बिटकॉइन को जाने और बिटकॉइन के अलावा अन्य विकल्प क्या हो सकते हैं? |
हैलो दोस्तों thebetterlives.com में आपका स्वागत है। बीते दशक में एक करंसी या मुद्रा काफी तेजी से उभरी है इस मुद्रा का नाम है क्रिप्टोकरंसी।
ये शब्द आपने कभी ना कभी सुना ही होगा। खैर जो नहीं जानते, उन्हें यह बता दूं की क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। जिसे डिजिटल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है। कई एजेंसियों ने इसे वैल्यू एक्सचेंज का तरीका बताया है।
तो चलिए समझते हैं कि यह क्रिप्टो करेंसी होती क्या है?
मैक्सिको में मेक्सिकन पीसो, इटली में यूरो और अमेरिका की करेंसी है डॉलर। लेकिन यह एक फिजिकल करेंसी है जो आप लेनदेन के लिए कैश यूज करते हैं।
मौजूदा वक्त कई लोग नेट बैंकिंग और ऑनलाइन पेमेंट एप्स का भी इस्तेमाल करते हैं। यह सभी ट्रांजैक्शंस आपके बैंक की देखरेख में होती है। यानी आप जिस पार्टी को पेमेंट कर रहे हैं। उसके और आपके बीच एक बिचौलिए की तरह काम करता है।
लेकिन क्रिप्टोकरंसी इसका मामला थोड़ा अलग है। इस करेंसी का इस्तेमाल करने के लिए आपको किसी भी बिचौलिए की कोई जरूरत नहीं है। यह एक ऐसी करेंसी है, जिसे किसी देश का सेंट्रल बैंक कंट्रोल नहीं करता। हर ट्रांजैक्शन सीधे पेमेंट करने वाले और रिसीव करने वाले के बीच होता है।
जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया की क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, जिसे छापा नहीं जा सकता। इसे तो केवल इलेक्ट्रॉनिक तरीके से स्टोर किया जा सकता है यह डिसेंट्रलाइज्ड होती है।
डिसेंट्रलाइज का मतलब होता है जिस पर सेंटर का कंट्रोल नहीं होता। यहां तक कि इसे बनाने वाले का भी नहीं। इस के जरिए आप वर्चुअल ई-चीजें खरीद या बेच सकते हैं।
बिटकॉइन का नाम तो आप सब ने सुना ही होगा यह दुनिया की पहली क्रिप्टोकरंसी है। 2008 में शातो सी नाका मोतो नाम के एक रहस्यमई व्यक्ति ने जापान में इसे इजाद किया और 2009 की शुरुआत में इसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे रिलीज कर दिया।
बिटकॉइन की तुलना अक्सर सोने से की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये भी सोने की तरह सीमित है। यानी कि इसकी मात्रा सीमित है और एक समय के बाद इसे और बनाया नहीं जा सकेगा। यही कारण है कि इसकी कीमत साल दर साल बढ़ती ही जा रही है बिल्कुल सोने की तरह।
अपने शुरुआती दिनों में एक बिटकॉइन की कीमत इतनी कम थी की 2010 में 1 बिटकॉइन माइनर ने फ्लोरिडा में पापा जॉन साउथ लेट से दस हजार बिटकॉइन्स देकर सिर्फ दो पिज़्ज़ा खरीदे थे।
यह दुनिया में बिटकॉइन का पहला ऐसा ट्रांजैक्शन था, जिसमें बिटकॉइन के जरिए कुछ खरीदा गया। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीता इसकी कीमत बढ़ने लगी। तो चलिए एक नजर इसकी प्राइस हिस्ट्री पर भी डाल लेते हैं।
फरवरी 2011 में एक बिटकॉइन की कीमत एक अमेरिकन डॉलर थी लगभग 30 महीने बाद नवंबर 2013 में बिटकॉइन 1242 अमेरिकन डॉलर के बराबर हो गया। मई 2017 में बिटकॉइन की कीमत पहली बार $2000 को पार कर गई। इसके बाद इसकी कीमत में ऐसा उछाल आया कि सारी दुनिया दंग रह गई। बिटकॉइन सितंबर 2017 में $5000, नवंबर 2017 में $8000 और दिसंबर 2017 में $19000 से भी ऊपर पहुंच गया और अगर बात करें 2020 की तो दिसंबर 2020 में बिटकॉइन ने 28 हजार डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। 2021 में बिटकॉइन मंगलवार को पहली बार 50,000 डॉलर के आंकड़े को पार कर गया. माना जा रहा है कि इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) समेत कई कंपनियों के बिटक्वाइन को डिजिटल करेंसी (Digital Currency) के तौर पर मंजूरी देने के कारण इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
इंडियन करेंसी में बात करें तो लगभग 28 लाख रुपए का एक बिटकॉइन है । पिछले महीने की बात करें तो इसमें भी बिटकॉइन की कीमत और अधिक तेजी से बढ़ती हुई देखी गई। भारत की बात करें तो तकरीबन 1 साल पहले हिंदुस्तान में बिटकॉइन था ही नहीं।
किसी भी क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल करना गैरकानूनी था। क्योंकि अप्रैल 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग पर बैन लगा दिया था। उस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी यह कहा था कि सरकार क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को अवैध मानती है। लेकिन 4 मार्च 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई द्वारा लगाए गए क्रिप्टो करेंसी पर बैन को हटा दिया।
जिसके बाद भारत में क्रिप्टो करेंसी का अधिकारिक तौर पर इस्तेमाल शुरू हो गया और आज न जाने कितने हिंदुस्तानी है। जो बिटकॉइन में निवेश कर रातो रात, करोड़पति बन चुके हैं। अब अगर बिटकॉइन सोना है, तो क्रिप्टो करेंसी के बाजार में चांदी भी तो होगी ही। असल में क्रिप्टो करेंसी दुनिया की इकलौती बिटकॉइन करेंसी नहीं है, इसके अलावा भी कई कॉइंस हैं जिन्हें लोग खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। लाइट कॉइन और एथेरियम भी ऐसी ही कुछ करेंसी है, जिनका इस्तेमाल लोग खूब कर रहे हैं।
लेकिन एक क्रिप्टो करेंसी जो बिटकॉइन की सारी खूबियों के साथ एडवांस भी है और इन सब से अलग भी है वो है बैकपैकर कॉइन। बैकपैकर कॉइन को क्रिप्टोकरंसी की चांदी कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा। क्योंकि जो भी इसका इस्तेमाल करेगा समझिए उसकी चांदी ही चांदी है। इसकी सप्लाई बिटकॉइन से 1000000 कम है। लेकिन इसको भेजने की स्पीड बिटकॉइन से 10 गुना ज्यादा है। तो चलिए विस्तार से बात करते हैं बैकपैकर कॉइन के बारे में।
जैसा कि आप इस के नाम से अंदाजा लगा सकते हैं बैकपैकर क्वाइन यात्रियों और टूरिस्ट के लिए क्रिप्टो मार्केट में उतारा गया है यानी घूमने , फिरने वालों के लिए।
मगर कोरोनावायरस के चलते सभी प्रकार की यात्राएं तो बंद है। सुनने में यह भले ही बहुत बुरी खबर लग रही है। लेकिन अगर आप आने वाले समय में घूमने फिरने सोच रहे हैं या ट्रेवलिंग करने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए इससे अच्छी खबर और नहीं हो सकती।
दरअसल अब बैकपैकर क्वाइन की जो कीमत चल रही है वह आज से 9 साल पहले बिटकॉइन की थी। आज आप एक बैकपकर कॉइन ₹73 में खरीद सकते हैं जरा सोचिए अगर बैकपैकर कॉइन ने भी वही स्पीड पकड़ ली जो बिटकॉइन ने पकड़ी थी।
तो आने वाले समय में आपको कितने करोड़ों का फायदा होगा। फ्यूचर में अगर आप किसी बाहरी देश में तुमने जाना चाहते हैं, तो आपको उस देश की करंसी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको बस एक बैकपैकर कॉइन लेना है। दुनिया में इसी से सबको पेमेंट करते चले जाना है। यह बात दूर की लगती है परंतु आज क्रिप्टो को लेकर जो माहौल है। उसे देखकर लगता है कि आप बैकपैकर कॉइन का इस्तेमाल जल्द ही कर पाएंगे।।
इसका एक और फायदा है वो ये है कि आप इससे कन्वर्जन कॉस्ट बचा सकते हैं , दरअसल दूसरे देशों की करंसी खरीदने में 5% का खर्च आता है जिसे कन्वर्जन कॉस्ट कहते हैं। लेकिन बैकपैकर कॉइन इस्तेमाल करने वालों के लिए कन्वर्जन कॉस्ट 0.01 पर्सेंट होगी। इससे पैसा भी बचेगा और आप की करेंसी सुरक्षित भी रहेगी।
यही नहीं आपको अगर पैसा विदेश भेजना हो या मंगवाना हो, तब भी आप 0.01 प्रतिशत खर्चे पर ऐसा कर सकते हैं। वो भी सिर्फ मिनटों के अंदर ज्यादा इंतजार मत कीजिए। अपनी जेब के हिसाब से बैकपैकर कॉइन खरीदीये और आने वाले समय में दुनिया घूमने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
यह क्रिप्टोकरंसी ग्लोबल करेंसी के रूप में भी पहचानी जाती है। लेकिन भारत में इसका रुल अलग है। मिसाल के तौर पर अगर आप भारत में किसी भी एक्सचेंज से बिटकॉइन खरीदते हैं, तो आपको उस पर एक प्रीमियम देना पड़ता है।
अब ये प्रीमियम क्यों देना है इसकी वजह मुनाफावसूली के अलावा कुछ नहीं आप खुद भी गूगल पर बिटकॉइन का रेट चेक कर सकते हैं और जब आप इसकी तुलना भारत के किसी भी एक्सचेंज से करेंगे। तो सच्चाई खुद-ब-खुद आपके सामने आ जाएगी।
लेकिन यह घबराने की बात बिल्कुल नहीं है, भारत में अब आप वीजा पे एक्सचेंज से गूगल पर क्रिप्टो करेंसी खरीद या बेच सकते हैं यह यह स्वदेशी एक्सचेंज है जो पूरी तरह मेड इन इंडिया।
भारत में पहले से चल रहे एक्सचेंजों के बीच ऐसा करना चुनौतीपूर्ण तो है, पर जरूरी भी है। आप अपने क्रिप्टोकरंसी के सपने की शुरुआत विसा पे से कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि वीजा पे प्रोजेक्ट भारत के क्रिप्टो बाजार में बदलाव ला सकता है और अपनी जगह बना सकता है।
तो आप इस प्रोजेक्ट में केवल ₹5000 सिर्फ ₹5000 से अपनी हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। तो यह है क्रिप्टोकरंसी का पूरा मैथमेटिक्स। जिसके जरिए मैने आपको क्रिप्टोकरंसी का फ्यूचर बताने की कोशिश की है। लेकिन इसके साथ साथ मैं आपको यह सलाह भी दूंगा की क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने से पहले इससे जुड़े हुए हर तरह के रिस्क को को भी पहले जान लें और समझ ले।
ये शब्द आपने कभी ना कभी सुना ही होगा। खैर जो नहीं जानते, उन्हें यह बता दूं की क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। जिसे डिजिटल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है। कई एजेंसियों ने इसे वैल्यू एक्सचेंज का तरीका बताया है।
तो चलिए समझते हैं कि यह क्रिप्टो करेंसी होती क्या है?
मैक्सिको में मेक्सिकन पीसो, इटली में यूरो और अमेरिका की करेंसी है डॉलर। लेकिन यह एक फिजिकल करेंसी है जो आप लेनदेन के लिए कैश यूज करते हैं।
मौजूदा वक्त कई लोग नेट बैंकिंग और ऑनलाइन पेमेंट एप्स का भी इस्तेमाल करते हैं। यह सभी ट्रांजैक्शंस आपके बैंक की देखरेख में होती है। यानी आप जिस पार्टी को पेमेंट कर रहे हैं। उसके और आपके बीच एक बिचौलिए की तरह काम करता है।
लेकिन क्रिप्टोकरंसी इसका मामला थोड़ा अलग है। इस करेंसी का इस्तेमाल करने के लिए आपको किसी भी बिचौलिए की कोई जरूरत नहीं है। यह एक ऐसी करेंसी है, जिसे किसी देश का सेंट्रल बैंक कंट्रोल नहीं करता। हर ट्रांजैक्शन सीधे पेमेंट करने वाले और रिसीव करने वाले के बीच होता है।
जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया की क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, जिसे छापा नहीं जा सकता। इसे तो केवल इलेक्ट्रॉनिक तरीके से स्टोर किया जा सकता है यह डिसेंट्रलाइज्ड होती है।
डिसेंट्रलाइज का मतलब होता है जिस पर सेंटर का कंट्रोल नहीं होता। यहां तक कि इसे बनाने वाले का भी नहीं। इस के जरिए आप वर्चुअल ई-चीजें खरीद या बेच सकते हैं।
बिटकॉइन का नाम तो आप सब ने सुना ही होगा यह दुनिया की पहली क्रिप्टोकरंसी है। 2008 में शातो सी नाका मोतो नाम के एक रहस्यमई व्यक्ति ने जापान में इसे इजाद किया और 2009 की शुरुआत में इसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे रिलीज कर दिया।
बिटकॉइन की तुलना अक्सर सोने से की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये भी सोने की तरह सीमित है। यानी कि इसकी मात्रा सीमित है और एक समय के बाद इसे और बनाया नहीं जा सकेगा। यही कारण है कि इसकी कीमत साल दर साल बढ़ती ही जा रही है बिल्कुल सोने की तरह।
अपने शुरुआती दिनों में एक बिटकॉइन की कीमत इतनी कम थी की 2010 में 1 बिटकॉइन माइनर ने फ्लोरिडा में पापा जॉन साउथ लेट से दस हजार बिटकॉइन्स देकर सिर्फ दो पिज़्ज़ा खरीदे थे।
यह दुनिया में बिटकॉइन का पहला ऐसा ट्रांजैक्शन था, जिसमें बिटकॉइन के जरिए कुछ खरीदा गया। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीता इसकी कीमत बढ़ने लगी। तो चलिए एक नजर इसकी प्राइस हिस्ट्री पर भी डाल लेते हैं।
फरवरी 2011 में एक बिटकॉइन की कीमत एक अमेरिकन डॉलर थी लगभग 30 महीने बाद नवंबर 2013 में बिटकॉइन 1242 अमेरिकन डॉलर के बराबर हो गया। मई 2017 में बिटकॉइन की कीमत पहली बार $2000 को पार कर गई। इसके बाद इसकी कीमत में ऐसा उछाल आया कि सारी दुनिया दंग रह गई। बिटकॉइन सितंबर 2017 में $5000, नवंबर 2017 में $8000 और दिसंबर 2017 में $19000 से भी ऊपर पहुंच गया और अगर बात करें 2020 की तो दिसंबर 2020 में बिटकॉइन ने 28 हजार डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। 2021 में बिटकॉइन मंगलवार को पहली बार 50,000 डॉलर के आंकड़े को पार कर गया. माना जा रहा है कि इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) समेत कई कंपनियों के बिटक्वाइन को डिजिटल करेंसी (Digital Currency) के तौर पर मंजूरी देने के कारण इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
इंडियन करेंसी में बात करें तो लगभग 28 लाख रुपए का एक बिटकॉइन है । पिछले महीने की बात करें तो इसमें भी बिटकॉइन की कीमत और अधिक तेजी से बढ़ती हुई देखी गई। भारत की बात करें तो तकरीबन 1 साल पहले हिंदुस्तान में बिटकॉइन था ही नहीं।
किसी भी क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल करना गैरकानूनी था। क्योंकि अप्रैल 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग पर बैन लगा दिया था। उस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी यह कहा था कि सरकार क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को अवैध मानती है। लेकिन 4 मार्च 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई द्वारा लगाए गए क्रिप्टो करेंसी पर बैन को हटा दिया।
जिसके बाद भारत में क्रिप्टो करेंसी का अधिकारिक तौर पर इस्तेमाल शुरू हो गया और आज न जाने कितने हिंदुस्तानी है। जो बिटकॉइन में निवेश कर रातो रात, करोड़पति बन चुके हैं। अब अगर बिटकॉइन सोना है, तो क्रिप्टो करेंसी के बाजार में चांदी भी तो होगी ही। असल में क्रिप्टो करेंसी दुनिया की इकलौती बिटकॉइन करेंसी नहीं है, इसके अलावा भी कई कॉइंस हैं जिन्हें लोग खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। लाइट कॉइन और एथेरियम भी ऐसी ही कुछ करेंसी है, जिनका इस्तेमाल लोग खूब कर रहे हैं।
लेकिन एक क्रिप्टो करेंसी जो बिटकॉइन की सारी खूबियों के साथ एडवांस भी है और इन सब से अलग भी है वो है बैकपैकर कॉइन। बैकपैकर कॉइन को क्रिप्टोकरंसी की चांदी कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा। क्योंकि जो भी इसका इस्तेमाल करेगा समझिए उसकी चांदी ही चांदी है। इसकी सप्लाई बिटकॉइन से 1000000 कम है। लेकिन इसको भेजने की स्पीड बिटकॉइन से 10 गुना ज्यादा है। तो चलिए विस्तार से बात करते हैं बैकपैकर कॉइन के बारे में।
जैसा कि आप इस के नाम से अंदाजा लगा सकते हैं बैकपैकर क्वाइन यात्रियों और टूरिस्ट के लिए क्रिप्टो मार्केट में उतारा गया है यानी घूमने , फिरने वालों के लिए।
मगर कोरोनावायरस के चलते सभी प्रकार की यात्राएं तो बंद है। सुनने में यह भले ही बहुत बुरी खबर लग रही है। लेकिन अगर आप आने वाले समय में घूमने फिरने सोच रहे हैं या ट्रेवलिंग करने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए इससे अच्छी खबर और नहीं हो सकती।
दरअसल अब बैकपैकर क्वाइन की जो कीमत चल रही है वह आज से 9 साल पहले बिटकॉइन की थी। आज आप एक बैकपकर कॉइन ₹73 में खरीद सकते हैं जरा सोचिए अगर बैकपैकर कॉइन ने भी वही स्पीड पकड़ ली जो बिटकॉइन ने पकड़ी थी।
तो आने वाले समय में आपको कितने करोड़ों का फायदा होगा। फ्यूचर में अगर आप किसी बाहरी देश में तुमने जाना चाहते हैं, तो आपको उस देश की करंसी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको बस एक बैकपैकर कॉइन लेना है। दुनिया में इसी से सबको पेमेंट करते चले जाना है। यह बात दूर की लगती है परंतु आज क्रिप्टो को लेकर जो माहौल है। उसे देखकर लगता है कि आप बैकपैकर कॉइन का इस्तेमाल जल्द ही कर पाएंगे।।
इसका एक और फायदा है वो ये है कि आप इससे कन्वर्जन कॉस्ट बचा सकते हैं , दरअसल दूसरे देशों की करंसी खरीदने में 5% का खर्च आता है जिसे कन्वर्जन कॉस्ट कहते हैं। लेकिन बैकपैकर कॉइन इस्तेमाल करने वालों के लिए कन्वर्जन कॉस्ट 0.01 पर्सेंट होगी। इससे पैसा भी बचेगा और आप की करेंसी सुरक्षित भी रहेगी।
यही नहीं आपको अगर पैसा विदेश भेजना हो या मंगवाना हो, तब भी आप 0.01 प्रतिशत खर्चे पर ऐसा कर सकते हैं। वो भी सिर्फ मिनटों के अंदर ज्यादा इंतजार मत कीजिए। अपनी जेब के हिसाब से बैकपैकर कॉइन खरीदीये और आने वाले समय में दुनिया घूमने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
यह क्रिप्टोकरंसी ग्लोबल करेंसी के रूप में भी पहचानी जाती है। लेकिन भारत में इसका रुल अलग है। मिसाल के तौर पर अगर आप भारत में किसी भी एक्सचेंज से बिटकॉइन खरीदते हैं, तो आपको उस पर एक प्रीमियम देना पड़ता है।
अब ये प्रीमियम क्यों देना है इसकी वजह मुनाफावसूली के अलावा कुछ नहीं आप खुद भी गूगल पर बिटकॉइन का रेट चेक कर सकते हैं और जब आप इसकी तुलना भारत के किसी भी एक्सचेंज से करेंगे। तो सच्चाई खुद-ब-खुद आपके सामने आ जाएगी।
लेकिन यह घबराने की बात बिल्कुल नहीं है, भारत में अब आप वीजा पे एक्सचेंज से गूगल पर क्रिप्टो करेंसी खरीद या बेच सकते हैं यह यह स्वदेशी एक्सचेंज है जो पूरी तरह मेड इन इंडिया।
भारत में पहले से चल रहे एक्सचेंजों के बीच ऐसा करना चुनौतीपूर्ण तो है, पर जरूरी भी है। आप अपने क्रिप्टोकरंसी के सपने की शुरुआत विसा पे से कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि वीजा पे प्रोजेक्ट भारत के क्रिप्टो बाजार में बदलाव ला सकता है और अपनी जगह बना सकता है।
तो आप इस प्रोजेक्ट में केवल ₹5000 सिर्फ ₹5000 से अपनी हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। तो यह है क्रिप्टोकरंसी का पूरा मैथमेटिक्स। जिसके जरिए मैने आपको क्रिप्टोकरंसी का फ्यूचर बताने की कोशिश की है। लेकिन इसके साथ साथ मैं आपको यह सलाह भी दूंगा की क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने से पहले इससे जुड़े हुए हर तरह के रिस्क को को भी पहले जान लें और समझ ले।