अगर पृथ्वी गोल है तो हम उससे नीचे क्यों नहीं गिरते?

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आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग।

आज मैं आपको बताने वाली हूं अगर पृथ्वी गोल है तो हम उससे नीचे क्यों नहीं गिरते?

अगर पृथ्वी गोल है तो हम उससे नीचे क्यों नहीं गिरते?


पृथ्वी पर मौजूद सारा पानी नीचे क्यों नहीं गिरता? 
पृथ्वी के साइड मे रहने वाले लोग नीचे क्यों नहीं गिरते?

दोस्तों ऐसे कई सारे सवाल हैं, जिनका आप जवाब जानना चाहते हैं लेकिन आपको जवाब मिल नहीं रहा है।

दोस्तों यह सवाल कई लोगों द्वारा पूछे गए हैं कि इन सवालों का जवाब दीजिए।
तो चलिए आज के इस लेख में हम इन सवालों का जवाब देने का प्रयास करते हैं।

दोस्तों आप यह सोचते होंगे, कि जब भी मैं ऊपर की और कूदता हूं, तो उड़ क्यों नहीं जाता। वापस नीचे क्यों आ जाता हूं?

तो दोस्तों ऐसा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है। यह एक ऐसा बल है जो हमें दिखाई नहीं देता।

गुरुत्वाकर्षण बल दो वस्तुओं के बीच में एक आकर्षण बल है।
गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड में स्थित ग्रहों, पिंडों और ब्रह्मांड में स्थित हर वस्तु के बीच में है।

दोस्तों किसी भी वस्तु का द्रव्यमान ज्यादा होता है तो उसका गुरुत्वाकर्षण बल भी अधिक होगा।यह फार्मूला पृथ्वी पर भी लागू होता है। 

हमारी पृथ्वी का द्रव्यमान हमसे बहुत ज्यादा है। यही वजह है कि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल मनुष्य के गुरुत्वाकर्षण बल से कहीं ज्यादा अधिक है। इस कारण कभी आप पृथ्वी पर कूदते हैं या किसी वस्तु को ऊपर फेंकते हैं, तो वह वापस नीचे आ जाती है।
और हमें भी पृथ्वी नीचे खींच लेती है। 

हमारा गुरुत्वाकर्षण बल कम होने के कारण हम पृथ्वी को अपनी ओर खींच नहीं पाते हैं।
दोस्तों सूर्य का द्रव्यमान हमारी पृथ्वी से कहीं गुना ज्यादा है। इसी वजह से सूर्य अपनी तरफ पृथ्वी को खींच लेता है।
दोस्तों इसी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण हम पृथ्वी से नीचे नहीं गिरते हैं और पृथ्वी की सतह से चिपके रहते हैं।

पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक वस्तु नीचे नहीं गिरती। जिसमें पानी भी शामिल है। मानचित्र में जो भी आप पृथ्वी पर पानी देखते हैं वह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही ठहरा रहता है।

कई लोग यह भी पूछ रहे थे कि नीचे की तरफ रहने वाले लोग नीचे क्यों नहीं गिरते हैं तो उनका भी जवाब यही है की पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण।

दोस्तों पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से बाहर निकलने के लिए हमें 11 पॉइंट 2 किलोमीटर प्रति सेकंड घंटा की गति से यह दूरी तय करते हैं तो ही हम गुरुत्वाकर्षण बल के विपरीत जा सकते हैं। 

यह दूरी हमें पृथ्वी की सतह से ऊपर की तरफ तय करनी है। यह दूरी हम रॉकेट या ऐसे ही किसी अन्य के द्वारा ही तय कर सकते हैं।

दोस्तों यह कम दूरी पर स्थित विंडो के मध्य भी कार्य करता है और हजारों किलोमीटर दूर विंडो पर भी कार्य करता है।

सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल हम पर पड़ता है, लेकिन वह बहुत ही कम होता है ।जिस वजह से हम उसे महसूस नहीं कर पाते।
हम बस पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल ही महसूस कर पाते हैं क्योंकि हम पृथ्वी के बहुत ज्यादा नजदीक हैं। 

जैसे जैसे हम पृथ्वी से ऊपर जाते जाएंगे वैसे-वैसे गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव कम होता चला जाएगा।

अगर आप पृथ्वी से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चले जाते हैं तो आप बिल्कुल ही पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से मुक्त हो जाओगे और आप अंतरिक्ष में उड़ने लगोगे, क्योंकि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल खत्म हो जाएगा या एकदम जीरो हो जाएगा।

लेकिन दोस्तों अंतरिक्ष में हवा बिल्कुल भी नहीं है। जिस वजह से आप वहां पर जीवित नहीं रह पाएंगे।

अब तो आपको इस लेख की शुरुआत में बताए गए सवालों के जवाब मिल गए होंगे। मैंने आपको बिल्कुल सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है।

आज के लिए इतना ही।
दोस्तों उम्मीद करती हूं आज की जानकारी आपको बेहद पसंद आई होगी। ऐसी ही नई और बेहतरीन जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर आए आज के लेख में बस इतना ही अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें।आपकी दोस्त पुष्पा डाबोदिया।

2 गज दूरी मास्क है जरुरी








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