जान बचा सकता है पेट के बल लेटना - यह सेल्फ नेचुरल वेंटिलेटर है।

दोस्तों आप लोगों ने एक कहावत सुनी होगी की डूबते को तिनके का सहारा काफी होता है अगर किसी इंसान जब वह दिक्कत में है उसे अगर कोई भी छोटी सी भी चीज उसको मिल जाए तो उसकी जान बचा सकती है और उसकी हेल्प कर सकती है और वह उसके लिए रामबाण साबित होती है।

यहां पर यह लेख एक न्यूज़पेपर की प्रीत पर आधारित है जो कि कहने के लिए एक छोटी सी बात है लेकिन बहुत सारे लोगों के लिए लगभग 80% लोगों के लिए यह फायदा पहुंचाता हुआ नजर आ रहा है खासकर उन लोगों के लिए जिनको सांस लेने में दिक्कत हो रही है आप लोगों ने देखा करो ना वायरस की बीमारी की वजह से काफी लार्ज स्केल पर वेंटिलेटर की कमी चल रही है पर लेकिन यह एक छोटी सी तकनीक है जो आप लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत महसूस नहीं होने देगा और काफी हद तक यह आप लोगों को भरपाई करते हुए नजर आएगी खासकर उस टाइम पर जब वेंटिलेटर नहीं है अगर मिल रहा है तो कोई दिक्कत ही नहीं है 

लेकिन अगर वेंटिलेटर नहीं मिल रहा है तो यह काफी अच्छा तरीका है बॉडी में ऑक्सीजन को मेंटेन रखने का इस तकनीकी के बारे में थोड़ा सा आप लोगों को बता देता हूं खासकर यह जो है पिक्चर जो मैं आपको दिखा देता हूं

देखिए नॉर्मल ही अगर सोने की बात करें तो आप लोगों को देखने को मिलेगा कि आप लोग ऊपर सिर करके सोते हैं मतलब ऊपर मुंह करके सोते हैं इसको सु्पाइन पोजीशन कहा जाता है।



और अगर आप नीचे मुंह करके आने की सिर नीचे की ओर करके सोते हैं तो इसे प्रोन पोजीशन बोलते हैं इसी के नाम पर जो कि आप लोग बोलते हैं मुंधा लेटना।
तो मुंधा लेटने के कारण ही इसे प्रोन पोजीशन बोला गया है और यह एक तरीके से वेंटिलेटर का काम कर रहा है अगर आप लोग अपनी बॉडी को ऐसे सीधा रखते हैं।

प्रोन पोजीशन के लिए आपको उल्टा लेटना है एक तकिया आपको सर के नीचे रखना है एक तकिया चेस्ट के नीचे रहेगा और बाकी एक तकिया आप अपने पैरों के नीचे रख सकते हैं और एक क्या अपने पेट से थोड़ा नीचे रख सकते हैं यहां पर आप दो दो तकिया के रख सकते हैं एक की जगह इस पोजीशन में लेटने से जो आप लोगों का ऑक्सीजन का लेवल है वह काफी अच्छा है।



यह काफी अच्छा साबित हो रहा है और जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है वह है यह पर ओन पोजिशन यह 1 तरीके से प्राकृतिक वेंटिलेटर है जो कि हमारे द्वारा खोजा गया है। काफी सारी लोगों को इससे फायदा हो रहा है और यह बताया जा रहा है कि लगभग 80% ताकि यहां पर कारगर साबित हो रही है।

इसको 6 से 8 घंटे मे 40 से 45 बार आप तो रह सकते हैं। अगर आप को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और एक बार में आप अगर 40 से 43 मिनट तक लेट जाते हैं। इसी पोजीशन में तो आपको बहुत ज्यादा फायदा देखने को मिलेगा और नुकसान इसका कोई नहीं है 80 परसेंट तक इसका सिर्फ फायदा ही है तो यह नॉर्मल तो आप लोगों ने देखा होगा कि जब आप उल्टा लिखते हैं तो आपको कोई तकलीफ नहीं होती है ज्यादातर अगर किसी खास किस्म की बीमारी को मैं छोड़ दूं तो।

अगर आप लोगों के पास वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है तो आप यह तकनीक अपना सकते हैं और अगर आपके पास भी ऐसा कोई व्यक्ति है तो आप उससे यह करवा सकते हैं। इस जानकारी को सभी लोगों तक पहुंचाएं और इस ब्लॉग को कृपया करके शेयर कर दें जो कि मानवता के नाते किसी का भला हो सके और इस पोस्ट को फेसबुक व्हाट्सएप या अन्य किसी भी जल्दी से आप शेयर कर सकते हैं और अगर आप लोगों के पास कोई अन्य सुझाव है या फिर कोई बात मैंने छोड़ दी है वह वह आपको पता है।

तो आप मेरे को कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं ताकि मैं उससे भी इस पोस्ट में लिखकर आगे बढ़ा सकूं और यह पोजीशन तो आप भी रोज कोशिश करो कि दिन में 40 से 50 मिनट तक कर पाओ। जिस को लगता है कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है तो आप लोगों को भी यह फायदा पहुंचाती हुई नजर आएगी और यह बिल्कुल प्राकृतिक है इसमें तो बिल्कुल कुछ लग ही नहीं रहा है।

बस कुछ लग रहे हैं जो आपके घर में वैसे भी उपलब्ध होंगे और नीचे धरती में भी आप एक फ्लैट सर्फेस पर लेट सकते हैं। तो भी आपको कोई दिक्कत देखने को नहीं मिलेगी और यह जानकारी एक प्राकृतिक वेंटिलेटर का काम कर रही है। तो मुझे नहीं लगता इतनी बड़ी महामारी के समय पर इससे अच्छा कोई तरीका हो सकता है। लोगों के साथ में कोई इंफॉर्मेशन शेयर करने का जिनके पास वेंटिलेटर नहीं है या पैसों की कमी हो रही है या फिर कहीं हॉस्पिटल में उसको जगह नहीं मिल रही है। उसकी वजह से बहुत सारे लोगों की जान जा रही है। आज के दिन तो क्यों ना एक छोटी सी मुहिम चलाई जाए जो आप लोगों तक पहुंचाई जाए और अगर कुछ लोगों की जान बच जाएगी। आपकी वजह से या हमारे कुछ लिखने की वजह से तो सोचे हम कितना बड़ा काम कर जाएंगे।

भगवान आपका भला करें

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