हैलो दोस्तों कैसे हैं आप उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे और स्वस्थ होंगे।
thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया मै आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग।
तो चलिए देखते हैं क्या है आज के लिए खास:
दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं।
एक बहुत ही खास जानकारी दोस्तों आज हम आपको बताने वाले हैं।
दोस्तों हमारा आज का टॉपिक है दूध के बारे में आज हम आपको बताएंगे दूध शाकाहार है या मांसाहार?
आईए इस के बारे में विस्तार से जानते हैं
दोस्तों कुछ लोग कहते हैं कि दूध एक एनिमल प्रोडक्ट है यानी कि एनिमल से प्राप्त होता है।
तो यह एक प्रकार का मांसाहार भी मानना चाहिए तो दोस्तों हम दुविधा में पड़ जाते हैं और हमारे सामने एक समस्या खड़ी हो जाती है कि दूध शाकाहारी है या मांसाहारी।
दोस्तों आईऐ इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि यह एनिमल प्रोडक्ट तो है परंतु यह दूध शाकाहार है कि मांसाहार है।
दोस्तों आज यह पांच चीजें आपको बताएंगे कि दूध शाकाहार है या मांसाहार है।
पहली बात है दोस्तों परोपकार की दृष्टि से यह दूध निकलता है मतलब किसी भी प्राणी के शरीर में दूध का निर्माण होता है वह ब्लड यानी खून की तरह नहीं होता।
यह दूध का निर्माण दूसरे प्राणी के लिए किया जाता है।
मतलब खून का निर्माण हमारे शरीर में होता है वह हमारे उपयोग के लिए होता है हम उसे किसी और को नहीं दे सकते ।
लेकिन जो दूध का निर्माण होता है वह दूसरे के लिए होता है।
हम खुद उस दूध का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि गाय कभी खुद का दूध खुद नहीं पीती या उस दूध में उसका खुद का कोई यूज नहीं होता।
दूसरी बात यह है कि दूध जो बनता है वह किसी भी प्राणी की कोशिका नहीं होती जिस प्रकार से खून, मांस और हमारी जो स्कीन है वह हमारी कोशिका है सेल है
लेकिन जो दूध है उसमें सेल्स नहीं होती है और एक बात है कि इस में एनिमल प्रोटीन नहीं पाया जाता है जो हमारे खून में मांस में पाया जाता है। इसमें एनिमल प्रोटीन नहीं पाया जाता इसमें वेजिटेबल प्रोटीन पाया जाता है।
दोस्तों तीसरी बात यह है कि जैसे गाय ने दूध दिया है तो वह उसने अपने बच्चे के लिए दिया है आप उसके दूध को पीते हो मतलब आप उसका कोई अधिकार नहीं छीन रहे हो। आप नेचर को देखे आप प्रकृति को देखें आपको कहीं भी ऐसा नजर नहीं आएगा।
दोस्तों आपने कई बार देखा होगा कि एक बंदरिया के बच्चे को भी एक कुत्तिया अपना दूध पिलाती है या फिर आपने यह भी देखा होगा कि बंदर जो है वह गाय का दूध पी रहा है।
यह आपको कई जगह देखने को मिल जाएगा जहां पर बंदर अधिक होते हैं वहां पर ऐसा देखने को मिलेगा कि बंदर का बच्चा है वह गाय का दूध पी रहा है।
तो दोस्तों ऐसा कोई नियम नहीं है कि अपने ही बच्चे के लिए दूध का निर्माण होता है कि अपने ही बच्चे को कोई भी जानवर दूध पिलाता है और किसी और को दूध नहीं पिला सकता ऐसा कोई नियम नहीं है।
चौथी बात यह है कि आपने कहा कि बच्चे के लिए वह दूध होता है तो मान लीजिए किसी गाय का बछड़ा है और वह बछड़ा दूध पीता है तो वह पूरा दूध पी ही नहीं सकता।
क्यों नहीं पी सकता क्योंकि कोई गाय 30 लीटर दूध देती है कोई 35 लीटर दूध देती है कोई गाय तो 40 लीटर दूध तक दे देती है तो आप सोचिए इतना दूध कोई बछड़ा कैसे पी सकता है।
कहने में तो आता है कि उस पर बछड़े का अधिकार है उसकी मां कितना भी दूध दे वह सारा बछड़े के लिए ही देती है लेकिन इतना दूध बछड़ा कैसे पी सकता है।
लेकिन दोस्तों प्रैक्टिकल अगर हम देखे वास्तविक रूप में अगर हम देखें तो इतना दूध बछड़ा नहीं पी सकता है 20, 25, 35 40 लीटर दूध बछड़ा कैसे पी सकता है।
तो दोस्तों इस तरीके से यह सिद्ध करता है कि दूध मांसाहार नहीं है वह शाकाहार है। अब देखा जाए तो दोस्तों हम उस दूध को ना निकाले और ऐसे ही छोड़ दें तो क्या होगा तब आप देखेंगे कि जो वह दूध है उसको आप नहीं निकालेंगे तो गाय को बहुत तकलीफ होती है बहुत पीड़ा होती है।
वह ठीक से बैठ नहीं पाएगी चल नहीं पाएगी क्योंकि उसका जो दूध है वह नहीं निकाला गया इसलिए नियमित रूप से निकालना भी जरूरी है जो लोग पशु पालन करते हैं या जिनके यहां पर डेयरी फार्म है।
जो लोग गाय भैंस आदि जानवरों को पालते हैं तो उनसे अगर आप पूछेंगे उनसे अगर आप पता करेंगे तो वह लोग आपको बताएंगे वह लोग यह जानते हैं कि अगर एक दिन दूध नहीं निकाला जाएगा उनको बहुत पीड़ा होती है बहुत तकलीफ होती है।
मान लीजिए आज का 35 लीटर दूध है और आज आपने दूध नहीं निकालना और कल फिर 35 लीटर दूध बनेगा तो उस दूध का वह क्या करेगी गाय तो इस लिए यह पांचवीं बात हमने सिद्ध कर दी हैं कि दूध मांसाहार नहीं है वह शाकाहार है।
दूध मांसाहार नहीं है यह एक प्रकृति का नियम है जैसे हम किसी भी चीज को लेते हैं तो हमारे मन में एक उपकार का भाव रहता है कि हमें उसको वह चीज वापस लौटानी है।
तो जो भी लोग पशुपालन करते हैं जो किसान लोग पशु पालते हैं गाय भैंस बकरी आदि को पालते हैं तो वह लोग उसकी सेवा करते हैं और बदले में गाय या भैंस भी उसको कुछ देना चाहेगी।
क्योंकि यह तो आम बात है कि कोई अगर हमारी सेवा कर रहा है तो बदले में हमारा भी मन करता है कि हम भी उसको कुछ दे तो यह प्रकृति का नियम है यह एक एक्सचेंज की तरह है एक परोपकार है कि आप गाय की सेवा करते हैं और वह आपको बदले में दूध देती हैं।
इसलिए हमें दूध को मांसाहार की कोटि में नहीं लेना चाहिए
जो लोग ऐसा मानते हैं कि दूध मांसाहार है तो उन लोगों को समझना चाहिए कि दूध मांसाहार नहीं है।
त्तो दोस्तों जो भी आपके आसपास लोग यह कहते हैं कि दूध मांसाहार है तो अब तो आपको समझ में आ गया होगा कि दूर मांसाहार नहीं है यह शाकाहार है।
दोस्तों दूध शाकाहार के अंतर्गत ही आता है उसको लेने में कोई परेशानी नहीं है आप बेहिचक दूध का मिठाइयों का दही का घी का और दूध से बनी हुई प्रत्येक मिठाई का उपयोग कर सकते हैं उस का लुफ्त उठा सकते हैं।
दोस्तो आशा करती हूं कि यह जानकारी आपकी समझ में आ गई होगी और आपको बेहद पसंद आई होगी धन्यवाद।
दोस्तों आज के लेख में बस इतना ही उम्मीद करती हूं मेरी आज की जानकारी आपको बेहद पसंद आई होगी।
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मैं लेकर आती हूं आपके लिए अच्छी-अच्छी जानकारी जो आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
तो मिलते हैं ऐसी ही एक और नई जानकारी के साथ तब तक के लिए अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
दोस्तों आजकल मच्छर बहुत ज्यादा हो गए हैं और डेंगू बुखार बहुत तेजी से फैल रहा है इसलिए अपने बच्चों को बचा कर रखें अपने बड़ों का अपने परिवार का ख्याल रखें।
धन्यवाद।
आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।
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