रोने के बाद अच्छी नींद क्यों आती है? क्या रोने से हमारा चेहरा ग्लों करता है?

हैलो दोस्तों thebetterlives.com में आपका स्वागत है मैं हूं आपकी पुष्पा मै आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग story।

चलिए देखते हैं क्या है आज की खास जानकारी।

रोने से हमारा चेहरा करता है ग्लों लेकिन क्यों क्या आपने कभी किया है नोटिस?

रोने के बाद अच्छी नींद क्यों आती है? क्या रोने से हमारा चेहरा ग्लों करता है?


जो लोग ज्यादा इमोशनल होते हैं और बार-बार रोते हैं वह जर्नली ज्यादा गोरे होते हैं और उनका चेहरा ज्यादा ग्लो करता है चलिए सीधा पॉइंट पर आते हैं और आपको thebetterlives.com पर इफेक्ट बताते हैं।

हमारे टीयर्स यानी आंसू तीन तरह के होते हैं 
सबसे पहले बैसल टियर्स , इनका काम होता है हमारी आंखों को लुब्रीशियस करना और प्रोटेक्ट करना यानी हमारी आंखों में नमी बना कर रखना।

जब बहुत देर तक तो मोबाइल चलाने से आपकी आंख में जो आंसू आते हैं वह बैसल टीयर्स आते हैं।

क्योंकि आपकी आंखें सूख जाती हैं और जब बैसल टियर्स आकर उनको लुब्रिकेट करते हैं।

और दूसरा होते हैं रिफ्लेक्स टियर्स जब आपकी आंखों में कोई तिनका या कीड़ा चला जाता है जब आपकी आंखों में जो आंसू आते हैं उनको रिफ्लेक्स टियर्स बोलते हैं।

इनका काम होता है आंख में पैदा करने वाले इरिटेशन को बाहर निकालना। 

और तीसरे होते हैं इमोशनल टियर्स, और इमोशनल टियर्स आते हैं हमारी किसी भी इमौसन के रिस्पांस में जब हम दुखी होते हैं या बहुत ज्यादा खुश होते हैं।

और दुखी होने पर जब हमारी आंख से आंसू आता है तो लेफ्ट आइ से आता है और जब हम बहुत ज्यादा खुश होते हैं। तो आंसू राइट आई से आता है।

ऐसा माना जाता है कि जैसे पसीना हमारे पूरे शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकलता है। ठीक उसी तरह से आंसू भी हमारे चेहरे की स्किन को डीटॉक्सिफाई करते हैं।

सारी डॉक्सिफाई जो हमारी स्किन में मौजूद होती हैं उन्हें बाहर निकाल देते हैं।

इसलिए जो लोग बहुत देर तक रोते हैं या बार-बार हँसते हैं उनका चेहरा ग्लों करता है क्योंकि उनके चेहरे से सारे टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं और जब हम रो रहे होते हैं तो हमारा माइंड ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिंस नाम की केमिकल रिलीज करता है। 

इनको बिल गुड केमिकल भी बोला जाता है क्योंकि यह बोलने वाले इंसान को अंदर से खुश महसूस कराते हैं और उसे शांत कराते हैं।

इंसान अंदर से खुश होने की वजह से उसके चेहरे पर भी ग्लो साफ नजर आता है।

अब अगर आप किसी इंसान को रोते हुए देखे तो जरूरी नहीं कि वह दुखी हो इसलिए रो रहा हो तो हो सकता है वह अपने चेहरे की स्किन को डिटॉक्सिफाई भी कर रहा हो।

कुछ संबंधित सवाल:

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ऑक्सीटोसिन (जिसे कडल हॉर्मोन भी कहा जाता है) के घटने के कारण रोना हमारी शांत और कल्याण की भावना को प्रेरित करता है, जिससे हमें शांति से सोने में मदद मिलती है।

निद्रा के लिए मन की शांति आवश्यक है। ध्यान और प्राणायाम इसमें सहायक हो सकते हैं।

धन्यवाद दोस्तों कैसी लगी आज की यह हमारी जानकारी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ तब तक अपना ख्याल रखना,

मच्छरों से बच के रहें अपने चारों तरफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
 
पुष्पा डाबोदिया 

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