंद्रमा पृथ्वी से क्यों दूर होता जा रहा है इसको समझने के लिए पहले हमें चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में जानना बहुत जरूरी है।

दोस्तों पृथ्वी की उत्पत्ति आज से करीब 500  करोड़ बरस पहले यानी 5 अरब वर्ष पहले हुई थी।

और उसके करीब 50 करोड़ बरस  बाद चंद्रमा का निर्माण हुआ।

चंद्रमा का निर्माण थिया नाम के पिंड का पृथ्वी से टकराने की वजह से हुआ।

जब यह पिंड पृथ्वी से टकराया तो पृथ्वी के एक भाग को लगभग करोड़ों हिस्सों में तोड़ दिया।

और उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से दूर पहुंचा दिया।

तो वे टुकडे पृथ्वी के आसपास घूमने लगे और पृथ्वी का चक्कर लगाने लगे।

उसके बाद जो बड़ा टुकड़ा था उसमें भी गुरुत्वाकर्षण मौजूद था जिसकी वजह से लाखों छोटे बड़े टुकड़े उस बड़े टुकड़े में मर्ज होने लगे यानी समाहित होने लगे उससे जुड़ने लगे।

और इस तरह चंद्रमा का निर्माण हुआ।

तो दोस्तों चंद्रमा को आज की तरह बनने में करोड़ों वर्ष लगे।

उसके बाद जैसे-जैसे पृथ्वी की सतह ठंडी पड़ती गई।
वैसे वैसे चंद्रमा भी ठंडा होता गया।

जब चंद्रमा पृथ्वी से अलग हुआ था जब वह पृथ्वी से कम दूरी पर था।

और फिर धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता चला गया।
दोस्तों वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रमा आज भी हर वर्ष कुछ सेंटीमीटर पृथ्वी से दूर होता जा रहा है।

यदि हम मान लेते हैं कि हर वर्ष  चंद्रमा पृथ्वी से 1 सेंटीमीटर दूर होता जा रहा है तो 100 वर्ष में 1 मीटर और 100000 बरस में 10 किलोमीटर और तीन अरब वर्ष में लगभग 300000 किलोमीटर दूर चला जाएगा।

यानी वर्तमान दूरी से करीब 2 गुना।

 तो उस वक्त चंद्रमा को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में भी दोगुना वक्त लगेगा।

अर्थात चंद्रमा को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में क़रीब करीब 50 से 55 दिन का समय लग सकता है।

 दोस्तों यदि ऐसा हो गया तो पृथ्वी पर वर्तमान जलवायु में भी अनेकों परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति में चंद्रमा का बहुत बड़ा योगदान है।

पृथ्वी का अपनी धुरी पर एक तरफ झुके होने का कारण यह चंद्रमा ही है ।
यदि चंद्रमा ना होता तो पृथ्वी पर सर्दी गर्मी बारिश आदि कुछ नहीं होता।

पृथ्वी दूसरे ग्रहों की तरह एक पिंड होती बस।


तो दोस्तों आज की जानकारी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताना आशा करती हूं आज की जानकारी आपको बेहद पसंद आई होगी।

दोस्तों आज के लेख में बस इतना ही उम्मीद करती हूं मेरी आज की जानकारी आपको बेहद पसंद आई होगी।

ऐसी ही नई-नई और इंटरेस्टिंग जानकारी के लिए आप मेरी वेबसाइट पर आएं।

मैं लेकर आती हूं आपके लिए अच्छी-अच्छी जानकारी जो  आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

तो मिलते हैं ऐसी ही एक और नई जानकारी के साथ तब तक के लिए अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

दोस्तों आजकल मच्छर बहुत ज्यादा हो गए हैं और डेंगू बुखार बहुत तेजी से फैल रहा है इसलिए अपने बच्चों को बचा कर रखें अपने बड़ों का अपने परिवार का ख्याल रखें।
धन्यवाद,

आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।

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