दीपावली पर बनाए जाने वाले सबसे स्वादिष्ट पकवान कौन से हैं?
ब्रेड के दही बड़े :
दही बड़े अधिकांशतः उड़द या मूंग दाल से बनते हैं। जब जल्दी में दही बड़े बनाने हों तो ब्रेड से बनाना बहुत आसान है।
विधि- व्हाईट ब्रेड की दस पीस को साइड से काटकर ब्राउन पार्ट हटा देंगे। अब हर टुकड़े को घर में कोई गोल कटोरी जो छोटी आकार की हो उससे दबाकर काट लेंगे। सब टुकड़े को ऐसे ही काटकर एक बड़े काँच के बर्तन में रख लेंगे।
अब 700,ग्राम दही को अच्छे से फेंटकर उसमें नमक ,थोड़ा सा चीनी,पानी, भुना हुआ जीरा पाउडर डालकर मिला लेंगे। दही को थोड़ा गाढ़ा ही रखना है।
अब इस तैयार दही को ब्रेड के ऊपर डाल देंगे। थोड़ी देर फ्रिज में रखने के बाद; परोसने के पहले इसके ऊपर लाल मिर्च पाउडर, काला नमक पाउडर,जीरा पाउडर, कटी हुई हरी धनिया की पत्ती, इमली की मीठी चटनी सब डाल कर चटपटा बना देंगें।
ब्रेड से बने दही बड़े तैयार हैं जो खानें में स्वादिष्ट के साथ हल्का भी होता है। जरूर बना कर देखें।
मठिया -
ये डिजाइन हाथ की बनी हुई है और काफी बारीक है, किसी अनुभवी हाथ का कमाल दिख रहा है।
पोहा का चिवडा:
ब्रेड के दही बड़े :
दीपावली पर बनाए जाने वाले सबसे स्वादिष्ट पकवान कौन से हैं? |
दही बड़े अधिकांशतः उड़द या मूंग दाल से बनते हैं। जब जल्दी में दही बड़े बनाने हों तो ब्रेड से बनाना बहुत आसान है।
विधि- व्हाईट ब्रेड की दस पीस को साइड से काटकर ब्राउन पार्ट हटा देंगे। अब हर टुकड़े को घर में कोई गोल कटोरी जो छोटी आकार की हो उससे दबाकर काट लेंगे। सब टुकड़े को ऐसे ही काटकर एक बड़े काँच के बर्तन में रख लेंगे।
अब 700,ग्राम दही को अच्छे से फेंटकर उसमें नमक ,थोड़ा सा चीनी,पानी, भुना हुआ जीरा पाउडर डालकर मिला लेंगे। दही को थोड़ा गाढ़ा ही रखना है।
अब इस तैयार दही को ब्रेड के ऊपर डाल देंगे। थोड़ी देर फ्रिज में रखने के बाद; परोसने के पहले इसके ऊपर लाल मिर्च पाउडर, काला नमक पाउडर,जीरा पाउडर, कटी हुई हरी धनिया की पत्ती, इमली की मीठी चटनी सब डाल कर चटपटा बना देंगें।
ब्रेड से बने दही बड़े तैयार हैं जो खानें में स्वादिष्ट के साथ हल्का भी होता है। जरूर बना कर देखें।
मठिया -
जो मोठ की और उडद की धुली दाल से बनते है और उसे घर पर बनाने में बहोत मेहनत लगती है। उसके आटे को कडक गुंथना और उसे बहोत कुटना पडता है। पर अब बेले हुए मठिया तैयार मिलते है। तो सिर्फ घर पर तलना होता है। ये कुरकुरे, मुंहमें घुलने वाले और बेहद चटपटे होते है। गुजरात में मुश्किल से कोई ऐसा मिलेगा जिसको मठिया पसंद ना हो।
चोलाफली
ये लोबिया की दाल और बेसन से बनते है। इसे भी मठिया की तरह कडक आटा गुंद कर काफी कुटना पडता है। बेलते बेलते हाथ दुख जाये इतना कडक आटा होता है। ये भी अब बेले हुए तैयार मिलते है। और उसके उपर सुखा मसाला डालकर, बेसन और पुदीने की चटनी के साथ खाते है। ये भी बहुत ही टेस्टी होते है।
सुंवाळी
ये मैदे से बनती है और मीठी और क्रीस्पी होती है। घी का मोईन और शक्कर की चासनी में इसका आटा गुंथा जाता है। ये बनाना थोडा आसान है पहले दो के मुकाबले।
घुघरा
चोलाफली
ये लोबिया की दाल और बेसन से बनते है। इसे भी मठिया की तरह कडक आटा गुंद कर काफी कुटना पडता है। बेलते बेलते हाथ दुख जाये इतना कडक आटा होता है। ये भी अब बेले हुए तैयार मिलते है। और उसके उपर सुखा मसाला डालकर, बेसन और पुदीने की चटनी के साथ खाते है। ये भी बहुत ही टेस्टी होते है।
सुंवाळी
ये मैदे से बनती है और मीठी और क्रीस्पी होती है। घी का मोईन और शक्कर की चासनी में इसका आटा गुंथा जाता है। ये बनाना थोडा आसान है पहले दो के मुकाबले।
घुघरा
जिसे हिन्दी में गुजिया कहते है। ये भी मीठा होता है। उसमें भरने के लिये सुजी, नारियल का बुरादा, मेवा जैसी चीझे इस्तेमल होती है और हर घरकी अलग अलग पद्धति होती है। मै सुजी और नारियल के बुरादे के बनाती हुं। उसमें और सुखे मेवे पडे ना पडे, ईलायची और चिरोंजी जरूर पडती है। उसको भरकर उसकी डिजाईन हाथ से बनाना भी एक कला है जिसे हम कांगरी कहते है। जितनी बारीक डिजाइन उतनी आपकी उस पर अनुभव ज्यादा।
ये डिजाइन हाथ की बनी हुई है और काफी बारीक है, किसी अनुभवी हाथ का कमाल दिख रहा है।
पोहा का चिवडा:
ये पोहा बनाने वाले मोटे पोहे से बनते है। उसमें मुंगफली के दाने, काजु, किसमिस, मीठे नीमके पत्ते, हरी मीर्चके टुकडे, सुखे नारियल के टुकडे, रोस्टेड चनादाल, ये सब तेल में तलकर तले हुए पोहे में मिलाकर और उसमे हल्दी पावडर, नमक और पीसी हुई शक्कर मिलाकर बनाते है।
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